इन्द्राणी के इन्द्रजाल में कौन कौन हैं?
16-Sep-2015 01:40 PM 1234857

शीना बोरा हत्याकांड की आंच में माया नगरी मुम्बई से लेकर भद्रपुरुषों का शहर कोलकाता तक सभी झुलस रहे हैं। ये मर्डर मिस्ट्री मीडिया की पसंदीदा स्टोरी तो है ही इस मिस्ट्री में जो हिस्ट्री छिपी हुई है वह दर्दनाक है। शीना बोराÓ मात्र एक मौत है लेकिन इस मौत के पीछे का षड्यंत्र अब मुखर्जी घराने तक ही सीमित नहीं है बल्कि मुखर्जी घराने की दहलीज लांघ कर मुम्बई के खौफनाक एलीटवर्ग में भी व्याप्त हो चुका है। भीतर की खबर यह है कि हाईप्रोफाइल शीना बोरा हत्याकांड की जांच कर रहे मुम्बई के पूर्व पुलिस कमिशनर राकेश मारिया को इस जांच के बीच में अचानक प्रमोशन इस लिए दे दिया गया क्योंकि मारिया के हाथ किसी बड़े उद्योगपति की गिरेबान तक पहुंचने वाले थे। इसका अर्थ यह हुआ कि पीटर मुखर्जी भी मोहरा है जाल तो इन्द्राणी मुखर्जी का है। इन्द्राणी ने पुरुषों की स्वभावगत कमजोरी का जमकर फायदा उठाया। अपने रूप के जाल में  वह कई लोगों को फासती चली गयी। एक अशांत बचपन, जिसमें यौन शोषण जैसी घटनाएं इन्द्राणी के आसपास एक नहीं कई बार घटी, वह स्वयं भी इस दुष्चक्र में फंसी रही। निकलने के लिए छटपटाती रही लेकिन निकल नहीं पाई। जब तक होश आया देर हो चुकी थी। इसीलिए अपने शरीर को ही इन्द्राणी ने अपनी नियति बना लिया। उसके पिता सौतेले थे यह भी एक सच्चाई है, लेकिन उस सौतेले पिता ने इन्द्राणी का यौन शोषण किया था इस बात में कितनी सत्यता है कहना संभव नहीं है, क्योंकि इन्द्राणी ने पल-पल बयान बदले हैं। मीडिया में बेतहाशा खबरें चलीं अफवाह भी फैली। यह तक कहा गया कि इन्द्राणी अपने सौतेले पिता द्वारा यौन शोषण के फलस्वरूप गर्भवती हुई। खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में गैर जिम्मेदाराना तरीके से गलत खबरें प्लांट की गईं। सच कुछ और ही था। इन्द्राणी के पहले पति सिद्धार्थ दास के भाई शान्तनु दास सौतेले पिता से इन्द्राणी की शान्तनू शीना के जन्म की कहानी का खण्डन करते हुए कहते हैं कि मिखाइल और शीना बोरा उनके भाई सिद्धार्थ दास की ही संतानें हैं।
डीएनए टेस्ट ने यह तो स्थापित कर दिया है कि शीना की जैविक मां इन्द्राणी मुखर्जी ही है लेकिन उसके पिता के विषय में कोई जैविक जानकारी फिलहाल उपलब्ध नहीं है। इन्द्राणी पुलिस को गुमराह करती रही है इसलिए उसके पहले पति सिद्धार्थ दास का डीएनए टेस्ट भी जरूरी है। शीना सौतेले पिता द्वारा यौन शोषण के फलस्वरूप जन्मी यह कहानी किसने फैलायी? मीडिया में अफवाहें कहानी को किसी भी तरह का मोड़ दे सकती हैं, क्योंकि शीना के दूसरे पति संजीव खन्ना ने भी कुछ इस तरह ही अफवाह फैलाने की कोशिश की थी।  संजीव ने कहा कि कार की पिछली सीट पर उन्हें नीद आ गयी थी इस बीच शीना की हत्या कब और कैसे हुई उन्हें नहीं पता। यह हास्यास्पद बयान है, इससे भी ज्यादा हास्यास्पद और दयनीय मुम्बई पुलिस का रवैया है।
शीना के मित्र और लिवइन पार्टनर राहुल मुखर्जी ने मुम्बई पुलिस को उसकी गुमशुदगी की सूचना अप्रैल 2012 में ही दर्ज करायी थी। इन्द्राणी ने एक कहानी बनाई कि शीना अमेरिका में है और उस कहानी पर सबने विश्वास कर लिया? बिना सच जाने? पुलिस ने भी! यह जानने की कोशिश नहीं की कि वह किस फ्लाइट से गई है। उसका वीजा कब बना? उसके जाने का रिकार्ड कहां है? यदि अमेरिका के दूतावास से पता किया जाता तो सारी जानकारी तत्त्काल मिल जाती और यह मर्डर मिस्ट्री 2012 में ही खुल जाती लेकिन परवाह किसे थी? पुलिस ने खानापूर्ति करके छोड़ दिया।
इन्द्राणी मुखर्जी का ड्राइवर अवैध हथियार रखने के मामले में गिरफ्तार नहीं होता तो यह रहस्य रहस्य ही बना रहता। क्या इस रहस्य को रहस्य बनाये रखने के लिए इन्द्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी ने भारी भरकम रकम खर्च की थी। क्या पीटर मुखर्जी इतने नादान हैं कि वे इस पूरे घटनाक्रम से अनभिज्ञ थे। क्या शीना का भाई मिखाइल बोरा और उसका सौतेला भाई जो लिवइन पार्टनर भी था ने कभी शीना के विषय में अमेरिका में पता  लगाने की कोशिश नहीं की? ये दोनों इतने सक्षम तो थे कि इन्द्राणी से शीना का पता लेकर अमेरिका जाने की जिद कर सकते थे। राहुल मुखर्जी को इन्द्राणी रोक सकती थी क्योंकि वह उसकी सौतेली मां थी लेकिन मिखाइल बोरा तो सगा भाई है उसे उसकी सगी बहन से मिलने अमेरिका जाने से कैसे रोका जा सकता था? और वह रुका क्यों? पुलिस से लेकर शीना के निकटस्थ लोगों तक हर एक की भूमिका संदिग्ध है। पुलिस ने इस तरह के न जाने कितने मामले अंधे कत्ल करार देते हुए दबा रखें हैं। जो फोरेन्सिक सबूत इस घटना के लगभग तीन साल बाद बरामद किये गये वे पहले भी बरामद हो सकते थे यदि पुलिस इन्द्राणी द्वारा शीना को अमेरिका भेजने के मामले की जांच गंभीरता पूर्वक करती। किंतु पुलिस को यह मंजूर ही नहीं था। यदि ठीक से जांच हुई तो पुलिस की लापरवाही सुनियोजित थी या अनायास इसका पता भी लग ही जायेगा। क्या इसके बाद जिम्मेदारी अधिकारियों को दण्डित किया जायेगाा?
राकेश मारिया को इस केस के दौरान प्रमोशन देना कहीं किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं? हालांकि मुम्बई पुलिस के आला अधिकारियों ने घोषणा की है कि मारिया की पदोन्नति भले ही हो गयी हो लेकिन वे इस मामले की जांच करते रहेगें। ऐसा मीडिया में बवाल मचने के बाद किया गया। क्यों किया गया?
इसीलिए यह मर्डर मिस्ट्री इन्द्राणी के तीन पतियों, उसके बेटे-बेटी या राहुल मुखर्जी तक सीमित नहीं है बल्कि इसका संबंध मुम्बई पुलिस और कई दूसरे लोगों से भी जुड़ चुका है। राकेश मारिया ने पूरे पत्ते नहीं खोले हैं, यह अवश्य कहा है कि वे शीना को दूसरी आरुषी नहीं बनने देंगे। आरुषी तलवार हत्याकांड में इतनी चालाकी से सबूत नष्ट किये गये कि न्याय पालिका के हाथ कुछ नहीं लगा। कहीं शीना हत्याकांड का भी वही हश्र न हो। राकेश मारिया ने इस कांड की तुलना आरुषी हत्याकांड से करके यह संकेत तो दे ही दिया है कि इस मामले में भी बहुत कुछ दबाने की कोशिश की जा रही है और दबाने के लिए पुलिस पर दवाब भी बनाया जा रहा है। यदि ऐसा है तो यह खौफनाक है। शीना हत्याकांड बिना किसी नतीजे पर पहुंचे खत्म हो गया तो निठारी और आरुषी के बाद एक और प्रकरण में न्याय मिलना कठिन हो जायेगा। सवाल इन्द्राणी मुखर्जी का नहीं है। इन्द्राणी मुखर्जी तो इस केस की पहली सीढ़ी है। यह सीढ़ी कहां तक पहुंचती है और कितनी गहरी है यह जानना दिलचस्प होगा। साथ ही शीना की हत्या का कारण समझना भी जरूरी है। क्या इन्द्राणी ऐसी महिला है जो अपनी बेटी की हत्या महज इस लिए कर दे क्योंकि उसकी बेटी एक ऐसे व्यक्ति से प्यार करती है जो उसके पति की पूर्व पत्नी से उत्पन्न है। देखा जाए तो शीना बोरा और राहुल मुखर्जी में खून का रिश्ता नहीं है। दोनों अलग हैं। दोनों के माता-पिता भी अलग हैं। दोनों के बीच कोई जैविक रिश्ता भी नहीं है। सिर्फ दोनों एक परिस्थिती के कारण रिश्ते में बंध गये क्योंकि शीना की मां और राहुल के पिता ने विवाह कर लिया। नैतिक दृष्टि से इस तरह के रिश्तों पर सवाल तो उठाये जा सकते हैं पर शीना और राहुल के विवाह में गलत कुछ नहीं था। फिर इन्द्राणी जिस माहौल में पली-बढ़ी और रची बसी हुई है वहां इस तरह के अजीब रिश्ते कोई बड़ा आश्चर्य का विषय नहीं होते। ऐसे रिश्ते बनते बिगड़ते रहते हैं, इस लिए हत्या का कारण राहुल और शीना की विवाह करने की जिद थी यह समझ से परे है। हत्या के सही कारण तक पुलिस की जांच पहुंचेगी या नहीं, कहा नहीं जा सकता। क्योंकि हत्या का पूरा प्रकरण इन्द्राणी मुखर्जी उसके दूसरे पति संजीव खन्ना या उसके ड्राइवर श्याम राय तक ही नहीं सिमटा है बल्कि यह उससे भी आगे है। इस जांच का दायरा बहुत विस्तृत हो सकता है। शीना उसके ड्राइवर और संजीव खन्ना से आगे कई पड़ाव तक यह जांच जायेगी। कई अहम सवालों से पुलिस को जूझना होगा।
शीना की डायरी में क्या है?
शीना बोरा की जो डायरी पुलिस के हाथ लगी है उसमें शीना ने अपनी मां इंद्राणी मुखर्जी के लिए अपशब्द भरी भाषा का प्रयोग करते हुए लिखा है कि जीवन चौतरफा मुसीबतों से घिरा हुआ है और मां- मां न होकर डायन है। 11 फरवरी 2003 को  शीना ने अपनी मां के बारे में ऐसा लिखा। इससे सिद्ध होता है कि अपनी हत्या से एक दशक पहले से ही शीना के रिश्ते मां से बिगड़ चुके थे, क्या यह बिखराव इस कदर था कि शीना को मौत का मुंह देखना पड़े? शीना की हत्या की परिस्थितियां एक दशक पहले से तैयार हो रही थीं, लेकिन हत्याकांड अंजाम तक अप्रैल 2012 में ही पहुंच पाया।  कोई मां अपनी बेटी को समाज में अपनी बहन के रूप में प्रस्तुत करेगी तो बेटी के मन में मां के प्रति श्रद्धा और सम्मान कैसे हो सकता है, लेकिन सवालों की श्रंृखला यहीं तक नहीं रुकती। जिस मिजाज की इंद्राणी मुखर्जी हैं उसे देखते हुए यह आशंका भी प्रबल हो रही है कि कहीं इंद्राणी अपनी बेटी की देह को भी सीढ़ी की तरह उपयोग तो नहीं करने लगी थी। जिस तबके मेंं यह सब घटा है वह नैतिकताएं किसी कोने में कराहती रहती हैं।
मारिया की पदोन्नति या अवनति मुंबई के पुलिस कमिश्नर राजेश मारिया की पदोन्नति दुखदायी है। उन्हें इस केस से फिलहाल हटाया नहीं गया है।
-मुंबई से ऋतेंद्र माथुर

FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^