17-Sep-2015 06:23 AM
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कभी पिछड़ा माना जाने वाला राजस्थान अब देश को आईएएस अफसर देने में आगे निकल रहा है। पिछले छह सालों में ही राजस्थान से 111 आईएएस अफसरों का सलेक्शन हो चुका है। यानी कुल

चयनित अफसरों में से 11 फीसदी राजस्थान से हैं। यह उपलब्धि इसलिए भी अहम है क्योंकि कभी हमारे राज्य से सालाना छह या सात आईएएस अफसर ही चयनित हो पाते थे। पिछले साल हुई सिविल सेवा परीक्षा में प्रदेश से 18 आईएएस सलेक्ट हुए। उससे पिछले साल यानी 2013 में तो आंकड़ा 28 तक पहुंच गया था। बहरहाल, पिछले साल देशभर से 180 आईएएस को केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय ने हाल ही कैडर अलॉट किया है। राजस्थान से सलेक्ट 18 में से दो आईएएस को होम कैडर मिला है। अभी हमारे कई अफसर केंद्र में प्रमुख पदों पर भी हैं।
उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राजीव महर्षि और सुनील अरोड़ा ने केन्द्रीय सचिव का पद ग्रहण किया है। अरोड़ा को सूचना एवं प्रसाण मंत्रालय में सचिव पद पर नियुक्त किया गया है। इससे राजस्थान के अफसरों का कद देश की नौकरशाही में बढ़ा है। ज्ञातव्य है कि अभी तक उत्तर प्रदेश, बिहार और दक्षिण भारत से सबसे अधिक आईएएस निकलते हैं, लेकिन राजस्थान अब इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में छह साल पहले तक हालात ऐसे नहीं थे की यहां से आईएएस बनने वालों का आंकड़ा दहाई भी नहीं पार कर रहा था। 2005 से 2008 के बीच कुल 27 आईएएस ही चुने गए थे। सालाना आंकड़ा तो दहाई तक भी नहीं पहुंचता था। 2013 में राज्य से 28 आईएएस चयनित हुए। यानी कुल स्ट्रेंथ का 15.55 फीसदी। इस साल प्रदेश से अब तक सर्वाधिक संख्या में आईएएस चयनित हुए और राज्य यूपी, बिहार, दिल्ली और दक्षिणी राज्यों के बराबर आकर खड़ा हो गया। 2012 और 2013 में राज्य से 20-20 अफसर सलेक्ट हुए थे। 2014 में राजस्थान से 18 आईएएस चयनित हुए। जबकि केरल से आठ, उत्तरप्रदेश से 16, बिहार से 8, कर्नाटक से 11, आंध्रप्रदेश से 17 आईएएस चयनित हुए। ये वो राज्य हैं जिनका सिविल सेवा परीक्षाओं में सबसे ज्यादा दबदबा रहता है। 2014 में सर्वाधिक 25 आईएएस तमिलनाडु से चयनित हुए। उधर, राज्य में आईएएस अफसरों की फौज बढ़ाने से केंद्र ने मना कर दिया है। आईएएस अफसरों की कैडर रिव्यू की फाइल को केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने वापस लौटा दी है। साथ ही नसीहत दी है कि कैडर में केवल पांच फीसदी की ही बढ़ोत्तरी की जा सकती है। इसके बाद कार्मिक महकमे ने नए सिरे से प्रस्ताव बनाकर फाइल मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के पास भेज दी है। इसका सीधा असर आरएएस से आईएएस प्रमोशन कोटे पर भी पड़ेगा। प्रस्ताव में आरएएस प्रमोट होकर आईएएस बनाए जा सकेंगे।
राजस्थान में फिलहाल 296 आईएएस अफसरों का कैडर है। प्रदेश सरकार की मंशा थी कि इसे बढ़ाकर 365 किया जाए। इसका प्रस्ताव भी बनाकर काफी समय पहले केंद्र को भेज दिया गया था। कैडर पोस्ट बढऩे का सबसे अधिक फायदा इससे सीधे तौर पर राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अफसरों को होता। क्योंकि कैडर के विस्तार होने की स्थित में उन्हें आईएएस बनने का अधिक मौका मिलता। कुल संख्या का 30 फीसदी पद राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अफसरों को प्रमोट करके भरा जाता है। नए प्रस्ताव के अनुसार आईएएस का कैडर 296 से बढ़ाकर 315 तक करने की है। इसकी फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंच चुकी है। अब मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलने के बाद फिर से फाइल केंद्र को भेजी जाएगी।
आईएएस की फौज बढ़ाने से केंद्र की ना
राज्य में आईएएस अफसरों की फौज बढ़ाने से केंद्र ने मना कर दिया है। आईएएस अफसरों की कैडर रिव्यू की फाइल को केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने वापस लौटा दी है। साथ ही नसीहत दी है कि कैडर में केवल पांच फीसदी की ही बढ़ोत्तरी की जा सकती है। इसके बाद कार्मिक महकमे ने नए सिरे से प्रस्ताव बनाकर फाइल मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के पास भेज दी है। प्रस्ताव में आरएएस प्रमोट होकर आईएएस बनाए जा सकेंगे। राजस्थान में फिलहाल 296 आईएएस अफसरों का कैडर है। प्रदेश सरकार की मंशा थी कि इसे बढ़ाकर 365 किया जाए। इसका प्रस्ताव भी बनाकर काफी समय पहले केंद्र को भेज दिया गया था। कैडर पोस्ट बढऩे का सबसे अधिक फायदा इससे सीधे तौर पर राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अफसरों को होता। क्योंकि कैडर के विस्तार होने की स्थित में उन्हें आईएएस बनने का अधिक मौका मिलता। कुल संख्या का 30 फीसदी पद राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अफसरों को प्रमोट करके भरा जाता है। नए प्रस्ताव के अनुसार आईएएस का कैडर 296 से बढ़ाकर 315 तक करने की है।
-जयपुर से आर.के. बिन्नानी