18-Mar-2015 09:57 AM
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गता है छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार को एक डायरी बहुत तंग करने वाली है। दरअसल यह डायरी एक छापेमारी के दौरान बरामद हुई है जो पीडीएस घोटाले में नाम आने के बाद

एन्टी करप्शन ब्यूरो द्वारा कुछ बड़े अधिकारियों के ठिकानों पर की गई थी। इस डायरी में सीएम मैडमÓ लिखा हुआ है। भाजपा कह रही है कि सीएम एक महिला अधिकारी का संक्षिप्त नाम हो सकता है। लेकिन कांग्रेस ने रमन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा है कि एक लाख करोड़ से ज्यादा के इस घोटाले में मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। विधानसभा में इस पर बहुत हंगामा हुआ। कांग्रेस ने विधानसभा का घेराव करने का फैसला किया है। एन्टी करप्शन ब्यूरो ने जिन बड़े अधिकारियों के दफ्तर पर छापे मारे हैं वे सरकार के कुछ मंत्रियों के करीबी बताए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री रमन सिंह का कहना है कि यह गडबड़ी सरकार ने ही पकड़ी है। इसलिए उन पर आरोप लगाना गलत है।
दरअसल यह घोटाला लंबे समय से जारी है। छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने का दावा करने वाला पहला राज्य था, लेकिन वर्ष 2013 तक ही वहां के खाद्य आपूर्ति विभाग ने 64 लाख परिवारों के राशन कार्ड बना दिए थे जबकि राज्य में लगभग 56 लाख ही परिवार थे। अब यह पता चला है कि 20 लाख से अधिक फर्जी राशन कार्ड बनाए गए। छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कई पुरस्कार मिल चुके हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसके लिए छत्तीसगढ़ की प्रशंसा की थी, लेकिन वर्ष 2013 में चुनाव के कुछ समय पूर्व यह मामला सामने आया। उस वक्त सरकार ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। तब राज्य के हर जिले से फर्जी राशनकार्ड बनाने की शिकायत मिल रही थी। लेकिन पिछले माह जब नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के यहां 28 से ज्यादा छापे पड़े तो मामला कुछ और ही सामने आया। इन छापों में बरामद 300 दस्तावेज और 4 करोड़ नगद राशि के बाद सरकार का एन्टी करप्शन विभाग सक्रिय हो गया। डायरी में सीएम शब्द का एक से अधिक बार उपयोग हुआ है, लेकिन पुलिस ने मुख्यमंत्री को क्लीन चिट दे दी है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश गुप्ता का कहना है कि चावल आवंटन घोटाले में प्राथमिक तौर पर मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं। लेकिन शीर्ष अधिकारी से लेकर प्यून तक लगभग 24 कर्मचारियों के खिलाफ जांच की जा रही है। एक अधिकारी ने बताया कि डायरी में सीएम शब्द संभवत: चिंतामणी चंद्राकर के लिए प्रयुक्त हो सकता है। क्योंकि वे नागरिक आपूर्ति विभाग में अधिकारी हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली देश में सर्वश्रेष्ठ है। कुछ लोग इस बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
घोटाला में 9 अधिकारी-कर्मचारियों शिवशंकर भट्ट, क्षीरसागर पटेल, ए के यदु, डी के शर्मा, जी के खेतान, आर पी पाठक, देवेन्द्र सिंह कुशवाहा, संदीप अग्रवाल और आर एन सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के सेक्शन 1 (ई) के तहत आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कराया गया है। सभी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और कांग्रेस विधायक दल के नेता टीएस सिंहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने खाद्य वितरण प्रणाली के बारे में गलत जानकारी प्रदान कर मीडिया में और न्यायालय में प्रशंसा प्राप्त की गयी। पीडीएस में ट्रांसपेरेंसी की झूठी कहानी बताकर जनता और केंद्र सरकार को गुमराह किया और दो विधानसभा चुनाव जीत लिए और जब पीडीएस सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार जब सामने आई तो सरकार बैकफुट पर है। नान के मुख्यालय से चल रहे करोड़ों की रिश्वत और हवाले के कारोबार में छापे के दौरान जो बेहिसाब नकदी राशि मिली है उससे पीडीएस सिस्टम में हो रहे भ्रष्टाचार बेनकाब हो गया है। ईओडल्ब्यू एसीबी के छापे के समय मुकेश गुप्ता ने बयान

दिया था हमने नान के अधिकारियों के फोन टेप किये हैं। गृह मंत्रालय की अनुमति के बिना फोन टेपिंग नहीं की जा सकती है। यदि एडीजी ने प्रेस में यह बयान दिया है तो गृह मंत्रालय की अनुमति भी प्राप्त कर ली गयी होगी। नान के एमडी रहे तीन अधिकारियों की मुख्यमंत्री निवास में भी बात हुई है। लेन.देन की बात इस फोन टेपिंग में रिकार्ड है। सिर्फ छोटी मछलियों को ही क्यों पकड़ा गया है वर्तमान एमडीए सचिव और भाजपा सरकार के राजनेताओं के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गयी। पूर्व एमडी का फोन भी टेप हुआ है। उसके पहले के एमडी कौशलेन्द्र सिंह का भी फोन टेप हुआ है। कांग्रेस विधायक दल के नेता टीएस सिंहदेव ने कहा है कि भाजपा सरकार धान खरीदी और मिलिंग की व्यवस्था तक नहीं संभाल पा रही है। 8000 करोड़ के घाटे में मार्कफेड और 2000 करोड़ के घाटे में नान है।
छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा अधिनियम में 35 किलो अनाज के साथ-साथ अंत्योदय और प्राथमिकता वाले परिवारों के लिए हर महीने दो किलो नि:शुल्क आयोडीनयुक्त नमक, पांच रुपए प्रति किलो की दर पर दो किलो चना, 10 रुपए प्रति किलो की दर पर दो किलो दाल का प्रावधान है। छत्तीसगढ़ सरकार ने खाद्य सुरक्षा कानून लागू करते समय दावा किया था कि इसके तहत राज्य के 55 लाख 66 हजार 693 परिवारों को किफ़ायती दर पर अनाज मिलेगा। छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा कानून में आर्थिक रूप से संपन्न आयकरदाता परिवारों, 10 एकड़ से अधिक सिंचित या 20 एकड़ से अधिक असिंचित भूस्वामी परिवार और शहरी क्षेत्रों में 100 वर्गफ़ीट से ज्यादा क्षेत्रफल में बने पक्के मकान के स्वामी और स्थानीय नगरीय निकाय को संपत्ति कर के भुगतान के लिए दायी परिवारों को राशन कार्ड के लिए अयोग्य घोषित किया
गया है।
-रायपुर से टीपी सिंह के साथ संजय शुक्ला