04-Apr-2015 02:52 PM
1234780
श्चिम बंगाल की मुख्यमंंत्री ममता बनर्जी सारदा चिटफंड घोटाले से जूझ रही थीं कि नन बलात्कार कांड ने उनकी मुसीबत और बढ़ा दी। राज्य में यूं तो हर दिन सैंकड़ों महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहे

हैं लेकिन जब 70 वर्षीय नन के साथ बलात्कार हुआ, तो प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रिपोर्ट मांगी और बाद में दबाव के चलते ममता बनर्जी ने मामला सीबीआई को सौंप दिया। लेकिन सीबीआई द्वारा इस मामले की जांच ठुकराने से मामले में नया मोड़ आ गया है। नदिया जिले के रानाघाट स्थित जिस जीसस एण्ड मेरी कॉन्वेंट स्कूल में 70 वर्षीय नन के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ है, उसके बाद जलपाईगुड़ी में भी एक मिशनरी स्कूल में पत्र भेजकर बलात्कार की धमकी दी गई और स्कूल खाली करने का कहा गया। नन के साथ बलात्कार करने वालों के वीडियो फुटेज सीसीटीवी कैमरे में उपलब्ध थे लेकिन गिरफ्तारी 10 दिन बाद ही हो पाई।
ऐसी घटनाओं में इंसाफ के मामले में राज्य का रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं रहा है। चार साल पहले ममता बनर्जी के सत्ता में आने के बाद राज्य में महिलाओं के खिलाफअपराध के कई ऐसे मामले हुए जो सुर्खियों में बने रहे। उनमें हुई जांच किसी निश्चित स्तर तक नहीं पहुंच पाई है। कई घटनाओं के मुख्य अभियुक्त अब तक फरार हैं। ममता बनर्जी और उनके मंत्री राष्ट्रीय क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों को गलत ठहराते हुए विपक्षी राजनीतिक दलों और मीडिया के एक वर्ग को राज्य की छवि खराब करने का जिम्मेदार ठहराते रहे हैं।
5 फरवरी 2012 को कोलकाता के व्यस्त पार्क स्ट्रीट इलाके में हुई गैंगरेप की घटना ने पूरे देश में हलचल मचा दी। एक पब से बाहर निकलने के बाद एक महिला के साथ चलती कार में सामूहिक बलात्कार किया गया। सुजैट जॉर्डन नाम की इस महिला की मौत हो चुकी है। इस घटना पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि उनकी सरकार को बदनाम करने के लिए ये मनगढ़ंत घटना बनाई गई है। तब राज्य सरकार ने इस मामले की तफ्तीश कर बलात्कार की पुष्टि करने वाली महिला पुलिस अधिकारी दमयंती सेन का तबादला कर दिया था। 25 फरवरी 2012 को बर्दवान जिले के कटवा में एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना हुई। इस मामले में नौ में से एक अभियुक्त को अब तक पकड़ा नहीं जा सका है। इस मामले में एक विधवा महिला को ट्रेन से जबरन उतारकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। पुलिस और प्रशासन ने तो पहले ऐसी किसी घटना से इनकार करते हुए रिपोर्ट दर्ज करने से ही मना कर दिया था। रेलवे ने भी मामले की लीपापोती का प्रयास किया था, लेकिन अखबारों और टीवी चैनलों पर पीडि़ता का बयान आने के बाद पुलिस सक्रिय हुई थी। इस मामले में अब तक गवाहों के बयान तक नहीं लिए गए हैं। सात जून 2013 को कामदुनी में एक स्कूली छात्रा को अगवा कर उसके साथ कई दिनों तक बलात्कार किया गया था। इस मामले में
नौ लोगों की गिरफ्तारी हुई। यह मामला हाईकोर्ट में है।
13 दिसंबर 2013 को मध्यमग्राम में एक स्कूली छात्रा के साथ दो बार सामूहिक बलात्कार की घटना सामने आई। बाद में लड़की की जलने के कारण मौत हो गई लेकिन उसकी हत्या हुई है या उसने आत्महत्या की है ये अभी तक साफ नहीं हुआ। इस मामले के छह में से एक अभियुक्त सरकारी गवाह बन गया था। मीडिया में आई खबरों के अनुसार घटना में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता के शामिल होने के कारण पुलिस ने पहले मामले में सक्रियता नहीं दिखाई। 17 अगस्त 2014 को पूर्व मेदिनीपुर जिले में एक सीपीएम नेता की पत्नी के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अब तक किसी भी अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है, जबकि पुलिस में दर्ज शिकायत में 12 लोगों को नामजद किया गया था। इस मामले में भी पुलिस ने बिना मेडिकल जांच के पहले ही कह दिया था कि महिला के साथ बलात्कार नहीं हुआ है और उसकी हत्या शायद आपसी रंजिश के चलते हुई है। दो सितंबर 2014 को जलपाईगुड़ी जिले के धूपगुड़ी में दसवीं कक्षा की एक छात्रा के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले के 13 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह मामला भी हाईकोर्ट में है। इस मामले में भी पुलिस ने पहले एफआईआर नहीं दर्ज की। कथित तौर पर इस मामले के अभियुक्तों को स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं का संरक्षण हासिल था।
एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद राज्य में महिलाओं से जुड़े अपराध थम नहीं रहे हैं। एनसीआरबी ने दो साल पहले अपनी रिपोर्ट में कहा था कि महिलाओं के प्रति अपराध के मामले में पश्चिम बंगाल पहले नंबर पर है। एनसीआरबी के मुताबिक वर्ष 2013 के दौरान राज्य में बलात्कार के 1685 मामले दर्ज हुए हैं।
-कोलकाता से इंद्रकुमार बिन्नानी