16-Sep-2015 02:36 PM
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मप्र कांग्रेस में प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर मचे दंगल के बीच आलाकमान ने यह कह कर उम्रदराज, निष्क्रिय और मठाधीश टाइप नेताओं की बोलती बंद कर दी है कि अब पार्टी में युवाओं को हर

मोर्चे पर कमान सौंपी जाएगी। इसके तहत आलाकमान सबसे पहले जल्द ही जिलों की कमान युवाओं को सौंपने जा रहा है। उल्लेखनीय है कि लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जर्नादन द्विवेदी ने मध्यप्रदेश कांग्रेस की 193 सदस्यीय कमेटी की घोषणा की तो कांग्रेस की राजनीति में भूचाल आ गया। आना भी लाजमी था क्योंकि दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह के अलावा उनके खास समर्थक माणक अग्रवाल, आरिफ अकील और आभा सिंह की भी अहम पदों से छुट्टी हो गई। ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी महेंद्र सिंह कालूखेड़ा और सुरेश पचौरी गुट से राजीव सिंह का भी पत्ता साफ हो गया। इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सामने प्रदर्शन और पुतला दहन तक किया जाने लगा। कई नेताओं ने दिल्ली दरबार में भी गुहार लगाई, लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा मिली है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव लंबे समय से कार्यकारिणी घोषित करने की कवायद में जुटे थे, लेकिन गुटों में बटी प्रदेश कांग्रेस उन्हें हर बार पीछे खींच लेते थे। दिग्गज नेताओं के गुट बार-बार दिल्ली पहुंचकर यादव की सूची में फेरबदल करवा देते जो उन्हें मंजूर नहीं होता। लेकिन इस बार प्रदेश अध्यक्ष के प्रभाव वाली सूची के जारी होते ही बवाल शुरू हो गया है। प्रदेश कार्यकारिणी में जगह पाने में सफल नहीं हो सके नेता अभी भी आस लगाए हुए हैं कि कहीं बिल्ली के भाग्य से छींका टूट जाए तो उन्हें भी मक्खन मिल सकता है। उधर, अरुण यादव पर आरोप है कि उन्होंने योग्यता के बजाए जी-हजूरी करने वालों को पदों से नवाजा है। यह भी आरोप लग रहे हैं कि कांग्रेस ने पद बंटे नहीं, बिके हैं। भोपाल उतर से चार बार के विधायक आरिफ अकील अपनी उपेक्षा से नाराज होकर पार्टी छोडऩे का मन बना चुके हैं। अकील फिलहाल वेट एण्ड वाच की स्थिति में है। उनका कहना है कि कुछ दिन पर सबके सामने आ जाएगा कि वे क्या करेंगे। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सबसे ज्यादा समय देने वाले और सक्रिय उपाध्यक्ष मानक अग्रवाल को घर बिठा दिया गया है। पार्टी के 6 बार के विधायक डॉ. गोविंद सिंह भी भारी नाराज हैं। इस बीच खबर आ रही है कि आलाकमान संगठन में अधिक से अधिक युवाओं को शामिल करना चाहता है। इसके लिए सबसे पहले जिलों की कमान युवाओं को देने की तैयारी की जा रही है। प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश कहते हैं कि मप्र कांग्रेस कमेटी कार्यकारिणी में नए और पुराने चेहरों को शामिल किया गया है और अब संगठन में अधिक से अधिक युवाओं को शामिल करने की कार्ययोजना पर विचार चल रहा है। वह कहते हैं की आगामी समय को देखते हुए राहुल गांधी युवाओं की टीम बना रहे हैं। आज देश में सबसे अधिक युवा मतदाता हैं इसलिए युवाओं को अधिक महत्व दिया जाएगा। वहीं अरुण यादव का कहना है कि कार्यकारिणी को लेकर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया गया था। राहुल गांधी ने युवा चेहरों को आगे लाने के निर्देश दिए थे, इसलिए कार्यकारिणी का स्वरूप युवा है। सभी प्रमुख नेताओं के समर्थक पदाधिकारियों को पर्याप्त स्थान मिले इसका भी ध्यान रखा गया है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों की जंबो सूची से आरिफ अकील व मानक अग्रवाल के नाम हटाकर अनुशासन की सीख देने का प्रयास किया गया है। ये दोनों ऐसे नाम हैं जो गाहे ब गाहे मौका मिलते ही विरोध से नहीं चूकते थे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में लंबे समय से अलग-अलग जिम्मेदारी संभालने वाले उपाध्यक्ष मानक अग्रवाल ने विधानसभा चुनाव और नगर निगम चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के खिलाफ खुलेआम बयान दिए। यही बात विधायक आरिफ अकील के साथ रही। उन्होंने भी विधानसभा चुनाव प्रत्याशी चयन में सुनील सूद से लेकर आरिफ मसूद तक के नाम का विरोध किया था।
20 जिलों का बदलेगा नेतृत्व
प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नई टीम घोषित होने के बाद अब जिला कांग्रेस कमेटी के नए पदाधिकारियों और कार्यकारिणी पर सबकी निगाहें हैं। जिलों में जिलाध्यक्ष सहित जिला कार्यकारिणी को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के नेतृत्व में नई कार्यकारिणी के गठन से यह साफ हो गया है कि जिला कांग्रेस कमेटी के चुनाव नहीं होंगे बल्कि यह जिलाध्यक्ष का मनोनयन होगा। गौरतलब है कि जिला कांग्रेस ने एक माह से सदस्यता अभियान चला रहा था। इसे लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि जिलाध्यक्ष पद के लिए चुनाव होंगे। लेकिन पीसीसी के गठन के बाद चुनाव की संभावनाओं पर विराम लग गया है। जिलाध्यक्षों को बदले जाने की अटकलों के बाद कांग्रेस में नेताओं की सक्रियता बढ़ गई है। पीसीसी के पदाधिकारियों की सूची से यह स्पष्ट हो गया है कि अब नई नियुक्तियों में युवा चेहरे को ही प्राथमिकता दी जाएगी। बताया जाता है कि हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव ने लगभग 20 जिलाध्यक्षों, लगभग सभी संभागीय प्रवक्ता और प्रदेश प्रवक्ताओं की नई प्रस्तावित सूची केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दी है। इस सूची में भोपाल और इंदौर के जिलाध्यक्षों के नाम भी शामिल हैं। यादव समर्थकों का दावा है कि पार्टी हाईकमान पूरी तरह अरूण यादव के साथ है। इसलिए उनके द्वारा प्रस्तावित नए जिलाध्यक्षों की घोषणा जल्द होने की संभावना है। इसके अलावा सभी संभागों के प्रवक्ताओं के बदलने का प्रस्ताव भी दिल्ली पहुंच गया है।
प्रदेश प्रवक्ताओं में किसी को हटाने के बजाए कुछ नए नाम जोडऩे का प्रस्ताव है।
-कुमार विनोद