18-Jun-2015 08:27 AM
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि खेती को लाभकारी बनाना उनकी जिद और जुनून है। आने वाले समय में किसानों को खेती में होने वाले नुकसान की भरपाई नई बीमा योजना के जरिये

की जायेगी। चौहान सागर जिले के खुरई में सामूहिक विवाह सम्मेलन और अन्त्योदय मेले को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में आज मध्यप्रदेश देश में नंबर वन है। यह सुखद परिणाम किसानों की अथक मेहनत और सरकार द्वारा उन्हें विभिन्न योजना में उपलब्ध करवाये गये संसाधनों का नतीजा है। हमने किसानों के हित में बड़े फैसले लिये हैं, जिससे उन्हें खेती करना आसान हो। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में लगातार सिंचाई सुविधाएँ बढ़ रही हैं। साढ़ेे सात लाख हेक्टेयर में होने वाली सिंचाई आज 36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो रही है। हाल ही में किसानों के लिये एक नई योजना शुरू की है, जिसमें उन्हें खेती के लिये 100 रुपये की सामग्री लेने पर 90 रुपये लौटाने होंगे। चौहान ने किसानों से खाद का अग्रिम भण्डारण करने और नई तकनीक एवं मिट्टी परीक्षण करवाकर खेती करने को कहा। उन्होंने बताया कि युवाओं को आगे बढ़ाने का भी सरकार प्रयास कर रही है। युवा उद्यमियों को अपना रोजगार स्थापित करने के लिये 10 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ तक ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। गरीब बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था सरकार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वादा किया है कि वर्ष 2022 तक देश के हर व्यक्ति का अपना मकान होगा। चौहान ने बीना नदी परियोजना को शीघ्र मंजूरी देने, खुरई में कृषि महाविद्यालय खोलने, नगर के विकास और मालथोन कृषि उपज मंडी को 5 करोड़ की राशि देने, महाविद्यालय खोलने तथा बांदरी और मालथोन में पेयजल योजना के लिये राशि उपलब्ध करवाने की घोषणा की। उन्होंने 7 सड़क निर्माण के लिये भी राशि उपलब्ध करवाने को कहा।
ऋण का 10 प्रतिशत सरकार देगी
मध्यप्रदेश के प्रत्येक किसान द्वारा खाद-बीज ऋण की 10 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करेगी। मौसम में आ रहे बार-बार के बदलाव और उनसे हो रहे फसलों के नुकसान की भरपाई के लिये राज्य सरकार ऐसी नई फसल बीमा योजना बनाने का प्रयास कर रही है, जिससे किसानों को शत-प्रतिशत भरपाई की जा सके। इसके साथ ही राज्य सरकार किसान कल्याण कोष के गठन पर भी विचार कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर व्यापार मेला परिसर में राज्य-स्तरीय कृषि महोत्सव में यह बात कही। इस मौके पर उन्होंने 20 करोड़ 46 लाख की लागत वाले 135 निर्माण कार्य का शिलान्यास एवं लोकार्पण भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में जय जवान-जय विज्ञान के साथ जय किसान के नारे को सार्थक रूप प्रदान करने राज्य सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिये अनेक कदम उठाए गए हैं। किसान के चेहरे पर मुस्कुराहट को बनाए रखने के लिये आवश्यक है कि खेती को लाभ का धंधा बनाया जाये। चंबल नहर प्रणाली में 425 किमी. नहरों की लायनिंग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसके अलावा पलुआ एवं अपर ककेटो सहित इस अंचल के अन्य बाँधों की क्षमता विस्तार का कार्य भी करवाया जा रहा है। चौहान ने किसानों से बदलते मौसम को दृष्टिगत रखते हुए क्रॉप पेटर्न (फसल चक्र) बदलने का आह्वान
भी किया।
आई.टी.आई. में खुलेंगे नए ट्रेड
आई.टी.आई. में उद्योगों की माँग अनुसार ट्रेड प्रारंभ किये जायेंगे। अनुपयोगी ट्रेड बंद करने का निर्णय लिया गया है। तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा है कि नये ट्रेड में प्रशिक्षित युवाओं को सहजता से रोजगार उपलब्ध होगा। विभिन्न आई.टी.आई. में संचालित वायरमेन, मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव, सीओई एडवांस माड्यूल, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर, ड्रायवर-कम-मैकेनिक, ऑटो इलेक्ट्रीशियन, कांक्रीट टेक्नालॉजी प्रोसेस प्लांट रेफ्रिजरेशन, एयरकण्डीशनिंग मेन्टेनेंस, नॉन कन्वेंशनल, पॉवर जनरेटर बेट्री एवं इन्वर्टर जैसे अनुपयोगी ट्रेड बंद करने का निर्णय लिया गया है। उद्योग एवं बाजार की माँग अनुसार आई.टी.आई. मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, देवास, रतलाम, उज्जैन, इंदौर, खरगोन, खण्डवा, आदर्श भोपाल, रायसेन, बैतूल, होशंगाबाद, इटारसी, पन्ना, टीकमगड़, जबलपुर, कटनी, छिन्दवाड़ा, सिवनी, रीवा, सिंगरोली, सतना और शहडोल में वेब डिजाइनिंग एण्ड कम्प्यूटर ग्राफिक्स का ट्रेड नये सत्र अगस्त-2015 से शुरू किया जायेगा। इसी तरह आई.टी.आई. भिण्ड, ग्वालियर, शिवपुरी, रतलाम, बाजना, रामपुरा, उज्जैन, धामनोद, सरदारपुर, गंधवानी, बाकानेर, डही, सोण्डवा, रामा, थांदला, मेघनगर, गोगावा, भीकनगाँव, ठीकरी, राजपुर, पानसेमल, सेंधवा, खण्डवा, नर्मदानगर, आदर्श भोपाल, गैस भोपाल, ब्यावरा, लटेरी, बैतूल, शाहपुर, भीमपुर, होशंगाबाद, सागर, बण्डा, जबलपुर, बरही, अमरवाड़ा, हर्रई, घंसोर, मण्डला, बैहर, किरनापुर, बिरसा, सतना, शहडोल और गोहपारू में इलेक्ट्रीशियन ट्रेड प्रारंभ किया जायेगा। आई.टी.आई. शिवपुरी, इंदौर और सतना में फेशन टेक्नालॉजी, खनियाधाना, मण्डलेश्वर, नरसिंहगढ़, सिवनी, घंसोर और किरनापुर में डीजल मेकेनिक, होशंगाबाद में मेकेनिकल एग्रीकल्चर मशीनरी, इंदौर एवं निवाली में आरएसी ट्रेड प्रारंभ किये जायेंगे। इसी प्रकार मशीनिस्ट कम्पोजिट, मेकेनिक कम्प्यूटर हार्डवेयर, हॉस्पिटल हाउस कीपिंग, फ्लोरीकल्चर एण्ड लेण्डस्केपिंग, स्टेनो अंग्रेजी, सर्वेयर, मेशन, आर्किटेक्ट असिस्टेंट, फिटर ट्रेड विभिन्न आई.टी.आई. में शुरू किये जायेंगे।
अब जिला खनिज फाउंडेशन
प्रदेश के सभी जिलों में खनिज क्षेत्रों के विकास और कल्याण के लिये काम करेंगे। नवीन केन्द्रीय खनिज नीति में खनिज ब्लॉक नीलामी करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बनेगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय इस्पात एवं खनन मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा मंत्रालय में ली गई उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक में दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि खनिज के क्षेत्र में प्रदेश में अपार संभावनाएँ हैं। प्रगतिशील केन्द्रीय खनिज नीति तथा आधुनिक तकनीकी से इन संभावनाओं का दोहन कर रोजगार के नये अवसरों का सृजन किया जा सकता है। इसके माध्यम से प्रदेश को और अधिक बेहतर बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि नवीन खनिज आक्शन प्रणाली में मध्यप्रदेश में खनिज ब्लाकों की नीलामी का रोड मेप बनाया जायेगा। निर्धारित समय-सीमा का कड़ाई से पालन किया जायेगा। विकास के लिये सकारात्मक मानसिकता से काम किया जायेगा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2014 में हुए एमओयू का क्रियान्वयन समय-सीमा में होगा। केन्द्रीय इस्पात एवं खनिज मंत्री तोमर ने कहा कि नई खनिज नीति के बाद अब खनिज का आवंटन नीलामी से ही होगा। इसके लिये समय-सीमा निर्धारित की जाये। खनिज क्षेत्र के विकास के लिये सभी जिले में खनिज फाउंडेशन गठित कर मध्यप्रदेश दूसरे राज्यों के लिये उदाहरण बनेगा। नई खनिज नीति में खनिज क्षेत्रों के एक्सप्लोरेशन पर जोर दिया गया है।
अभी मध्यप्रदेश के 33 हजार किलोमीटर खनिज क्षेत्र में से 23 हजार किलोमीटर का जियो केमिकल तथा 19 हजार किलोमीटर क्षेत्र का जियो फिजिकल सर्वे हुआ है। वर्ष 2017 तक प्रदेश में क्षेत्रीय एक्सप्लोरेशन का काम पूरा हो जायेगा। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में वर्तमान में सतना जिले में दो लाइम स्टोन ब्लाक चयनित किये गये हैं, जिनका आक्शन अगले तीन माह में किया जा सकता है। इसी तरह लाइम स्टोन के 10, लौह अयस्क के 6 और बाक्साइट के 2 ब्लाक चयनित किये गये हैं। इनका आक्शन जियो रिफ्रेन्स के बाद किया जा सकता है। प्रदेश में रेत के ई-आक्शन से 10 गुना राजस्व बढ़ा है।मध्यप्रदेश अब पवन ऊर्जा से जगमगाएगा
प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों के अलावा गैर-परम्परागत साधनों से बिजली उत्पादन करने के मकसद से पवन ऊर्जा को प्रोत्साहित किया जा रहा है। वर्ष 2014-15 में पवन ऊर्जा के क्षेत्र से 456.3 मेगावॉट क्षमता की परियोजना स्थापित की गयी है। यह क्षमता पिछले 20 वर्ष में स्थापित की गयी 361.4 मेगावॉट से अधिक है। अब तक 820 मेगावॉट क्षमता की 38 पवन ऊर्जा परियोजना स्थापित की जा चुकी हैं। इनमें से 740 मेगावॉट क्षमता की परियोजनाएँ उज्जैन संभाग के देवास, मंदसौर, रतलाम एवं आगर-मालवा जिले में स्थापित हैं। पिछले कुछ वर्षों में इन्वेस्टर समिट के दौरान पवन ऊर्जा के क्षेत्र में निजी निवेशकों को प्रोत्साहित किये जाने की पहल राज्य सरकार द्वारा की गयी है। इसके फलस्वरूप मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम को निजी निवेशकों से द्वितीय चरण में 77 परियोजना के 3527 मेगावॉट क्षमता एवं तृतीय चरण में 99 परियोजना के 5754 मेगावॉट क्षमता के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। प्रदेश में पवन ऊर्जा के क्षेत्र में 6300 मेगावॉट क्षमता की 147 परियोजना पर तेजी से कार्य किया जा रहा है।
भीमबेठिका और पन्ना की कला अब वस्त्रों पर भी
मप्र के भीमबेठिका और पन्ना की कला अब वस्त्रों पर भी दिखेगी। प्रदेश की कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री कुसुम महदेले ने यह बात भीमबेठिका और पन्ना के भित्ति चित्रों पर आधारित वस्त्र प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए कही। इनकी बेहतर मार्केटिंग का सुझाव भी मंत्री ने दिया। पन्ना क्षेत्र के शैलाश्रयों में बने शैल-चित्र प्रारंभिक पाषाण एवं मध्य पाषाण-युग की कला को दर्शाते हैं। इन चित्रों में ज्यामितीय रूपांकन का इस्तेमाल किया गया है। लहराती रेखाएँ, त्रिकोणीय पँखुडिय़ों के साथ फूल और छोटे गोलाकार फूलों के समूह अंकित हैं। भीमबेठिका वर्ल्ड हेरिटेज साइट है। यहाँ की पेन्टिंग्स लगभग 30 हजार वर्ष पुरानी हैं, लेकिन इनमें से कुछ ज्यामितीय चित्र मध्य काल के भी हैं। इन चित्रों को वस्त्रों में उकेरा गया है।
साँची में विश्व-स्तरीय मेडिकल स्मार्ट सिटी
प्रदेश के साँची में यूएसए के टिनासिटी समूह द्वारा 3,600 करोड़ रुपये की लागत से विश्व-स्तरीय मेडिकल स्मार्ट सिटी स्थापित की जायेगी। इस मेडिकल सिटी में विश्व-स्तरीय अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएँ, उपचार और स्वास्थ्य शिक्षण-प्रशिक्षण की व्यवस्थाएँ होंगी। इसमें यूएसए की ड्यूक यूनिवर्सिटी, वाशिंगटन यूनिवर्सिटी, अलकेमियन हॉस्पिटल सहभागी रहेंगे। यह परियोजना अगले तीन वर्ष में पूर्ण करने की योजना है। इस सिटी के बनने से प्रदेश में मेडिकल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
-श्याम सिंह सिकरवार