04-Jul-2015 07:04 AM
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एबीसीडी-2Ó डांस को आधार बनाकर बनायी गयी एक बेहतरीन फिल्म है। इससे पहले भी डांस आधारित कई फिल्में आई हैं लेकिन कुछ में डांस हावी रहा तो कुछ में कहानी हावी रही लेकिन

च्एबीसीडी-2 में दोनों के बीच निर्देशक ने बेहतर सामंजस्य बनाया है। फिल्म में जितने गाने हैं वह यदि और किसी फिल्म में हों तो दर्शक बोर हो जाते लेकिन इस फिल्म के गानों में कोरियोग्राफी पर जो मेहनत की गयी है वह दर्शकों को बांधे रखती है। डांस आधारित पिछली फिल्म हैप्पी न्यू ईयर से
इसकी तुलना करेंगे तो यह फिल्म आपको बेहतर लगेगी।
फिल्म की कहानी सुरेश उर्फ सुरू (वरूण धवन) और विनी (श्रद्धा कपूर) के इर्दगिर्द घूमती है। सुरेश की मां जानी मानी नर्तकी थीं उनकी मौत के बाद सुरेश का सपना अपनी मां के अधूरे सपनों को पूरा करना है। सुरेश और उसके दोस्तों का एक डांस ग्रुप है जिसमें विनी भी शामिल है। एक बार यह ग्रुप एक टीवी चैनल के डांस शो में भाग लेने जाता है लेकिन इन्हें अपमानित होकर लौटना पड़ता है। इस ग्रुप पर यह आरोप लगता है कि उसने डांस स्टेप कॉपी किये हैं। अब यह ग्रुप अपनी नयी पहचान बनाने में जुट जाता है। सुरेश की मुलाकात विष्णु (प्रभु देवा) से होती है जोकि बहुत मशहूर डांसर और कोरियोग्राफर है। सुरेश काफी कोशिशों के बाद विष्णु को अपने ग्रुप का कोरियोग्राफर बनने के लिए तैयार कर लेता है। अब सुरेश का गु्रप लास वेगास में होने वाले दुनिया के सबसे बड़े डांस मुकाबले को जीतने के लिए विष्णु सर के साथ रवाना होता है।
अभिनय के मामले में वरूण धवन का जवाब नहीं। वह अपनी भूमिका में जमे हैं। श्रद्धा कपूर खूबसूरत दिखने के साथ ही अपनी भूमिका के साथ पूरा न्याय करती दिखीं। वरूण और श्रद्धा ने डांस के दौरान बहुत कड़ी मेहनत की है जोकि साफ नजर आती है। प्रभु देवा का अपना एक अलग दर्शक वर्ग है जिसे उनका काम बहुत पसंद आएगा। फिल्म के अन्य सभी कलाकारों का काम भी अच्छा रहा। निर्देशक रेमो डिसूजा की यह कामयाबी रही कि जहां कहीं कहानी में थोड़ा झोल आता वहां उन्होंने बेहतरीन कोरियोग्राफी वाले गाने डाल कर दर्शकों को बांधे रखा। उनकी यह फिल्म पिछली एबीसीडी के मुकाबले ज्यादा अच्छी है। फिल्म का गीत संगीत भी आजकल काफी हिट हो रहा है।