प्रजातंत्र में राजनीतिक हस्ताक्षेप आवश्यक
05-May-2015 01:37 PM 1234880

अम्बेडकर के बगैर मैं भी न होता : मोदी

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि यूं तो राजनीतिक दखलअंदाजी अवांछनीय है किंतु प्रजातंत्र में जनहितैषी शासन सुनिश्चित करने के लिए कई बार यह आवश्यक भी हो जाता है। सिविल सेवा दिवस पर लोक सेवकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने स्वतंत्र भारत की सिविल सेवाओं और राष्ट्रीय एकता में सिविल सेवाओं की भूमिका पर सरदार पटेल के विजन को स्मरण किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सामाजिक-आर्थिक एकता भी सिविल सेवाओं का एक उद्देश्य होना चाहिए। राष्ट्रीय एकता का उद्देश्य डिजिटल ज्ञान के क्षेत्र में नजर आने वाली खाई के साथ-साथ शहरी-ग्रामीण की खाई को भी पाटना और सामाजिक-आर्थिक विषमता के सभी स्वरूपों को समाप्त करना है। समूची प्रशासकीय प्रणाली को समाज की जरूरतों को पूरा करने में लगा दिया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. अम्बेडकर के प्रति अपनी भावभीनी शब्दांजलि अर्पित करके यह संकेत दे दिया है कि आने वाले समय में भाजपा के खेवनहारों में बाबा अम्बेडकर भी शामिल हो गए हैं। दिल्ली में बाबा साहेब अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र का शिलान्यास करते हुए मोदी ने कहा कि बाबा साहब सदैव मानवता की सेवा करते रहे और समाज के अधिकार हीन दलितों के लिए आशा की किरण बने। मोदी ने यह स्वीकार किया कि बाबा अम्बेडकर के कारण ही उन जैसे पिछड़े वर्ग के लोगों को प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने कदम-कदम पर दुव्यवहार झेला लेकिन संविधान निर्माण में कहीं भी दुर्भावना का निशान या संकेत नहीं मिला। डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र परियोजना की शुरुआत 20 वर्ष से भी अधिक समय पहले 1992 में की गई थी। लेकिन इसकी शुरुआत में इतनी देरी हुई अब नई सरकार ने इस कार्य को 20 माह के भीतर करने का संकल्प किया है।
प्रतिभा पलायन नहीं करेगी, आएगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आशा व्यक्त की है कि अब भारत की प्रतिभाएं विदेश पलायन नहीं करेंगी बल्कि विदेश की प्रतिभाएं भारत आएगी। नई दिल्ली में सेवाओं पर पहली वैश्विक प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को अब वैश्विक नजरिए से अपनी सेवा क्षमता का आंकलन करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने सुझाया कि काबिल लोगों की वैश्विक आवश्यकताओं का खाका बड़ी सावधानी से तैयार किया जाना चाहिए। जिनकी पूर्ति भारत अगले एक दशक में कर सकता है। प्रधानमंत्री का मानना था कि भारत में 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम की है। सारी दुनिया को काबिल लोगों की तलाश है और भारत इसे मुहैया करा सकता है।
प्लास्टिक से बनेगा डीजल
भारतीय रेलवे शीघ्र ही एक ऐसा संयंत्र स्थापित करेगी जिससे प्लास्टिक से डीजल बनेगा। देहरादून के सीएसआईआर भारतीय पेट्रोलियम संस्थान ने जीवाश्म ईधन पर राष्ट्रीय निर्भरता कम करने के लिए वैकल्पिक तरीके से ईंधन बनाने की दिशा में उल्लेखनीय शोध की है इसके चलते प्लास्टिक जैसी वस्तुओं से भी ईंधन बन सकता है। एक टन टूटे-फूटे और बेकार प्लास्टिक से 850 लीटर स्वच्छ डीजल बनाया जा सकता है। संस्थान का मानना है कि इस तकनीक के कारण प्लास्टिक के कचरे को एक संसाधन के रूप में देखा जाएगा न कि हानिकारक वस्तु के रूप में।
छोटे उद्योगों को आसान ऋण
भारतीय रिजर्व बैंक सूक्ष्म उद्योगों को अब आसानी से ऋण दिया करेगा। पहले ऋण मिलने में बहुत दिक्कत जाती थी, लेकिन अब भारतीय रिजर्व बैंक ने सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों को क्रेडिट की वर्ष दर वर्ष 20 प्रतिशत वृद्धि, सूक्ष्म उद्यम खातों की संख्या में 10 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि अर्जित करने और सूक्ष्य उद्यमों को सूक्ष्य मध्यम उद्यमों की 7 प्रतिशत अग्रिम राशि आवंटित करने की सलाह दी है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को सरल क्रेडिट फ्लो की सुविधा के अलावा सरकार ने अगस्त 2000 में सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी निधि योजना शुरू की थी जिसके अधीन सूक्ष्म और लघु उद्यमों को अतिरिक्त मुक्त क्रेडिट उपलब्ध कराया जाता है। मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के रोजगार सृजन कार्यक्रम और क्रेडिट से जुड़ी पूंजीगत अनुदान योजना भी लागू की है जिसमें ऋण की प्रभावी लागत को कम करने के लिए मार्जन राशि और पूंजीगत सहायता प्रदान की जाती है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने मंत्रालय और लघु उद्योग विकास बैंक ने क्रेडिट गारंटी निधि न्यास नामक न्यास स्थापित किया है।
किसानों को मिलेगी राहत
यद्यपि ओला-पाला या बाढ़ से प्रभावित किसानों को सहायता देने का अधिकार राज्य सरकारों का है लेकिन केंद्र ने भी इस बार किसानों के लिए कुछ आवश्यक कदम उठाए हैं। इनके तहत सरकार ने हालिया ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को कच्चे माल पर दी जाने वाली सब्सिडी पर राहत में 50 फीसदी की वृद्धि करने की घोषणा की है। यही नहीं, इस तरह की राहत पाने के लिए आवश्यक पात्रता को घटाकर 33 फीसदी कर दिया गया है। अन्य आपदाओं के मामले में प्रदेश सरकारों को यह अधिकार प्राप्त है कि वे राज्य आपदा राहत कोष के तहत उपलब्ध धन राशि के 10 फीसदी के दायरे में रहते हुए प्रभावित लोगों को तत्काल राहत मुहैया कराएं।
नेमाडे को ज्ञानपीठ पुरस्कार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  भारत की प्रगति की कुंजी के रूप में बुद्धि (सरस्वती) और समृद्धि (लक्ष्मी) के संयोग पर बल दिया। प्रोफेसर भालचंद्र नेमाडे को 50वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि रचनात्मक लेखन में अनेक पीढिय़ों के जीवन का स्पर्श करने की क्षमता है। आज विश्व के समक्ष ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की समस्याओं का समाधान वेदों में ढूंढा जा सकता है। प्रोफेसर भालचंद्र नेमाडे के लेखन की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने अरविंदो से उनके दृष्टिकोण की तुलना की। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर नेमाडे का लेखन अनेक पीढिय़ों को प्रेरित करेगा। प्रधानमंत्री ने बल दिया कि साहित्य प्रौद्योगिकी के वर्तमान युग में बेहद महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने पुस्तकों और पढऩे में घट रही रूचि पर खेद प्रकट किया। उन्होंने कहा कि लोगों को अपने घरों में पुस्तकों के लिए खास जगह रखनी चाहिए। उन्होंने वान्चे गुजरात (पढ़े गुजरात) पहल का उल्लेख किया
जो उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए आरंभ की थी।
सफाई का खर्च उठाएंगी पार्टियां
देश के किसी भी शहर में सार्वजनिक समारोह हो या नेताओं की रैली के बाद बिखरा कचरा अब आयोजकों को ही उठाना पड़ेगा। सभा के आयोजन के लिए 10,000 से लेकर एक लाख तक सुरक्षा निधि जमा करनी होगी। शहरी विकास मंत्री वैकेंया नायडू ने इस योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है। शहरी विकास मंत्रालय सार्वजनिक समारोहों और बैठकों के दौरान पानी की बोतलें, खाने-पीने का बचा-खुचा सामान, इस्तेमाल किए गए फूलों, पैकेजिंग सामग्री और रैपर आदि बिखराकर गंदगी फैलाने को गंभीरता से लिया था। इसके अलावा सार्वजनिक सुविधाएं नहीं होने के कारण आसपास की जगहों में अस्वास्थ्यकर माहौल पैदा होता है।  नये नियमों के अंतर्गत आयोजकों को सफाई सुनिश्चित करने का वचन देना होगा और धनराशि जमा करानी होगी। नियमों का पालन नहीं करने पर धनराशि जमा करानी होगी। 500 लोगों के एकत्र होने पर 10,000 रूपये जमा कराने होंगे, 50,000 लोगों के एकत्र होने पर 50,000 रूपये और 50,000 से ज्यादा लोगों के एकत्र होने पर 1,00,000 रूपये सिक्यूरिटी देनी होगी। सिक्यूरिटी नहीं देने पर सम्बद्ध एजेंसियों को इजाजत नहीं दी जाएगी। आयोजकों को पर्याप्त कूड़ेदानों और सार्वजनिक सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। परिसर में उचित सफाई के लिए पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मचारियों को तैनात करना होगा। समारोह समाप्त होने के बाद आयोजकों को नगर निगम द्वारा तय कूड़े को नजदीकी कूड़ाघर तक पहुंचाने की व्यवस्था करनी होगी। आयोजकों को समारोह समाप्त होने के छह घंटे के भीतर परिसर के मालिक को साफ-सुथरा स्थान सौंपना होगा। यदि आयोजक सफाई करवा देते हैं तो डिमांड ड्राफ्ट के रूप में सिक्यूरिटी की राशि तीन दिन के भीतर नगर निगम द्वारा लौटा दी जाएगी।
गांवों को बदलें महिलाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरपंच पति की अवधारणा को गलत बताते हुए कहा है कि महिलाएं गांवों की तस्वीर बदलने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। यह गौरव का विषय है। प्रधानमंत्री ने इस बारे में  कुछ सुझाव दिए, जैसे गांव का जन्मदिन मनाना। उन्होंने कहा कि पंचायत सदस्यों को गांव में बच्चों की शिक्षा और उनके टीकाकरण जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने पंचायत सदस्यों से अपील की कि वे सभी सरकारी अधिकारियों को सप्ताह में कम से कम एक घंटा गांव के स्कूली बच्चों के साथ बिताने के लिए प्रोत्साहित करे। उन्होंने पंचायत सदस्यों से आग्रह किया वे ठोस योजनाओं और 5 वर्ष की परिकल्पना के साथ कार्य करे ताकि उनके गांव में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।
-आरके बिन्नानी

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