पाकिस्तान के परमाणु भंडार आतंकियों की जद में
17-Sep-2015 06:02 AM 1234899

पिछले 30 अगस्त को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ  ने भारत को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि अगर युद्ध हुआ तो भारत को गंभीर नुकसान होगा और दशकों तक भारत उसे याद रखेगा। उसके पहले 7 अगस्त को उन्होनें खुलेआम परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की धमकी दी। भारत के रक्षा विशेषज्ञों ने इस धमकी को पूरी तरह से पाकिस्तान का मानसिक दिवालियापन करार दिया है। बात-बात पर न्यूक्लियर ब्लैकमेल करने वाले पाकिस्तान के एटमी जखीरे के बारे में चौंकाने वाला दावा सामने आया है। दो सबसे बड़े अमेरिकी रणनीतिक थिंक टैंक का दावा है कि 10 साल में पाकिस्तान के पास 350 एटम बम होंगे। पाकिस्तान के एटमी जखीरे पर आतंकियों का कब्जा हो सकता है, ये आशंका भारतीय जानकार से लेकर पश्चिमी जानकार तक जता चुके हैं। यही नहीं कहा तो यह भी जा रहा है कि बड़ी सं या में पाकिस्तानी सैनिक नौकरी छोड़कर आतंकियों के कैंप में शामिल हो रहे हैं। जहां वे आतंकियों को न केवल सेना की तरह ट्रेनिंग दे रहे हैं, बल्कि डर है कि वे आतंकियों को परमाणु हथियार बनाने की तकनीक ने दे दें। एटमी हथियारों वाले मिनहास एयरपोर्ट पर 2012 में हुए आतंकी हमले से साफ है कि ऐसा भी हो सकता है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर कब्जा करने में कभी जेहादी कामयाब भी हो जाएं, इसके बावजूद पाकिस्तान लगातार अपने एटमी जखीरे को बढ़ा रहा है। बड़े परमाणु बम ही नहीं बल्कि वो ऐसे टैक्टिकल एटम बम बनाने में भी जुटा है जिसे मैदान-ए-जंग में इस्तेमाल किया जा सकता है।
दरअसल,भारत के विश्व भर में बढ़ते बर्चस्व से पाकिस्तान भी परेशान हो गया है इसलिए वहां के मंत्री भी सीधा परमाणु बम की बातें करते रहते हैं। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री वाजा आसिफ ने कहा है कि अगर पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध हुआ और पाकिस्तान के अस्तित्व पर खतरा पैदा हुआ तो भारत के ऊपर परमाणु बम से हमला कर देंगे। वह कहते हैं कि पाकिस्तान ने परमाणु बम भारत को ध्यान में रखकर ही बनाया है, अगर खतरे के वक्त भी परमाणु बम नहीं दागा तो क्या हमने उसे अचार डालने के लिए बनाया है। पिछले कुछ दिन पहले ऐसा ही बयान पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ  ने दिया था और भारत को परमाणु बम की याद दिलाई थी। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के ऐसे बयानों से आतंकियों का आकर्षण परमाणु हथियारों की तरफ बढ़ रहा है। इसके लिए आतंकी किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। पाकिस्तान के एटमी हथियारों के बारे में अमेरिका के दो बड़े रणनीतिक थिंकटैंक ने ताजा रिपोर्ट दी है। कार्नेगी एनडॉउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस और स्टिमसन सेंटर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगले 5 से 10 साल में पाकिस्तान के पास न सिर्फ भारत से दोगुना बड़ा एटमी जखीरा होगा, बल्कि ब्रिटेन, चीन और फ्रांस से भी ज्यादा परमाणु हथियार उसके पास होंगे। अमेरिका और रूस के बाद पाकिस्तान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी एटमी ताकत बना जाएगा। पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइल हत्फ  पांच की रेंज में भारत का 1300 किलोमीटर का इलाका आता है। यानी पूरा उत्तर भारत हत्फ-5 मिसाइल के दायरे में है। पाकिस्तान के पास फिलहाल मौजूद परमाणु क्षमता वाली मिसाइलें भारत में 2500 किलोमीटर तक के इलाके में मार कर सकती हैं। और ये कोई छुपी हुई बात नहीं है कि पाकिस्तान की एटमी क्षमता का निशाना कोई और नहीं भारत ही है। अमेरिकी थिंक टैंक का कहना है कि पाकिस्तान हर साल करीब 20 नए परमाणु बम बना सकता है। इन अनुमानों के मुताबिक अगले दस साल में दुनिया में मौजूद परमाणु हथियारों की स्थिति कुुछ इस तरह से होगी। कार्नेगी एनडॉउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के एक कार्यक्रम में परमाणु कमांड के मामले में पाकिस्तानी सरकार के सलाहकार जनरल खालिद किदवाई इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि पाकिस्तान भारत के साथ युद्ध की स्थिति में टैक्टिकल एटम बम के खतरे से निपटने की तैयारी कर चुका है। जनरल खालिद किदवाई के इस खुलासे के बाद इसमें कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान ब्रिगेड के आकार वाला ब तरबंद फौज के खिलाफ  छोटे परमाणु हथियारों को इस्तेमाल करने की क्षमता पा चुका है, लेकिन जो हथियार छोटे हैं जाहिर है उन्हें कहीं ले जाना भी आसान है। और आतंक से पाकिस्तान के अवैध रिश्ते के मद्देनजर इस खतरे से इंकार नहीं किया जा सकता है कि इन हथियारों पर कभी जेहादी आतंकवादी कब्जा करने में कामयाब भी हो जाएं।
दो महीने पहले ही आईएसआई के ब्रिटिश बंधक पत्रकार जॉन कांटिल ने आईएसआईके आतंक की मैगजीन डबिक में एक लेख लिखा था। इस लेख में दावा किया गया है कि आईएसआई ने पाकिस्तान से एटमी हथियार खरीदने की योजना बनाई है, आईएसआई के पास एटम हथियार खरीदने के लिए काफी पैसा है। पाकिस्तान के भ्रष्ट अफसरों से सांठगांठ कर हथियारों के सौदागरों से परमाणु हथियार खरीदने की कोशिश के आईएसआईकरीब है।
आईएसआईने कभी भी परमाणु हथियार हासिल करने का अपना मंसूब छुपाया नहीं है, लेकिन पाकिस्तान में ही मौजूद कई आतंकी गुट ऐसे हैं जो चोरी छुपे या फिर आतंकी हमलों के जरिए परमाणु हथियार हासिल करना चाहते हैं।
-अरविन्द नारद



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