ओला प्रभावित किसानों को बिजली भुगतान में छूट
03-Apr-2015 06:16 AM 1234899

 

मध्यप्रदेश में राज्य शासन ने उन किसानों के स्थाई पम्प के अप्रैल, 2015 में देय छहमाही बिलों की वसूली तथा 31 मार्च, 2015 की स्थिति में बकाया राशि की वसूली एक वर्ष आस्थगित करने का निर्णय लिया है, जिनकी ओला-वृष्टि और अति-वृष्टि से 50 प्रतिशत से अधिक फसलों का नुकसान हुआ है। इस तरह उन्हें 31 मार्च, 2016 तक बिजली बिल भुगतान से छूट मिलेगी। इस संबंध में मध्यप्रदेश पूर्व, मध्य, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनियों को निर्देश जारी किये गये हैं। इन किसानों से एक अप्रैल, 2015 से 31 मार्च, 2016 तक की अवधि का कोई सरचार्ज नहीं लिया जायेगा। वित्तीय वर्ष 2016-17 के प्रथम छहमाही बिलिंग चक्र में अप्रैल, 2016 में उस समय देय छहमाही बिल तथा 31 मार्च, 2015 तक की यदि कोई बकाया राशि हो तो वह भी आस्थगित बिल के साथ अप्रैल, 2016 में ली जायेगी।

खनिज मॉनिटरिंग के लिए सेल

मध्यप्रदेश में अब खनिज मॉनीटरिंग के लिए सामाजिक उत्तरदायित्व सेल गठित किया जाएगा।  निगम की सामाजिक उत्तरदायित्व नीति का अनुमोदन किया गया है। इस निर्णय से निगम अपने लाभ की 2 प्रतिशत राशि सामाजिक उत्तरदायित्व के कार्यों पर खर्च कर सकेगा। इसमेंं आधी  राशि उन क्षेत्रों में खर्च की जाएगी, जहां निगम की खदानें संचालित हैं। साथ ही सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत मुख्यत: शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरणीय संरक्षण, महिला सशक्तिकरण एवं पेयजल पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। निगम की मुख्य खदानों में कार्यरत 196 की सेवानिवृति की आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष करने की सहमति दी गई है। इसके लिए स्टेण्डिंग ऑर्डर में संशोधन कर उसे प्रमाणीकरण के लिए क्षेत्रीय श्रमायुक्त (केंद्रीय) भोपाल को भेजने का भी निर्णय लिया गया है।

नीरज को प्रदीप सम्मान

सुप्रसिद्ध गीतकार और कवि नीरज को मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रथम कवि प्रदीप सम्मान से सम्मानित किया गया है। संस्कृति मंत्री सुरेन्द्र पटवा ने गोपालदास नीरज को 2 लाख रुपए कीसम्मान राशि, सम्मान पट्टिका और शॉल-श्रीफल  से अलंकृत किया। मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित पहला प्रदीप सम्मान गोपालदास नीरज को देने का निर्णायक मण्डल द्वारा लिया गया। स्थानीय शहीद भवन में आयोजित गरिमामय कार्यक्रम में नीरज ने अपनी चुनिंदा काव्य रचनाएं और गीत सुनाकर श्रोताओं को अभिभूत किया।

कन्या भू्रण के हत्यारों का पंजीयन निरस्त होगा

मध्यप्रदेश सरकार कन्या भू्रण हत्या पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए वर्तमान पीसी एण्ड पीएनडीटी एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव शासन को भेजकर न्यायालय द्वारा दोषी पाए गए सोनोलॉजिस्ट का पंजीयन हमेशा के लिए निरस्त करने की अनुशंसा करेगी। दोषी चिकित्सक का लाइसेंस 5 वर्ष की अवधि के लिए निरस्त करने का प्रावधान है। संचालक एवं राज्य सक्षम प्राधिकारी, पीसी एण्ड पीएनडीटी एक्ट डॉ. नवनीत मोहन कोठारी ने बतलाया कि प्रदेश में मात्र 2000 सोनोग्राफी मशीन हैं, जिन पर कड़ी और सघन निगरानी से शिशु लिंग निर्धारण पर पूर्ण रूप से नियंत्रण का प्रयास किया जा सकता है। प्रकरण सामने आते ही सोनोग्राफी सेंटर और चिकित्सक दोनों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाना जरूरी है। चिकित्सकों और सोनोग्राफी सेंटर पर कड़ी निगरानी रहेगी तो शिशु लिंग निर्धारण की जानकारी लेने वालों की मंशा पूरी नहीं हो सकेगी। डॉ. कोठारी ने कहा कि जल्दी ही सोनोग्राफी केंद्रों का पंजीयन, नवीनीकरण आदि ऑनलाइन की जा रही है। इसके लिए समिति भी गठित कर दी गई है। बैठक में चुनाव आयोग की तरह जिलेवार दोषी पाए गए केंद्र और चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। इसके प्रथम चरण में मुरैना और सीहोर जिले का चयन किया गया।

पुलिस आधुनिकीकरण में तेजी

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने कहा है कि सरकार पुलिस व्यवस्था के आधुनिकीकरण पर कार्य कर रही है। रिजीजू 23वीं अखिल भारतीय फोरेन्सिक साइंस कान्फें्रस के समापन और भोपाल मेें बचने वाली केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। रिजीजू ने कहा कि 53 करोड़ की लागत से बनने वाला सीएफएसएल आधुनिक और उत्कृष्ट संस्थान बनेगा। इसके भवन को अगले 21 माह में एनबीसीसी द्वारा बना दिया जाएगा। उन्होंने कान्फें्रस में शोध-पत्र प्रस्तुत करने वाले वैज्ञानिकों और प्रतिभागियों के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि फोरेन्सिक साइंस के क्षेत्र में 3 पुरस्कार दिए जाएंगे। सम्पूर्ण जीवन में किये कार्य पर 1 लाख, अनुसंधान के लिये 50 हजार और युवा वैज्ञानिक के लिए 10 हजार का पुरस्कार दिया जाएगा।

उत्कृष्ट लोक सेवा के लिये डिसा पुरस्कृत

मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा को केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने स्कॉच नेशनल चेलेंजर अवार्ड-2015 से नई दिल्ली में सम्मानित किया। यह अवार्ड लोक सेवाएं प्रदाय करने के क्षेत्र में उत्कृष्ट भूमिका के लिये दिया गया है। पुरस्कार समारोह में मध्यप्रदेश की महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह को महिला सशक्तिकरण के लिये पुरस्कृत किया गया। मुख्य सचिव  डिसा को वर्ष 2013 से मध्यप्रदेश में सामाजिक सुरक्षा, महिला-बाल कल्याण, शिक्षा, कृषि, खाद्य सुरक्षा, स्व-रोजगार, कौशल विकास, वित्तीय समावेशन, योजनाओं की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के कार्यों को प्रशासकीय दक्षता से अंजाम देने के लिये पुरस्कृत किया गया है। महिलाओं को सशक्त बनाने और लोक सेवा गारंटी योजना में मध्यप्रदेश ने श्रेष्ठ उदाहरण पेश किया है।

600 हुए बारासिंघा

विश्व की सबसे ज्यादा संकट में आयी वन्य-प्राणी प्रजातियों में से एक हार्डग्राउन्ड बारासिंघा का सफल पुर्नस्थापन कर कान्हा टायगर रिजर्व ने वैश्विक वन्य-प्राणी संरक्षण जगत में सफलता की नई इबारत लिख दी है। विशेषज्ञों, चिकित्सकों और तकनीशियनों की टीम के साथ कान्हा प्रबंधन ने पहली बार बिना ट्रेन्क्यूलाइजर की मदद के जनवरी, 2015 को वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल को 7 बारासिंघा और 8-8 हार्डग्राउन्ड बारासिंघा सतपुड़ा टायगर रिजर्व भेजे थे। यह वन्य प्राणी आज न केवल जीवित और सुरक्षित हैं, बल्कि नये वातावरण में रच-बस भी गये हैं। आज विश्व में मात्र कान्हा टायगर रिजर्व ही एकमात्र स्थान है, जहाँ हार्डग्राउन्ड बारासिंघा बचे हैं। अन्यत्र भी इनकी आबादी बढ़ाने और कभी किसी महामारी के चलते इनके अस्तित्व पर कोई संकट न आये, इस उद्देश्य से मध्यप्रदेश वन विभाग ने यह शिफ्टिंग की है। विश्व में बारासिंघा की कुल तीन उप-प्रजातियाँ भारत एवं नेपाल में पायी जाती हैं। भारत में ये कान्हा टाइगर रिजर्व, दुधवा एवं काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं मनासा राष्ट्रीय उद्यान तक सीमित हो गई है। बढ़ती कृषि भूमि और शिकारियों के कारण इनकी संख्या में तेजी से कमी हो गई थी। वर्ष 1938 में कान्हा राष्ट्रीय उद्यान और आसपास लगभग 3000 बारासिंघा थे। इसके बाद इनकी संख्या में लगातार कमी आती गयी। वर्ष 1953 के आकलन में 551 और 1970 में मात्र 66 बारासिंघा कान्हा टायगर रिजर्व में बचे थे।
खाद भंडारण की सुविधा मध्यप्रदेश में मार्कफेड के माध्यम से खरीफ वर्ष 2015 के लिए 6 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 2 लाख मीट्रिक टन काम्पलेक्स, 60 हजार मीट्रिक टन पोटास एवं 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया है। इसमें से खरीफ सीजन में 4 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 1.25 लाख मीट्रिक टन काम्पलेक्स, 3 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 40 हजार मीट्रिक टन पोटास का अग्रिम भंडारण किया जायेगा। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक के लिए मार्कफेड को प्रत्येक वर्ष 1200 करोड़ रुपये की गारंटी देगी। पहले गारंटी की राशि 500 करोड़ रुपये थी। कुल 1200 करोड़ की गारंटी पर अधिरोपित होने वाले प्रत्याभूति शुल्क से वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक की अवधि के लिए छूट दी जायेगी। ब्याज राशि की प्रतिपूर्ति सरकार करेगी।

उत्पादन, वितरण सॉफ्टवेयर

मध्यप्रदेश में बीज उत्पादन और वितरण की जानकारी एकत्रित करने के लिये एमपी ऑनलाइन के माध्यम से एक साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। एमपी ऑनलाइन के प्रदेश में विभिन्न स्थान पर कार्यरत कियोस्क के जरिये बीज उत्पादन और वितरण संबधी जानकारी का डाटा आसानी से संग्रहीत कर सूचनाओं का त्चरित आदान-प्रदान किया जा सकेगा। बीज संघ द्वारा रबी सीजन वर्ष 2014-15 में बीज उत्पादक सीमितियों को विभिन्न फसल और किस्मों के 1113 क्विंटल प्रजनक बीज उपलब्ध करवाये गये हैं। इसके अलावा बीज संघ द्वारा रबी सीजन में 3 लाख 33 हजार क्विंटल बीज सामान्य उत्पादन के लिये विभिन्न माध्यम से किसानों को वितरित किये गये। वर्तमान में प्रदेश में 2338 प्राथमिक बीज उत्पादक सहकारी संस्थाएँ पंजीकृत हैं। इनमें से 711 संस्थाएँ बीज संघ की सदस्य है। इन संस्थाओं द्वारा प्रदेश में प्रमाणित बीज के उत्पादन का काम किया जा रहा है। आवास संघ के तकनीकी सहयोग से प्रदेश में एक हजार मीट्रिक क्षमता वाले 20 गोदाम बनाये जा रहे हैं।

  • अक्स ब्यूरो

 

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