04-Jul-2015 07:23 AM
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जब मुंबई शहर बारिश से तरबतर हो रहा था और शहर के ही एक कोने में कुछ घंटों पूर्व अवैध शराब ने 94 जानों की बलि ले ली थी, उस वक्त महाराष्ट्र के सबसे ताकतवर राजनीतिज्ञों में से एक छगन

भुजबल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय कानूनी कार्यवाही कर रहा था।
कभी सब्जी बेचकर अपनी आजीविका चलाने वाले छगन भुजबल को जब प्रवर्तन निदेशालय ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में दबोचा, तो महज 6 छापों में भुजबल के धनबल के जो नजारे मिले उनसे प्रवर्तन निदेशालय भी दंग रह गया। अरबों रुपए की संपत्ति मिली। जो किसी बड़े उद्योगपति को शर्मिंदा करने के लिए पर्याप्त है। भुजबल खुद तो मालामाल हुए ही अपने रिश्तेदारों को भी पर्याप्त मालामाल किया। भुजबल के भ्रष्टाचार का इतिहास पुराना है, वे तो 1973 से ही राजनीति कर रहे हैं। खुद को जनसेवक कहते हैं। इस बीच उन्हें इतना समय कब मिल गया कि उन्होंने अरबों की दौलत कमा ली। इससे साफ जाहिर होता है कि राजनीति कुछ लोगों के लिए फलता-फूलता व्यवसाय है और इस व्यवसाय में वे सफेदपोश मालामाल हो रहे हैं, जो जनता से हमदर्दी दिखाते हुए मगरमच्छी आंसू बहाते हैं। जिस महाराष्ट्र में भूख और बेकारी के कारण लाखों किसान मौत को गले लगा चुके हैं, वहां भुजबल जैसे कारोबारियोंÓ ने लाखों का साम्राज्य कैसे खड़ा किया, यह जानना जरूरी है। लेकिन भुजबल अपनेे आर्थिक साम्राज्य को बढ़ाते रहे और चार दशक तक किसी एजेंसी की नजर उन पर नहीं गई, यह भी उतना ही बड़ा आश्चर्य है। भुजबल की तरह सैंकड़ों राजनीतिज्ञ राजनीकी की आड़ में इसी तरह फल-फूल रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ कार्यवाही तभी होती है जब पानी सर से ऊपर चला जाता है या कोई राजनीतिक पेंच उलझ जाता है। इसे विडंबना ही कहा जा सकता है। भुजबल की सारी काली करतूतें शरद पवार को पता हैं। इसलिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भुजबल के पक्ष में लामबंद हो चुकी है। इसे राजनीति से प्रेरित कार्यवाही बताया जा रहा है। सवाल यह है कि रातनीति से प्रेरित कार्यवाही कोई क्यों करेगा? सबके अपने-अपने हित हैं। भाजपा भी शिवसेना को काबू में रखने के लिए राकांपा से मधुर संबंध बनाए रखना चाहती है। जो भी लड़ाई है, वह ऊपरी है। शरद पवार के मोदी से मधुर रिश्ते हैं। लेकिन भुजबल के खिलाफ की गई कार्यवाही का दूरगामी परिणाम हो सकता है। शिवसेना के लिए भुजबल का यह भण्डाफोड़ ज्यादा मायने नहीं रखता। शिवसेना की नजर भाजपा द्वारा भुजबल के खिलाफ लिए गए स्टैण्ड पर रहेगी। शिवसेना ने भुजबल की आलोचना अवश्य की है लेकिन आलोचना करते समय अपनी भाषा अपेक्षाकृत नरम और शांत रखी है। कांग्रेस के किसी भी नेता ने भुजबल के खिलाफ कठोर शब्दों का प्रयोग नहीं किया। कांग्रेस और राकांपा एक साथ सत्ता में थे इसलिए राकांपा ने जो कुछ किया, वह कांग्रेस को अच्छी तरह ज्ञात था। कांग्रेस ज्यादा बोलने की स्थिति में नहीं है। महाराष्ट्र में उसके भी कई नेता आदर्श घोटाले सहित तमाम घोटालों में शामिल हैं। दरअसल घोटालों के हमाम में महाराष्ट्र में कई राजनीतिक दलों के नेता नंगे हैं। नरेंद्र मोदी सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय जैसी संस्थाओं को पहले की अपेक्षा ज्यादा खुलकर काम करने की छूट तो दी है। इसलिए अब यह लग रहा है कि भुजबल समेत तमाम राजनीतिज्ञों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा सकेगी। लेकिन इसके लिए पुख्ता सबूत जुटाने होंगे। सिर्फ छापे की कार्रवाई पर्याप्त नहीं है।
दो हजार करोड़ रुपए से
अधिक की संपत्ति
भुजबल के मुंबई, ठाणे, नासिक और पुणे स्थित घर व कार्यालयों सहित 16 ठिकानों पर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने 16 जून को छापा मारा था। इसमें दो हजार करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति की जानकारी मिली थी।
बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर एसीबी ने भुजबल के खिलाफ दो एफआईआर भी दर्ज की गई हैं। एक मामला दिल्ली में नए महाराष्ट्र सदन का है, जबकि दूसरा मुंबई यूनिवर्सिटी की जमीन निजी बिल्डर को कौडिय़ों के मोल देने का है। भुजबल, उनके विधायक बेटे पंकज और पूर्व सांसद भतीजे समीर भुजबल पर आरोप हैं कि उन्होंने दोनों मामलों में करोड़ों की हेराफेरी की है। भुजबल के नाम पर नासिक में 100 करोड़ रुपए का बंगला मिला है। 46,500 वर्ग फुट में फैले इस बंगले में 25 कमरे, स्वीमिंगपूल और जिम है। पुणे में भी करोड़ों की संपत्ति मिली है। लोनावाला में 2.82 हेक्टर में फैले छह बेडरूम वाले आलीशान बंगले में हैली पैड, स्वीमिंगपूल के साथ विदेशी फर्नीचर व प्राचीन मूर्ति मिली है। छगन के नाम मुंबई के वरली इलाके में सुखदा इमारत में दो हजार वर्ग फुट का फ्लैट और टोयोटा कॅमरी कार होने की जानकारी मिली है। मझगांव इलाके के मिलेशिया अपार्टमेंट में 600 वर्ग फुट के तीन फ्लैट हैं। पंकज के नाम माणेक महल इमारत में 1200 वर्ग फुट का फ्लैट और सांताकू्रज के सॉलीटेयर इमारत में 2500 वर्ग फुट का एक और फ्लैट है। छगन की पत्नी मीना भुजबल के नाम माणेक महल की सातवीं मंजिल पर 1200 वर्ग फुट का फ्लैट है। उनके भाई की पत्नी हीराबाई के नाम शिवाजी पार्क स्थित सागर मंदिर इमारत में 600 वर्ग फुट के फ्लैट पर भी एसीबी ने छापा मारा। हीराबाई भुजबल के नाम दादर के ही साईकुंज इमारत की सातवीं मंजिल पर 1500 वर्ग फुट का एक और फ्लैट पाया गया है। इसी बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर, दूसरी, चौथी और पांचवीं मंजिल पर भी भुजबल के परिवार के फ्लैट हैं। समीर भुजबल का सांताक्रूज के सॉलीटेयर इमारत में 2500 वर्ग फुट का फ्लैट पाया गया है। भुजबल परिवार के अलावा 14 अन्य लोगों पर एसीबी ने एफआईआर की थी। उनमें से नौ के यहां छापे पड़ चुके हैं। इनमें सबसे अधिक संपत्ति औरंगाबाद निवासी दीपक देशपांडे (पीडब्ल्यूडी सचिव तथा सूचना आयुक्त) के यहां करीब तीन किलो सोना, 27 किलो चांदी, 50 लाख बैंकों में सहित करीब तीन करोड़ की संपत्ति मिली थी। मामले की जांच कर रहे एसीबी व प्रवर्तन निदेशलाय को जांच के दौरान भुजबल का सिंगापुर कनेक्शन भी मिला है।
शराब का जहर, बारिश का कहर
मानसून का आगमन मुंबई वासियों के लिए दुखभरी कहानियां लेकर आया। जहरीली शराब पीने से 94 लोगों की मृत्यु हो गई। हालांकि गैर-सरकारी सूत्र मौत का आंकड़ा सवा सौ से ऊपर बता रहे हैं। अवैध शराब का धंधा मुंबई में इन मौतों के बाद भी फल-फूल रहा है। पुलिस उन भट्टियों को तोड़ती है, जो पहले से ही परितयक्त है। जिन भट्टियों से पुलिस और अपराध जगत का हफ्ता जाता है, वहां हाथ डालने का साहस पुलिस को नहीं है। यही हाल मुंबई की बारिश का है, जिसके आगे मुंबई की महानगर पालिका बेबस हो जाती है। इस बार तो जिस समय मूसलाधार बारिश हो रही थी, तकरीबन उसी समय हाई टाइड ने तटवर्तीय इलाकों को जलमग्न कर दिया। मुंबई वासियों पर दोहरी मार पड़ी। शहर की गंदगी का स्तर अब और बढ़ गया है।
-मुंबई से बिंदू माथुर