16-Aug-2015 10:04 AM
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जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर हाइवे और जवाहर टनल के आसपास का इलाका पंजाब में आतंकवाद बाद से ही शांत था लेकिन यह खामोशी पिछले तीन माह से टूट चुकी है। लगभग छह बार आतंकियों ने

सीमा पार कर सुरक्षाबलों और आम नागरिकों को निशाना बनाया और उसके बाद वे भी बंदूक की गोली का निशाना बन गए। लेकिन इस बार एक आतंकी पकड़ा गया तो उसे मीडिया ने कसाब-2 का खिताब दे डाला। जबकि सच तो यह है कि कसाब कमांडो था और पकड़े गए इस आतंकी को तो ठीक से बंदूक पकडऩा भी नहीं आता। इसीलिए दो नागरिकों ने ही उसे गिरफ्तार कर लिया। मीडिया का यह दावा भी गलत है कि कसाब के बाद जिंदा गिरफ्तार किया गया यह पहला आतंकी है सच तो यह है कि वर्ष 2012 में भी सुरक्षाबलों ने एक फिदायीन को जिंदा पकड़ लिया था। वह जेल में है।
उधमपुर, गुरुदासपुर और पंजाब-कश्मीर से लगी सीमा पर आतंकियों की यह हरकत मामूली नहीं है। बल्कि ज्यादा चिंता और सरोकार का विषय है। क्योंकि यूपीए सरकार के समय सुरक्षा को लेकर एनडीए ने संसद और संसद के बाहर बहुत हंगामा खड़ा किया था। घुसपैठ की कोशिश पिछले छह माह के दौरान 60 से अधिक बार नाकाम की जा चुकी है। इससे यह आशंका पैदा हो गई है कि कहीं आतंकी किसी बड़ी वारदात की योजना पर तो काम नहीं कर रहे। आईएसआई ने 1999 में कारगिल घुसपैठ से पहले कश्मीर में कई छोटे बड़े हमले करवाए थे। इस बार वैसे हालात भले न हों लेकिन नावेद ने जो अपरिपक्व सूचना दी है वह देश के भीतर आतंकी हमलों की आशंका की पुष्टि कर रही है। विशेष तथ्य यह है कि इसके लिए संसाधन, समर्थन और धन भारत से ही मुहैया कराया जा सकता है। कश्मीर में आईसिस के झंडे फहराना, याकूब की अंतिम यात्रा में 8 हजार की भीड़ का जुटना, मीडिया द्वारा याकूब को हीरो बनाते हुए उसके पक्ष में लगातार अभियान चलाना, सोशल मीडिया पर सहानुभूति का सैलाब और याकूब की फांसी को हिंदू बनाम मुस्लिम घोषित करते हुए सांप्रदायिक रंग में रंगना इसी साजिश का पहला चरण हो सकता है। खासबात यह है कि आईएसआई भारत के आंतरिक माहौल को पहले बिगाड़ेगी और उसके बाद जब हिंदू-मुस्लिम घृणा चरम पर पहुंच जाएगी। तब वह मुंबई हमले जैसी किसी बड़ी घटना का अंजाम दे सकेगी। आईएसआई की यह योजना बहुत सुनियोजित होने के साथ-साथ फलीभूत इसलिए भी हो सकती है। क्योंकि याकूब की फांसी को मुसलमानों के खिलाफ अन्याय के रूप में प्रचारित करके राजनीतिज्ञों के एक वर्ग ने देश का माहौल विषाक्त बना ही दिया है। उधर याकूब के बहाने फांसी की सजा को खत्म करने की पैरवी करते हुए त्रिपुरा विधानसभा ने जो प्रस्ताव पारित किया है वह इस आग में घी का काम कर सकता है। कुल मिलाकर निष्कर्ष यह है कि अंजाने में कहीं भारत की राजनीति ही आईएसआई का एजेंडा पूरा करने के लिए मोहरा न बन जाए। क्योंकि बम ब्लास्ट के आरोपी याकूब मेनन की फांसी के बाद अंडरवल्र्ड में बौखलाहट शुरू हो गई है। याकूब के भाई और बम कांड का दोषी टाइगर मेनन जहां खुलेआम बदला लेने की बात कह रहा है, वहीं अंडरवल्र्ड और पाकिस्तान में बैठे अन्य आतंकी भारत में खून-खराबा करने की तैयार में जुट गए हैं। उधमपुर में बीएसएफ की बस पर हमला करने वाले पकड़े गए आतंकवादी नावेद ने पूछताछ के दौरान नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के सामने यह सनसनीखेज खुलासा किया है। उसने बताया है कि मुंबई हमले के मास्टर माइंड लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद एक बार फिर से भारत विराधी तत्वों को एक जुट कर रहा है। नावेद से मिली जानकारी के बाद गृह विभाग ने सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है, वहीं खुफिया तंत्र को भी सजग कर दिया गया है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान में बैठकर भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त 10 मोस्ट वांटेड अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और भारत में उनके कनेक्शन तलाशे जा रहे हैं।
दाउद इब्राहिम कास्कर
महाराष्ट्र पुलिस के एक कांस्टेबल का बेटा दाउद मौजूदा समय में 56 साल का है और दुनिया के टॉप मोस्ट वांटेड अपराधियों की लिस्ट में शामिल है। दाउद इब्राहिम ने भारत में डी-कंपनी की नींव डाली और तमाम अवैध गतिविधियों को अंजाम से अकूत दौलत बनाई। दाउद पर मुंबई में मार्च 1993 में सीरियल बम ब्लास्ट कराने का आरोप है, जिसमें 250 से अधिक लोग मारे गए। दाउद भारत में तमाम आतंकी संगठनों को धन उपलब्ध कराता है। मौजूदा समय में दाउद के पाकिस्तान में छिपे होने का अंदेशा है। अभी हाल ही में दाऊद के राइट हैंड याकूब वली मोहम्मद खान उर्फ याकूब येड़ा की पाकिस्तान के कराची में हार्ट अटैक से मौत हो गई है। वह इंडिया का मोस्ट वांटेड और 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट में मुख्य आरोपी दाऊद के साथ सह आरोपी था। धमाकों के बाद याकूब येड़ा दुबई और बाद में पाकिस्तान भाग गया था।
साजिद मीर: साजिद मीर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर है। साजिद मीर भारत में 2005 में क्रिकेट फैन बनकर आया और 2008 में मुंबई हमलों की साजिश रची। साजिद मीर पर अमेरिकी डेविड हेडली के साथ मिलकर देश में जासूसी गतिविधियों को अंजाम देकर आंतकी हमले की साजिश का आरोप है। हैडली ने अमेरिकी अधिकारियों के सामने खुलासा किया कि वो कराची में साजिद मीर से मिला था। पश्चिमी खुफिया जानकारियों के आधार पर कयास लगाए जा रहे हैं कि साजिद मीर आईएसआई के साथ मिलकर आतंकी गतिविधियों का संचालन कर रहा है।
मेजर इकबाल : मेजर इकबाल पर भी 26/11 मुंबई अटैक का आरोप है। मेजर इकबाल पाकिस्तानी आर्मी के साथ ही आईएसआई का भी अधिकारी भी रहा है। मेजर इकबाल पर डेविड हेडली जैसे आतंकियों की भर्ती का आरोप है। भारत सरकार ने पाकिस्तान से मेजर इकबाल की आवाज का सैंपल मांगा है, ताकि वो मुंबई हमलों के दौरान पकड़ी गई आवाजों से मेजर इकबाल की आवाज का मिलान कर सके।
छोटा शकील : छोटा शकील दुनिया भर में दुर्दांत आतंकी दाउद इब्राहिम का साथी है। छोटा शकील पर भी मुंबई में 1993 में हुए आतंकी हमलों का आरोप है। इस पर छोटा राजन नाम के एक अन्य गैंगस्टर पर सितंबर 2001 में बैंकाक में हमले का आरोप है। माना जाता है कि अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन
लादेन की अमेरिकी हमले में मौत के बाद छोटा शकील डरकर सउदी अरब भाग
गया है।
जकी-उर-रहमान लखवी : जकी-उर-रहमान लखवी ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की स्थापना की थी। जकी-उर-रहमान लखवी पर हाफिद सईद के साथ मिलकर 26/11 मुंबई हमलों का आरोप है। जकी-उर-रहमान लखवी पर लश्कर के माध्यम से भारत में कई आतंकी हमलों का आरोपी है। जकी-उर-रहमान लखवी को रिहा करने के मामले में भारत और पाकिस्तान में लगातार तनाव जारी है, जिसका मामला भारत संयुक्त राष्ट्र संघ में भी उठा चुका है।
अनीस इब्राहिम : अनीस इब्राहिम दाउद इब्राहिम का भाई है, जिसपर वो सर्वाधिक भरोसा करता है। अनीस इब्राहिम पर भी 1993 में मुंबई में सीरियल धमाकों का आरोप है। जो दाउद के हर अपराध में सहभागी है। अनीस इब्राहिम के बारे में 2009 में कराची पर हुए हमलों के बाद से किसी को कोई जानकारी नहीं है।
सैय्यद सलाहुद्दीन
हिज्बुल मुजाहिद्दीन का चीफ सैय्यद सलाहुद्दीन देश के टॉप मोस्ट वांटेड अधिकारियों में से एक है। सैय्यद सलाहुद्दीन एक कश्मीरी है, जो पाकिस्तान से मिली मदद के आधार पर देश में आतंकी गतिविधियों को संचालित करता है। सैय्यद सलाहुद्दीन के आईएसआई से कनेक्शन है। सैय्यद सलाहुद्दीन कश्मीर समेत पूरे भारत में आतंकी गतिविधियों को संचालित करता है। सैय्यद सलाहुद्दीन एनआईए के मोस्ट वांटेड लिस्ट में है।
मसूद अजहर
मसूद अजहर पाक अधिकृत कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी गतिविधि का संचालन करता है, जो पूरे भारत में आतंकी गतिविधियां चलाता है। मसूद अजहर को भारत सरकार ने दिसंबर 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान के अपहरण के बदले में रिहा किया था। मसूद अजहर पर भारत की संसद पर 2001 में हमला कराने का आरोह है। मसूद अजहर मौजूदा समय में पाकिस्तान में छिपा हुआ है।
इलियास कश्मीरी
इलियास कश्मीरी हरकत-उल-जेहादी इस्लामी का चीफ है। जो अल-कायदा से जुड़ा हुआ है। इलियास कश्मीरी पर पुणे के जर्मन बेकरी बम कांट और मुंबई पर 26/11 जैसे हमलों का आरोप है। इलियास कश्मीरी पर कोलकाता के अमेरिकी सेंटर पर 2002 में और दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद के साथ ही बेंगलुरु में 2008 में सीरिलय बम धमाकों का भी आरोप है। इलियास कश्मीरी के 2011 में अमेरिकी ड्रोन हमलों में मारे जाने की खबर आई, पर बाद में ये झूठी निकली।
-बिंदु माथुर