05-May-2015 02:57 PM
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अपै्रल माह में एक पखवाड़े के भीतर मध्यप्रदेश सरकार ने अपनी लेखनी से समाज की विसंगतियों को जनता के सामने रखने वाले, सत्य को उसके मूल स्वरूप में उद्घाटित करने वाले, सत्ता-शासन और समाज की कमजोरियों को झकझोरने वाले, जनता के दु:ख-दर्द-पीड़ा और यातना को अपने शब्दों के माध्यम से व्यक्त करने वाले, देश और प्रदेश के कई यशस्वी पत्रकारों को राष्ट्रीय, राज्य-स्तरीय और आंचलिक सम्मानों से सम्मानित किया।
अप्रैल को मुख्यमंत्री निवास प्रांगण में पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट और उल्लेखनीय योगदान देने वाले पत्रकारों को सम्मानित करते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह उचित ही कहा कि पत्रकारिता एक मिशन है इसलिए इसके हेतु पुरस्कार से ज्यादा उपयुक्त शब्द सम्मान है। मुख्यमंत्री का यह कथन पत्रकारिता के प्रति उनके मन में सम्मान और आदर को प्रकट कर रहा था। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि कहा कि फ्रांस की क्रांति हो या भारत का स्वतंत्रता संग्राम पत्रकारिता ने दिशा देने का काम किया है। पत्रकारिता ने आजादी के बाद नव-निर्माण की नई धारा पैदा करने और आपातकाल के दौरान जनता को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने का काम किया। प्रजातंत्र में सरकारों के लिये जरूरी है कि सत्य और तथ्य उजागर होते रहें। इसके लिये स्वस्थ पत्रकारिता का महत्वपूर्ण योगदान है। स्वस्थ आलोचना जरूरी है क्योंकि इससे सच का पता चलता है। पत्रकारिता राजसत्ता पर अंकुश रखने का काम करती है। यह भी ध्यान रखना होगा कि पत्रकारिता के मिशन को व्यावसायिकता से नुकसान न हो। समाज में जो सकारात्मक हो रहा है वह भी सामने आना चाहिये। मध्यप्रदेश की पत्रकारिता वस्तुनिष्ठ और सकारात्मक रही है। पत्रकारिता के लिये सम्मान देना शब्द साधकों के प्रति आदर और श्रद्धा व्यक्त करने का काम है। मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना पत्रकारों ने भी की। इंडिया टीवी के संस्थापक रजत शर्मा ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान मेें सम्पे्रषण की अद्भुत कला है। इंडिया टुडे के शेखर गुप्ता ने मध्यप्रदेश के विकास को सराहा। मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल ने पत्रकारिता की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि सकारात्मक पत्रकारिता सुशासन के लिए संजीवनी का काम करती है। मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य की श्रेणी से निकालने में पत्रकारिता का महत्वपूर्ण योगदान है। विद्यानिवास मिश्र, गणेश शंकर विद्यार्थी, माणिक चंद्र वाजपेयी, सत्यनारायण श्रीवास्तव जैसे महान पत्रकारों के नाम पर यह सम्मान स्थापित किए गए हैं। इन पत्रकारों के परिजनों को सम्मानित करना भी एक अच्छी परम्परा है। किन पत्रकारों को सम्मानित किया जाना है, इसका निर्णय अपने समय के जाने-माने पत्रकारों की ज्यूरी ने किया। जिसमें विजयदत्त श्रीधर, प्रो. बी.के. कुठियाला और गिरिजा शंकर जैसे पत्रकार शामिल हैं। इस ज्यूरी को भी मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया।
इससे पहले 8 अप्रैल को भी मध्यप्रदेश के समन्वय भवन में आंचलिक पत्रकारों को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री ने उनके लिए स्वास्थ्य बीमा और दुर्घटना बीमा योजना लागू करने की घोषणा की। आंचलिक पत्रकारों को सम्मान राशि भी 51 हजार से बढ़ाकर दोगुनी कर दी गई है और सभी जिला मुख्यालयों पर प्रेस क्लब के लिए भूमि देने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। इससे आंचलिक पत्रकारों को सहूलियत होगी। भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पे्रस क्लब बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि मध्यप्रदेश में इलेक्ट्रानिक मीडिया और फोटो पत्रकारिता में उत्कृष्ट कार्य करने वालों के लिए भी पुरस्कार दिए जाएंगे।
आंचलिक पत्रकारों की ज्यूरी में मदन मोहन जोशी, जयकृष्ण गौड़, जयराम शुक्ला, शरद द्विवेदी जैसे जाने-माने पत्रकार शामिल हैं। जिन्होंने शरद जोशी आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार, राहुल बारपुते आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार, रतनलाल जोशी आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार, जीवनलाल वर्मा विद्रोही आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार, कन्हैयालाल वैद्य आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार, बनारसीदास चतुर्वेदी आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार, मास्टर बल्देवप्रसाद आंचलिक पत्रकारिता सम्मान के सम्मानितों का चयन किया।
राज्य एवं राष्ट्र स्तरीय पत्रकारिता सम्मान
वर्ष 2011 के लिये राजनाथ सिंह सूर्य (लखनऊ), वर्ष 2012 के लिये असीम कुमार मित्रा (कोलकाता), वर्ष 2013 के लिये धीरेन्द्र नाथ चक्रवर्ती (असम) और वर्ष 2014 के लिये शेखर गुप्ता (दिल्ली) को विद्यानिवास मिश्र राष्ट्रीय पत्रकारिता सम्मान दिया गया।
गणेश शंकर विद्यार्थी राष्ट्रीय पत्रकारिता सम्मान से वर्ष 2011 के लिये श्री कैलाशचंद्र पंत (भोपाल), वर्ष 2012 के लिये महेश श्रीवास्तव (भोपाल), वर्ष 2013 के लिये शंकर शरण (दिल्ली) और वर्ष 2014 के लिये रजत शर्मा (दिल्ली) को सम्मानित किया गया।
माणिकचंद्र बाजपेयी राष्ट्रीय पत्रकारिता सम्मान से वर्ष 2011 के लिये श्याम खोसला (दिल्ली), वर्ष 2012 के लिये बबन प्रसाद मिश्र (रायपुर), वर्ष 2013 के लिये राजेन्द्र शर्मा (भोपाल) और वर्ष 2014 के लिये बल्देवभाई शर्मा (दिल्ली) को विभूषित किया गया।
सत्यनारायण श्रीवास्तव राज्य-स्तरीय पत्रकारिता सम्मान वर्ष 2008 के लिये शशीन्द्र जलधारी (इंदौर), वर्ष 2009 के लिये राजेश सिरोठिया (भोपाल), वर्ष 2010 के लिये मृगेन्द्र सिंह (भोपाल), वर्ष 2011 के लिये मनीष दीक्षित (भोपाल), वर्ष 2012 के लिये नितेन्द्र शर्मा (भोपाल), वर्ष 2013 के लिये अरुण चौहान (भोपाल) और वर्ष 2014 से अतुल तारे (ग्वालियर) को सम्मानित किया गया।
आंचलिक पत्रकारिता सम्मान
शरद जोशी आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार से सतीश एलिया, गोविंद बड़ोने, रानी शर्मा, प्रभु पटैरिया, प्रदीप एस चौहान, राजेश शर्मा और हरीश दिवेकर को, राहुल बारपुते आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार से रूमानी घोष, प्रभाकर केरालकर, दिनेश सोलंकी, प्रेम विजय पाटिल, कीर्ति राणा, दिनेश बावनिया और नवनीत शुक्ला को, रतनलाल जोशी आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार से डॉ. राम विद्रोही, प्रमोद भार्गव, सुरेश डण्डोतिया, लोकेन्द्र पाराशर, राजदेव पाण्डेय, निर्मल साहू, रवीन्द्र झारखरिया को सम्मानित किया गया।
जीवनलाल वर्मा विद्रोही आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार से डॉ. किशनलाल कछवाहा, मनीष गुप्ता, डॉ. महेश कुमार चांडक, लक्ष्मीनारायण अवधिया, संजय जैन, सुधीर उपाध्याय, प्रेमशंकर तिवारी को, कन्हैयालाल वैद्य आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार से कैलाश सनोलिया, सुनील जैन, राजेश मानव, अशोक झलौया, निरूक्त भार्गव, ललित ज्वेल, सतीश गौड़ को,
बनारसीदास चतुर्वेदी आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार से उमाशंकर तिवारी, अजय सिंह, शालिगराम शर्मा, बृजेश पाठक, राजेश द्विवेदी, रमाकान्त द्विवेदी और सुदामा शरद को सम्मानित किया गया।
मास्टर बल्देवप्रसाद आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार से भोलाराम भारतीय, रवीन्द्र व्यास, सुदेश तिवारी, अभिषेक यादव, सुरेश शर्मा, नारायण सिंह ठाकुर और पंकज सोनी सम्मानित हुए।