महिला अपराधों के लिए जीरो टालरेंस नीति अपनाएगी पुलिस
02-Oct-2015 07:33 AM 1234819

मध्य प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए शासन और प्रशासन ने कड़े कदम उठाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में पुलिस महानिदेशक सुरेन्द्र सिंह ने महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में और अधिक संवेदनशीलता, सक्रियता एवं तत्परता से कार्यवाही करने के निर्देश प्रदेश के समस्त पुलिस अधीक्षकों को दिए है। उन्होंने कहा है कि महिलाओं के विरुद्ध घटित अपराधों के प्रति जीरो टालरेंसÓÓ की नीति अपनाई जाए।
उल्लेखनीय है कि सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहा है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार मप्र में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। हालांकि प्रदेश सरकार का कहना है कि प्रदेश में छोटे-छोटे अपराधों को भी तत्परता से दर्ज किया जाता है। इसलिए आंकड़े भले ही ज्यादा दिखते हों लेकिन यह हमारी पुलिस की संवेदनशीलता का उदाहरण है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महिला अपराध शाखा अरुणा मोहन राव कहती हैं कि प्रदेश में न केवल अपराधों पर अंकुश लगाने बल्कि अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए प्रदेश पुलिस तत्परता से कार्य कर रही है।  अब इसी दिशा में पुलिस महानिदेशक ने निर्देश जारी कर सभी पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि महिलाओं के विरुद्ध अपराधों का पंजीयन सुनिश्चित किया जाए। बलात्कार के प्रकरणों में वैज्ञानिक तकनीक से अनुसंधान और विवेचना पूर्ण कर 15 दिवस में चालान प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने कहा है  कि नाबालिग बच्चों के साथ लैंगिक अपराध की स्थिति में बालकों के लैगिंक शोषण से संरक्षण अधिनियमÓÓ के तहत कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। सिंह ने कहा है  कि किसी अपराध से पीडि़त या पीडि़त के आश्रित को, जिन्हें अपराध के परिणाम स्वरुप हानि या क्षति हुई है, प्रतिकर सम्बन्धी कार्यवाही के लिये मध्यप्रदेश अपराध पीडि़त प्रतिकर योजना के प्रावधानों का पालन किया जाये। एडीजी अरुणा मोहन राव के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के मद्देनजर प्रदेश के दस जिलों में स्पेशल सेल बनाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय की सलाह के बाद उन जिलों में शुरू किया जाएगा, जहां महिलाओं के खिलाफ प्रदेश में सबसे ज्यादा अपराध हैं। इस टीम के सदस्यों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि महिलाओं से जुड़े अपराधों की जांच सलीके से कर सकें।
एडीजी अरुणा मोहन राव के मुताबिक इसे बनाने के लिए सभी प्रदेश मुख्यालयों को केंद्रीय गृहमंत्रालय से निर्देश जारी हुए थे। मप्र पुलिस मुख्यालय ने इसका प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय गृहमंत्रालय को भेज दिया है। इसके तहत फिलहाल भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, धार, शहडोल, सागर, बैतूल और छिंदवाड़ा जिलों को चुना गया है। केंद्र सरकार ने केवल मप्र में इसके लिए करीब साढ़े नौ करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं।
सेल में चुने गए स्टाफ को महिला संबंधी अपराधों की विवेचना के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इन्हें वीआईपी ड्यूटी में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। फायदा ये होगा कि महिलाओं से जुड़े अपराधों को अंजाम देने वाले आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो सकेगी। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश देश का एक ऐसा राज्य है जहां सबसे पहले राज्य स्तर पर महिला नीति तैयार कर क्रियान्वित की गयी है और जहां सरकार द्वारा बालिकाओं के जन्म से लेकर विवाह तक के लिए कई सारी योजनायें चलाई जा रही है। इतना कुछ होने के बावजूद महिलाओं और किशोरियों के खिलाफ अपराध का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है।

पुलिस महानिदेशक का चार बिंदुओं पर निर्देश
पुलिस महानिदेशक ने पुलिस अधीक्षकों के लिए जो निर्देश जारी किया है उसके अनुसार प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध अपराधों का मुक्त पंजीयन सुनिश्चित किया जाए और दंड विधि संशोधन अधिनियम 2013 के अनुसार सभी संज्ञेय अपराधों में तत्काल अपराध पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना की जाए। महिला संबंधी अपराध की शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल अपराध पंजीबद्ध किया जाए तथा उसकी जांच व अन्वेषण साथ-साथ न किया जाए तथा इस संबंध में धारा 2 (ज) दण्ड प्रक्रिया संहिता का पालन किया जाए। नाबालिक बच्चों के साथ हो रहे लैंगिक अपराधों में बालकों के लैंगिक शोषणा से संरक्षण अधिनियम के तहत कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। किसी अपराध से पीडि़त या पीडि़त के आश्रित को, जिन्हें अपराध के परिणाम स्वरूप हानि या क्षति कारित हुई है प्रतिकर संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु मध्यप्रदेश अपराध पीडि़त प्रतिकर योजना में निहित प्रावधानों का पालन किया जाए। बलात्कार के प्रकरणों में सजायाबी का स्तर बहुत कम है, अत: प्रकरण का अनुसंधान वैज्ञानिक तकनीकी से किया जाए। पुलिस महानिदेशक ने अपने निर्देश में कहा है कि सभी जिलों में फास्ट ट्रेक कोर्ट स्थापित किए गए है, अत: आप अपने जिले के फास्ट ट्रेक कोर्ट के न्यायाधीशों से सतत् सम्पर्क में रहे एवं जिला मॉनिटरिंग कमेटी व्यक्तिगत रूचि लेकर संपादित करवाए।
-मारकण्डेय तिवारी

FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^