21-Jul-2015 09:24 AM
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यूपी की सत्ता में खलबली है। कभी दुर्गा शक्ति नागपाल ने अपनी शक्ति दिखाई थी और अब अमिताभ ठाकुर एंग्री पुलिस मैन बन बैठे हैं। अमिताभ का अपराध केवल इतना है कि उन्होंने समाजवादी पार्टी

के मुलायम सिंह यादव को बेनकाब करने का साहस कर दिखाया। अब किसी स्त्रीÓ ने आरोप लगाया है कि अमिताभ ठाकुर ने उसके साथ दुष्कर्म किया। दुष्कर्म की घटना निहायत निंदनीय, दंडनीय और भत्र्सनीय है। किंतु जिस समय पर अमिताभ ठाकुर को लांछित करती वह स्त्री प्रकट हुई है, उससे यह शर्मनाक बलात्कार प्रकरण सनसनीखेज बनता जा रहा है।
अमिताभ ठाकुर ने दावा किया है कि उनके पास एक टेप है जिसमें मुलायम सिंह कथित रूप से उन्हें धमका रहे हैं कि सुधर जाओ, वरना अंजाम बुरा होगा। अमिताभ सुधरे तो नहीं उल्टे एंग्री यंग मैन बन गए और मुलायम सिंह यादव के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी। यह रिपोर्ट मुलायम और राज्य में सत्तासीन समाजवादी पार्टी के लिए बड़ा झटका है। पत्रकारों की हत्याओं के आरोपों से जूझ रही अखिलेश सरकार के लिए आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर का प्रकरण किसी मिसाईल से कम नहीं है। अमिताभ ठाकुर ने बलात्कार प्रकरण में उनके विरुद्ध की गई शिकायत को मुलायम के खिलाफ आवाज उठाने के एवज में रिटर्न गिफ्ट बताया है। उनका कहना है कि शासन-प्रशासन के भ्रष्टाचार के खिलाफ मुंह खोलने ेके कारण उन्हें फर्जी मामलों में फंसाया जा रहा है। गौर करने योग्य बात यह है कि जिस महिला ने अमिताभ ठाकुर के विरुद्ध दुराचार का आरोप लगाया है। उसके खिलाफ अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर पहले ही धोखाधड़ी का मामला दर्ज करा चुके हैं। खनन माफियाओं से अमिताभ की लड़ाई पुरानी है। खनन माफियाओं को सत्ता के प्रभावशाली लोग पालते-पोषते हैं और अपना उल्लू सीधा करते हैं। इसीलिए जो भी अधिकारी उनकी राह में आता है। उसे या तो तबादले का सामना करना पड़ता है या फिर मौत के घाट उतार दिया जाता है। मध्यप्रदेश हो या उत्तर प्रदेश कहानी हर जगह एक सी ही है। इससे पहले उत्तर प्रदेश में ही दुर्गाशक्ति नागपाल नामक महिला आईएएस अधिकारी खनन माफिया और अतिक्रमण के खिलाफ उठकर खड़ी हो गई थी। नागपाल को निलंबित कर दिया गया बाद में जब सारे भारत से विरोध का सैलाब आया तो उत्तरप्रदेश सरकार ने नागपाल को बहाल कर दिया, लेकिन उन्हें स्थानांतरित कर दिया गया। फिलहाल वे लूपलाइन में हैं। ऐसे कई योग्य अधिकारी अपनी ईमानदारी और सच्चिरत्रता का दंश भुगत रहे हैं। अमिताभ की सामाजिक कार्यकर्ता पत्नी नूतन ठाकुर ने उत्तरप्रदेश सरकार के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई है। जिसके बाद से उन्हें धमकियां मिल रही हैं। ठाकुर ने दिल्ली में गृह सचिव से मिलकर आशंका जताई है कि मुलायम सिंह यादव का पर्दाफाश करने के कारण उनके विरुद्ध झूठे मुकदमे लगाए जा सकते हैं और उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है। ठाकुर ने सीबीआई जांच की मांग की है। इधर राज्य सरकार सपा के प्रभावशाली लोगों के इशारे पर ठाकुर के खिलाफ सबूत एकत्र करने में जुट गई है। यूपी के पुलिस विभाग का कहना है कि मुलायम सिंह के खिलाफ कोई प्रामाणिक सबूत उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। इसीलिए एफआईआर नहीं की गई है। ठाकुर से यूपी सरकार के मंत्रियों की पुरानी दुश्मनी है। इससे पहले भी वे एक मंत्री द्वारा एक युवक के साथ कथित रूप से गाली-गलौच करने के मामले में सीआईडी जांच की मांग कर चुके हैं। सत्ता से लड़ाई मोल लेकर अमिताभ ठाकुर देश के उन गिने-चुने अधिकारियों में शामिल हो चुके हैं। जिन्होंने सत्ता के खिलाफ खड़े होने का साहस दिखाया। आज उनका नाम हरियाणा के अशोक खेमका के साथ लिया जा रहा है। खेमका ने कभी राबर्ट वाड्रा और डीएलएफ लैंड डील का पर्दाफाश किया था। खेमका अब तक 46 तबादले झेल चुके हैं। 23 साल के पुलिस करियर में अमिताभ ठाकुर ने ही 30 तबादलों का सामना किया है। गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी संजीव राजेंद्र भट्ट ने कभी 2002 के गुजरात दंगों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। गुजरात के ही आईएएस प्रदीप शर्मा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक महिला की जासूसी करवाने का आरोप लगाया था। उन्हें गुजरात सरकार ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए वर्ष 2010 में निलंबित कर दिया। हरियाणा में विभिन्न आयोगों की नियुक्ति पर सवाल उठाकर चर्चा में आए आईएएस अधिकारी प्रदीप कासनी 30 साल के सेवाकाल में 40 बार स्थानांतरण का सामना कर चुके हैं। अमिताभ ठाकुर का मामला अखिलेश यादव के लिए चुनौतीभरा मामला बन चुका है। सपा सरकार सुशासन सुरक्षा और स्वच्छता के आधार पर प्रदेशभर में रेडियो तथा मीडिया में विज्ञापन अभियान चला रही है। ऐसी स्थिति में एक आईपीएस अधिकारी द्वारा सीधे मुलायम सिंह पर आरोप लगाना सरकार के लिए चिंता का सबब हो सकता है। विपक्षी पार्टियां मुद्दे की तलाश में हैं। अमिताभ ठाकुर के मामले में भाजपा ने तो उतना कठोर रवैया नहीं अपनाया है, लेकिन बहुजन समाज पार्टी ने इस मामले को राज्य की कानून व्यवस्था और सपा सरकार के जंगल राज से जोड़ते हुए राज्य सरकार पर करारा हमला बोला है।
-लखनऊ से मधु आलोक निगम