खालिस्तान की आहट...?
05-Aug-2015 05:45 AM 1234851

खालिस्तान की आहट.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नई सरकार के पाकिस्तान के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने के प्रयासों के बावजूद 26 जुलाई को पंजाब के गुरदासपुर जिले के दीनानगर में आतंकवादी हमला हुआ। अफसोस की बात यह है कि आज भी भारत अपनी सीमा को मजबूत नहीं कर पाया  है। इस आतंकवादी हमले के पीछे पाकिस्तान से आए आतंकियों का हाथ बताया जा रहा है। जाहिर है ऐसे में इस आतंकी वारदात से पंजाब समेत पूरा देश हैरत में है। ऐसे में एक और खबर अमेरिका से आ रही है कि  दुनिया का सबसे कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट भारत पर हमले की तैयारी कर रहा है। उसकी मंशा ऐसा कर अमेरिका को उकसाने की है। खास बात ये है कि आईएसआईएस पाकिस्तान और अफगानिस्तान के तालिबान को भी इसके लिए अपने साथ लाने की कवायद में जुटा है ताकि आतंक की एकजुट फौज तैयार की जा सके। ये खुलासा 32 पेज के उस डॉक्यूमेंट से हुआ है जो पाकिस्तानी तालिबान से संबंध रखने वाले एक पाक नागरिक से बरामद हुआ। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि भारत पर हमले की तैयारी हो रही है। हमला भी ऐसा जो अमेरिका को इस संगठन से दो-दो हाथ करने के लिए भड़का दे। इन सबके बीच लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू  गुरुदासपुर जिले में हुए आतंकवादी हमले को राज्य में खालिस्तान आंदोलन को दोबारा शुरू करने की कोशिश बता रहे हैं। उन्होंने पंजाब व केंद्र सरकार से अपील की कि इसे खत्म करने के लिए तत्काल कोई कदम उठाया जाए। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस, खालिस्तान और अन्य आतंकवादी संगठनों ने खालिस्तान आंदोलन के लिए हाथ मिला लिया है।
सांसद के दावे में दम भी दिख रहा है।  गुरदासपुर में आतंकियों का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। सबसे बड़ा सवाल ये कि आतंकी अगर पाकिस्तान से हैं तो सीमा पार करने में कैसे कामयाब हुए। तीनों आतंकियों ने बीपी जैकेट  और  बीपी  पटके  बांधे हैं। तीनों ने खाकी पिट्ठू पीठ पर बांधे थे। इतने तामझाम  के साथ घुसपैठ नहीं हो सकती। यानी एक बार फिर से पंजाब में आतंकवाद को जिंदा किया जा रहा है और बाहरी आतंकियों को खालिस्तान समर्थकों का सहयोग मिल रहा है। इसका संकेत इससे भी मिला है कि एक तरफ पंजाब सूबे से संबंधित फेसबुक यूजर्स आतंकवादी हमले में शहीद होने वाले देश के सपूतों के लिए अफसोस प्रकट कर रहे हैं, तो  दूसरी तरफ कुछ ऐसे चेहरों को समाज में हीरो बनाने के लिए चल रहे प्रयासों का समर्थन कर रहे हैं, जिनकी विचारधारा आने वाले दिनों में पंजाब को एक बार फिर से आतंकवाद की आग में झोंक सकती है, जिसका दंश पंजाब 80 के दशक में झेल चुका है। दरअसल, पंजाब में गुरू नानक देव एवं गुरू गोबिंद सिंह की स्थापित की विचारधारा से निर्मित गुरूद्वारों में उनकी जगह कुछ नए चेहरे बैनरों के रूप में स्थापित होते देखे जा सकते हैं। जो कहीं से भी गुरू नानक देव जी या गुरू गोबिंद सिंह के आदर्शों से मेल खाते हुए नजर नहीं आते। गुरू गोबिंद सिंह, जो अपना पूरा परिवार पूरे देश के लिए कुर्बान कर गए, केवल खालिस्तान, पंजाबियत के लिए नहीं, बल्कि समस्त तत्कालीन हिंदुस्तान के लिए। मगर, अब केवल खालिस्तान का राग अलापा जा रहा है। जब हम सिख इतिहास पढ़ते हैं तो समझ में आता है कि गुरू गोबिंद सिंह ने सिख धर्म की स्थापना क्यों? और किसलिए की थी? मगर, नये सिख फाउंडेशन ने उस विचारधारा की दिशा बदल दी। जब पांच प्यारों का चुनाव किया था, उसमें कोई जमींदार समाज से नहीं था, इस बात का गवाह सिख इतिहास स्वयं है। गुरू गोबिंद सिंह जी, स्वयं अपने नाम के पीछे राय लगाते रहे हैं, एक लंबे समय तक। मगर, आज  गुरू गोबिंद सिंह को केवल एक समाज तक सीमित करने का प्रयास जारी है। जो विचारधारा 1984 में अपने चरम पर थी, अब एक बार फिर से उसको तेजी के साथ विस्तार दिया जा रहा है। कल तक उस विचारधारा को विदेशों में बैठकर कुछ अखबारों के सहारे पैसे की फंडिंग से फैलाया जा रहा था, अब उस विचारधारा को फैलाने के लिए गुरुद्वारों और सिनेमा का सहारा लिया जा रहा है। यह धुआं है, जो आग का संकेत है। यकीनन अगर सीमा पार से आकर गोलियां चलाने वाले आतंकवादी हैं, तो देश का गौरव मानी जाने वाली सेना के प्रमुख की हत्या करने वाले, बैंक डकैती करने वाले, अलग कैसे हो सकते हैं। खालिस्तान की मांग वाला तबका तेजी के साथ गुरू नानक देव जी से लेकर  गुरू गोबिंद सिंह जी तक की कही बातों को दबाकर एक नए सिख धर्म की स्थापना करने पर लगा हुआ है, जिसका चेहरा भिंडरांवाला बन चुके हैं।
7 अगस्त 2015 को पंजाब में एक फिल्म को रिलीज किया जा रहा है, जिसका नाम जिन्दा सुखा है। इस फिल्म का उप शीर्षक है कुछ दिनों में हम तारे बन जाएंगे। हरजिंदर सिंह जिन्दा के जीवन पर यह फिल्म आधारित है, जो सिख संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स का सदस्य था, जिन्होंने ब्लू ऑपरेशन की अगुवाई करने वाले तत्कालीन सेना प्रमुख की हत्या की, पंजाब नेशनल बैंक में डकैती डाली। इस फिल्म के गीत सुनकर आप हैरान रह जाओगे। बैंक डकैती को गुणगान के रूप में पेश किया गया है।
संभावना जताई जा रही है कि जिस तरह कुछ लोगों ने जिहाद के नाम पर इस्लाम को विश्व भर में बनदाम कर दिया है,कहीं, उसी राह पर चल कर कुछ लोग विश्व भर में सम्मानजनक नजर से देखे जाने वाले सिख धर्म को बर्बाद न कर दें।
-ऋतेंद्र माथुर..?

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