रेल बजट की प्रभुता
04-Mar-2015 11:58 AM 1234822

सुरेश प्रभु बहुत काबिल नेता हैं इसलिए उन्हें भाजपा ने हाथों-हाथ लिया लेकिन मंत्रालय सही नहीं दिए। दरअसल उन्हें उड्यन में होना था क्योंकि रेल को जिस तरह उड़ाने की कोशिश उन्होंने की है उसके चलते आशंका यह है कि रेल पटरियों पर ही धराशाई न हो जाए। वैसे भी सुन रहे हैं कि रेल का यह अंतिम बजट है। इसके बाद आम बजट के साथ ही रेल बजट आया करेगा। यदि अंतिम है, तो और चिंता का विषय है, कम से कम अंतिम बजट को ज्यादा व्यावहारिक और लोकपरक बनाने की कोशिश करना था। बिना किसी नई ट्रेन के ऐलान के यह बजट उजाड़ लग रहा है। यात्रियों का किराया भले ही नहीं बढ़ा है लेकिन माल भाड़ा बढऩे का असर महंगाई पर तुरंत पड़ेगा। उधर तेल की बढ़ती कीमतें भी जायका बिगाडेंग़ी। रेलवे के आधुनिकीकरण पर कोई जोर नहीं है। इसका मतलब यह है कि रेल पेसेंजरों की तरह लुड़कती रहेंगी। हाल ही में चीन ने अपने देश से 24 हजार किलोमीटर दूर स्पेन तक ट्रेन पहुंचाने में कामयाबी हासिल की है। हम कब ऐसा कर पाएंगे? बहरहाल यह बजट कुछ प्रमुख विशेषताएं लिए हुए है।
टिकट बुकिंग अब 60 दिन के बजाय 120 दिन पहले की जा सकेगी। पेपरलेस टिकटिंग पर जोर दिया गया है। रेलवे का परिचालन अनुपात अब सीमित करने का लक्ष्य है। किसी भी नई ट्रेनों की घोषणा नहीं, समीक्षा चल रही है, इसी सत्र में संबंधित घोषणा की जा सकती है। राजधानी और शताब्दी समेत सभी ट्रेनों की औसत स्पीड बढ़ाई जाएगी। भीड़भाड़ वाली ट्रेनों में और डिब्बे जोड़े जाएंगे। वरिष्ठ नागरिकों के लिए लोअर बर्थ की सीटें अधिक आरक्षित होंगी। रेलवे में अब सभी भर्तियों के लिए ऑनलाइन आवेदन किए जाएंगे। 400 रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा, 10 सैटेलाइट रेलवे स्टेशन विकसित होंगे।  रेलवे रिसर्च इंस्टीट्यूट खुलेंगे। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में मालवीय चेयर फॉर रेलवे टेक्नोलॉजी की घोषणा की गई है। 970 रेलवे ओवर ब्रिज या रेलवे अंडर ब्रिज बनाए जाएंगे। 3438 मानवरहित क्रॉसिंग खत्म किए जाएंगे। स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, बायोटॉयलेट भी बनाएं जाएंगे।
कार्य निष्पादन योजना के लिए महत्वपूर्ण उत्प्रेरक : मध्यावति योजना को अपनाना, साझेदारी बनाना, अतिरिक्त संसाधन जुटाना, पद्धतियों, प्रणालियों, प्रक्रियाओं में सुधार करना और मानव संसाधन को समर्थ बनाना, शासन व्यवस्था तथा पारदर्शिता मानक स्थापित करना,

मुसाफिरों से जुड़ी खास बातें
110-130 किलोमीटर प्रति घंटे वाली रेलगाडिय़ों की गति बढ़ाकर 160-200 किलोमीटर प्रति घंटा की जाएगी। रेलगाडिय़ों के 1,700 से अधिक शौचालय बदले गए, अन्य 17,000 बदले जाएंगे। स्टेशनों के शौचालयों में सुधार की जरूरत, 650 अतिरिक्त शौचालय बनाए जाएंगे। एसएमएस अलर्ट शुरू होगा। वाई-फाई सुविधा का विस्तार बी श्रेणी स्टेशनों तक भी। भीड़-भाड़ कम करने के लिए पूर्ण कार्यरत सैटेलाइट टर्मिनल बनाने के लिए 10 शहर चुने गए। व्हील चेयर के लिए ऑनलाइन बुकिंग चालू होगी। 2015-16 के दौरान 970 आरओबी/आरयूबी और 6,581 करोड़ रुपये की मंजूरी के साथ 3,438 मानव रहित फाटक हटाने के लिए अन्य सुरक्षा संबंध कार्य। 96,182 करोड़ रुपये मूल्य की 77 नई परियोजनाएं मंजूर। आगामी पांच साल में 8.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश। रेलवे को बदलते समय के साथ बदलना होगा। दूर दराज क्षेत्रों में संपर्क बढ़ाने (लास्ट माइल कनेक्टिविटी) के लिए निजी क्षेत्रों से भागीदारी। सुधार पर सुझाव आमंत्रित करने के लिए इनोवेटिव परिषद और प्रौद्योगिकी पोर्टल की स्थापना होगी। रेलवे स्टेशनों का विकास करने के लिए निजी क्षेत्र से बोली आमंत्रित की जाएगी। सार्वजनिक-निजी भागीदारी के जरिए संसाधन जुटाए जाएंगे। सांसदों से अपने कोष के कुछ हिस्से का उपयोग रेल सुविधा बढ़ाने में करने का अनुरोध। स्वयं-सहायता समूह के उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा। योजना बजट का आकार 52 फीसदी बढ़कर 2014-15 के 65,798 करोड़ रुपये से 2015-16 में 1,00,011 करोड़ रुपये हो गया।
आगामी पांच वर्षों में भारतीय रेल की कायाकल्प के लिए निर्धारित चार लक्ष्य
ग्राहकों के अनुभव में स्थायी और मापनयोग्य सुधार लाना प्रमुख लक्ष्य रखा गया। रेलवे को यात्रा का सुरक्षित साधन बनाना। भारतीय रेलों की क्षमता में पर्याप्त विस्तार करना और इसकी अवसंरचना को आधुनिक बनाना। भारतीय रेलवे को वित्तीय दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाना।

-धर्मवीर रत्नावत

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