04-Mar-2015 11:51 AM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर दोहराया है कि भारत को दुनिया का सबसे बड़ा आयातक नहीं बल्कि निर्यातक बनना चाहिए। बैंगलोर में आयोजित एयरो इंडिया शो में प्रधानमंत्री ने कहा कि

हमें विश्व में रक्षा उपकरणों का सबसे बड़ा आयातक माना जाता है। यह आप में से कुछ को अच्छा लग रहा होगा लेकिन यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें हम पहले स्थान पर नहीं बने रहना चाहते। प्रधानमंत्री का सुझाव था कि हमारी सुरक्षा की चुनौतियां सभी जानते हैं। हमारे अंतर्राष्ट्रीय दायित्व भी स्पष्ट हैं। हमें अपनी रक्षा तैयारियों में वृद्धि करने की आवश्यकता है। हमें अपने रक्षा बलों को आधुनिक बनाना है। यह रक्षा उपकरणों का मात्र व्यापार मेला नहीं है। यह अति उन्नत प्रौद्योगिकी और जुझारू उपकरणों वाले विशाल अंतर्राष्ट्रीय आपूर्तिकर्ताओं का विशाल सम्मेलन है। इतना ही नहीं यह भारत के रक्षा विर्निर्माण क्षेत्र की शुरूआत का मंच भी है। सशक्त रक्षा उद्योग वाला कोई भी राष्ट्र न केवल अधिक सुरक्षित होगा अपितु इससे समृद्ध आर्थिक फायदे भी मिलेंगे। इससे देश में निवेश, विर्निर्माण के विस्तार, उद्यमों को सहायता, प्रौद्योगिकी के स्तर और आर्थिक दर में वृद्धि को भी बढ़ावा मिल सकेगा। नरेंद्र मोदी ने बताया कि हम अगर खरीदे जा रहे स्वदेशी उपकरणों में 40 से 70 प्रतिशत की वृद्धि कर सकें तो अगले 5 वर्ष में हमारे रक्षा उद्योग का उत्पादन दोगुना हो जाएगा। इसलिए यह हमारे मेक इन इंडिया कार्यक्रम का केंद्रबिंदु भी है।
स्मार्ट सिटी के लिए पहल
चुनाव के समय किए गए वादों को अमली जामा पहनाने के लिए नरेन्द्र मोदी और न्यूयार्क सिटी के पूर्व मेयर माइकल ब्लूमबर्ग ने स्मार्ट सिटी पहलÓ का काम तेजी से आगे बढ़ाने के लिए ब्लूमबर्ग फिलानथ्रॉपीज और भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के बीच साझेदारी की घोषणा की। स्मार्ट सिटी पहलÓ आर्थिक विकास को नई गति प्रदान करने, सुशासन सुनिश्चित करने एवं भारत के शहरी निवासियों को और ज्यादा कारगर एवं दक्ष जन सेवाएं सुलभ कराने की दिशा में एक ऐतिहासिक प्रयास है। इस साझेदारी के तहत स्मार्ट सिटी मिशन के वित्त पोषण के वास्ते शहरों के चयन के लिए ब्लूमबर्ग फिलानथ्रॉपीज की ओर से शहरी विकास मंत्रालय को लगातार सहायता मुहैया कराई जाएगी। यह रुख दरअसल परंपरागत रवैये से बिल्कुल अलग है। परंपरागत रुख में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करना और केंद्र सरकार द्वारा उनका मूल्यांकन करना एवं मंजूरी देना शामिल हैं। वहीं, नया रुख अपनाने से नागरिक सही अर्थों में इस पहल से जुड़ सकेंगे क्योंकि शहर विकास योजनाओं को तैयार करने एवं उन पर अमल में दोनों में ही लोग शिरकत करेंगे। इससे सहकारी एवं प्रतिस्पर्धी संघीयवाद की अवधारणा को अमल में लाया जा सकेगा।
हजारीबाग से कोडरमा नई रेल
झारखंड में हजारीबाग से कोडरमा के बीच नई रेलवे लाइन का जब उद्घाटन हुआ तो लाखों लोग रेल देखने पहुंचे। इतनी भीड़ देेखकर प्रधानमंत्री ने कहा कि 21 वीं सदी में रेलगाड़ी को देखने के लिए इतने लोगों का आना आश्चर्य ही है। प्रधानमंत्री ने कोडरमा-हजारीबाग रेलवे लाइन राष्ट्र को समर्पित करने और हजारीबाग और कोडरमा के बीच डीईएमयू ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाने के बाद इस परियोजना के लिए जमीन देने वाले किसानों को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने भविष्य की पीढ़ी के लिए विशाल योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि रेलवे न केवल परिवहन का एक साधन है बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि झारखंड को अपनी खनिज संपदा के लिए रेल और सड़क सम्पर्क पर ध्यान देना चाहिए ताकि यहां समृद्धि आ सके। उन्होंने झारखंड के लोगों से आग्रह किया कि वे राज्य में रेल और सड़कों के निर्माण में पूरा सहयोग दें। प्रधानमंत्री ने 204 कोयला ब्लॉकों का आवंटन रद्द करने के संबंध में सितंबर 2014 में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का जिक्र किया। उन्होंने इस संबंध में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की टिप्पणी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इनमें से 40 ब्लॉक झारखंड में हैं। उच्चतम न्यायालय के आदेश के 4 महीने के भीतर कोयला ब्लॉकों की नीलामी शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि 15 कोयला ब्लॉकों की नीलामी से 75,000 करोड़ रूपये मिले हैं।
सारंग दल में महिला अधिकारी
भारतीय वायु सेना के बहु चर्चित सारंग दल में अब महिला अधिकारी स्कॉर्डन दीपिका मिश्रा और अभियंता अधिकारी फ्लाइट लैफ्टीनेंट संदीप सिंह नई शुरूआत कर रही हैं। दीपिका मिश्रा ने एक फलाईट कैडेट के रूप में दिसम्बर, 2006 में जब वायु सेना अकादमी की पासिंग आउट परेड पास की, तभी से वह भारतीय वायु सेना की फिक्सड विंग और रोटेरी विंग वाले, हवाई करतब दिखाने वाले सूर्य किरण और सारंग दलों से जुड़ गईं। वर्ष 2010 में एक बड़े नीतिगत परिवर्तन के चलते भारतीय वायु सेना ने महिला पॉयलटों को मध्यम से भारी वजन उठाने वाले दो इंजन के हेलिकॉप्टरों को उड़ाने की इजाजत दे दी।
स्कवार्डन लीडर दीपिका ने पिछली जुलाई में सारंग युनिट जॉइन की। उसकी मेहनत रंग लायी और वह फॉर्मेशन डिस्पले टीम की भारतीय वायु सेना की सर्वप्रथम महिला पॉयलेट बनीं। फिलहाल दीपिका, सारंग दल की सुरक्षा अधिकारी की भूमिका निभा रही हैं। उनका कहना है कि यह सीखने की एक महान
प्रक्रिया है।
मेगावॉट से गीगावॉट की ओर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन पर जोर दिया जाना यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि भारत के सभी निर्धनों की पहुंच ऊर्जा तक कायम की जा सके-प्रधानमंत्री। वे नई दिल्ली में प्रथम नवीकरणीय ऊर्जा वैश्विक निवेशक सम्मेलन और प्रदर्शनी, पुन:निवेश 2015 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में धीरे-धीरे मेगावॉट से गीगावॉट की ओर बढ़ रहा है, फिर भी आज लाखों परिवार ऐसे हैं जिनके पास ऊर्जा के कनेक्शन नहीं हैं। जब तक अंतिम परिवार तक बिजली नहीं पहुंच जाती, तक तक विकास के लाभ जन साधारण तक नहीं पहुंच सकते। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि वैश्विकरण के इस युग में ऊर्जा उत्पादन और वितरण के क्षेत्र में भारी बढ़ोतरी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। भारत द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा पर बल देने का मकसद विश्व को प्रभावित करना नहीं है, बल्कि अपने लोगों की ऊर्जा आवश्यकताएं पूरी करना है। भारत ऐसे 50 देशों का संघ विकसित करने के लिए काम कर रहा है, जिनमें सौर विकिरण प्रचुर मात्रा में होता है। उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अनुसंधान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना, देश के निर्धनतम व्यक्तियों की ऊर्जा पहुंच में सुधार लाना और सुदूरतम स्थानों तक ऊर्जा पहुंचाना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे सामूहिक प्रयासों से देश नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निश्चित रूप से मेगावॉट से गीगावॉटÓÓ तक पहुंच सकेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रकृति से प्रेम करना और प्रकृति के साथ सामंजस्य से रहना भारत के डीएनए का एक हिस्सा है। इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी कहा कि आगे बढऩे के लिए हम केवल अपनी संस्कृति और परंपराओं पर ही निर्भर नहीं रहे सकते बल्कि इस दिशा में बड़ी छलांग लगाने के लिए सतत प्रयासों की जरूरत है।
श्रीसेना की सराहना की प्रणब ने
भारत ने श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन के बाद बदले माहौल को अपने पक्ष में करने का प्रयास शुरु कर दिया है। इसी क्रम में भारत यात्रा पर पधारे श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला श्रीसेना के साथ रात्रि भोज के समय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने श्रीसेना की इस बात के लिए सराहना की कि उन्होंने अपनी पहली यात्रा के लिए भारत को चुना। राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीसेना की चुनावी विजय से भारत और श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा मिलने का अवसर उत्पन्न हुआ है। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते भारत अपने पड़ोसी देशों में लोकतंत्र के मजबूत होने की सराहना करता है। भारत और श्रीलंका के बीच संबंध अनूठे हैं और ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, जातीय और सामाजिक विकास के क्षेत्र में साझेदारी के साथ-साथ लोगों के बीच संपर्कों पर आधारित हैं। दोनों देशों के बीच उच्चतम राजनीतिक स्तर, बढ़ते व्यापार और निवेश, बुनियादी ढांचा संपर्कों, विकास, शिक्षा, संस्कृति और रक्षा के क्षेत्रों में निकट संपर्क हैं। दोनों देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय हित के प्रमुख विषयों पर व्यापक समझ है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत निकट पड़ोसी होने के नाते श्रीलंका के घटनाक्रम को गहरी दिलचस्पी के साथ देखता रहा है। 2009 में सशस्त्र संघर्ष का समाप्त होना श्रीलंका के तमिल अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों का अर्थपूर्ण और स्थायी समाधान निकालने के लिए एक ऐतिहासिक अवसर था।
- अक्स ब्यूरो