मोदी को लेकर जदयू में भूचाल
19-Mar-2013 08:03 AM 1234764

नरेन्द्र मोदी की प्रधानमंत्री पद पर दावेदारी पर जितना मंथन भाजपा में चल रहा है उससे कहीं ज्यादा दुविधा जदयू के भीतर है। कुछ समय पूर्व जदयू के अध्यक्ष शरद यादव ने साफ कर दिया था कि वे किसी भी सूरत में कांग्रेस के साथ नहीं जायेंगे हालांकि यादव ने यह खुलकर नहीं बताया कि उन्होंने ऐसा क्यों बोला किन्तु जानकार यह बता रहे हैं कि नीतीश की कांग्रेस से नजदीकी पर जदयू में बहुत घमासान जारी है। हाल ही में नीतीश ने केंद्रीय बजट की जमकर तारीफ की थी, जिसके एवज में कांग्रेस ने भी बिहार की तारीफ कर दी जो भाजपा के कान खड़े कर रहा है। इसी कारण भाजपा ने नीतीश के बगैर बिहार में संभावनाएं तलाशना शुरू कर दी हैं। बहुत से जदयू  विधायक  और सांसद भाजपा से गठजोड़ चाहते हैं क्योंकि एनडीए  को नेतृत्व देने में भाजपा ने बड़ी कुशलता दिखाई है। बल्कि बहुत घाटा सहकर भी गठबंधन को बनाये रखने में योगदान दिया है जबकि कांग्रेस से गठबंधन हमेशा महंगा पड़ता है इसी कारण जदयू के नेता नीतीश के कांग्रेस प्रेम से नाखुश हैं और वे दबाब बना  रहे हैं कि नीतीश मोदी को स्वीकार लेवें। इसी कड़ी में कुछ दिन पूर्व निषाद के घर पर मोदी को पीएम बनाने के लिए एक मनोकामना यज्ञ किया गया था जो सीधे तौर पर नीतीश कुमार को संदेश था कि मोदी विरोध की कोई तुक नहीं है क्योंकि खुद जदयू में ऐसे नेता हैं जो मोदी को पीएम बनाना चाहते हैं। इस यज्ञ का संदेश यह भी था नरेंद्र मोदी को अब जद यू के अंदर से ही समर्थन मिलने लगा है। इस आयोजन ने कई संकेत दिए।  इसमें नरेंद्र मोदी के खास लोग थे। कुछ साधू संत भी वहां पहले से उपस्थित थे। वहां पर नीतीश को लेकर मंत्रणा चल रही थी। निषाद काफी आत्मविश्वास से सारी बातों को रख रहे थे। निषाद बिहार में अतिपिछड़ों के बड़े नेता हैं। उत्तर बिहार में उनकी काफी लोकप्रियता है। उन्होंने साफगोई से कहा नीतीश अति पिछड़ों में जनाधार खो चुके है। अति पिछड़ा उनकी नीतियों से खिलाफ है। कई अतिपिछड़ी जातियों के लोगों का रोजगार नीतीश की नीतियों ने छीन लिया। इससे लोगों में भारी रोष है। निषाद का एक तर्क और था। उनका कहना था कि नरेंद्र मोदी पिछड़े हैं। बिहार में अति पिछड़ा और पिछड़ा उनके पक्ष में लामबंद हो सकता है।
इस पूरे खेल के बाद कुछ संकेत साफ हंै। लालू यादव के कुछ सांसद भी नरेंद्र मोदी के संपर्क में हंै। ये वही सांसद हैं जो कभी जदयू छोड़कर लालू यादव के साथ जा मिले थे इनको लालू के भविष्य की चिंता है। चारा घोटाला को लेकर मार्च अंत या अप्रैल में फैसला आ सकता है। रांची स्थित सीबीआई अदालत में अंतिम बहस इसी माह  होना है। जद यू के बागी सांसद जगदीश शर्मा, लालू यादव और आरके राणा के भविष्य का फैसला इसमें होना है। जद यू के बागी सांसदों को डर है कि कहीं लालू यादव को सजा हुई तो सारा खेल बिगड़ जाएगा। क्योंकि लालू यादव को सजा होने की स्थिति में राजद में उनका भविष्य नहीं होगा। अब इन सांसदों ने नरेंद्र मोदी से संपर्क किया है। वो किसी भी कीमत पर जद यू भाजपा गठबंठन को तोडऩे की कवायद रच रहे है। ताकि बागी होने की स्थिति में भाजपा में उनकी एडस्टमेंट हो जाए। बताया जा रहा है कि जदयू के कई सांसद इस पूरे खेल को नजदीक से देख रहे हैं। वो नरेंद्र मोदी से अंदर खाते संपर्क में हैं। जद यू के बागी पूर्व सांसद उपेंद्र कुशवाहा और अरुण कुमार पहले ही मोदी के संपर्क में हैं। उन्होंने भी हाल ही में गांधी मैदान में रैली का आयोजन कर अपनी ताकत प्रदर्शित की थी। सीवान से निर्दलीय सांसद ओमप्रकाश यादव भी नरेंद्र मोदी के आश्वासन मिलने के बाद भाजपा का दामन थाम सकते हैं। इस पूरे खेल ने नीतीश को चिंता में डाल दिया है। चिंता में भाजपा के वे सारे नेता भी पड़ गए हैं जो मोदी को दिल्ली आने से रोकने में लगे है।  बताया जाता है कि नरेंद्र मोदी पूरी तरह से बिहार भाजपा को अब कुछ पुराने नेताओं के चंगुल से निकालने चाहते है। मोदी का पहला टारगेट सुशील मोदी हैं। नरेंद्र मोदी की नाराजगी राष्ट्रीय कार्यकारणी में भी सुशील मोदी से दिखी। सुशील मोदी ने नरेंद्र मोदी को बुलाने की पूरी कोशिश की। लेकिन नरेंद्र मोदी ने उनकी तरफ देखा तक नहीं। नरेंद्र मोदी की कोशिश है बिहार से कुछ अति पिछड़े और पिछड़े नेताओं को भाजपा में लाया जाए। इससे पूरे भाजपा के ढांचे को बिहार में बदला जाए। खासकर सुशील मोदी के चंगुल से भाजपा को निकाला जाए। दरसअल नीतीश के पूरे समीकरण को वो नीतीश के कार्ड से ही मोदी ने ध्वस्त करने की योजना बनायी है। जय नारायण निषाद कई दलों में  रह चुके हैं। राजद, जद यू और भाजपा तीनों दलों में निषाद अपना अनुभव ले चुके हैं। कई दलों का आवास निषाद का निवास है। कई दल के लोग उनके साथ हैं। निषाद अखिल भारतीय स्तर पर गठित मछुआरा संगठन में भी अहम भूमिका रखते हैं। तामिलनाडू, कर्नाटक, केरल समेत कई राज्यों के मछुआरा संगठन के नेता निषाद के निवास पर देखे जा सकते हैं। निषाद और मोदी के संपर्क के कई मायने इसलिए निकाले जा रहे हैं।
निश्चित तौर पर नरेंद्र मोदी पीएम बनने के लिए हर पैतरों को खेल रहे हंै। कुछ पैतरें वो कांग्रेसी स्टाइल में खेल रहे हैं। ये पैतरें संघ और भाजपा के अन्य नेता नहीं खेल सकते हैं। शायद इस तरह के खेल को खेलने की क्षमता भाजपा के अन्य नेताओं और राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ में नहीं है। बताया जाता है कि मोदी अपने मुस्लिम विरोधी छवि को खत्म करने के लिए कुछ बड़े बिहारी मुस्लिम नेताओं को भी भाजपा में लेकर आएंगे। राष्ट्रीय जनता दल के नेता हुमायूं अंसारी इस समय मोदी के संपर्क में है। हुमायूं अंसारी अखिल भारतीय स्तर पर मोमिनों का संगठन चलाते हैं। जबकि सांसद शाहिद सिद्दकी पहले से ही मोदी के संपर्क में हैं।
मार्केण्डेय तिवारी

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