18-Feb-2015 01:17 PM
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कंकालों पर राजनीतिउत्तरप्रदेश में नर कंकालों का मिलना जारी है। पहले गंगा में 200 के करीब शव साफीपुर में परिहार घाट पर सड़ते हुए पाए गए थे,

जिन पर बहुत हंगामा हुआ। अब कंकाल मिल रहे हैं। उन्नाव के अलावा बहराइच, गोरखपुर, और मुरादाबाद में कई स्थानों से जब नर कंकाल और बिसरा पाए गए तो राज्य में हंगामा हो गया। पुलिस का कहना है कि संदिग्ध मौतों लाश का पोस्टमार्टम करने के बाद बिसरा और कुछ हड्डियां रख ली जाती हैं, यह वही हैं। 1950 से लेेकर आज तक 5 हजार 973 पोस्टमार्टम किए गए, जिनके अवशेष और कंकाल सुरक्षित रखे गए थे जो उन्नाव की पुलिस लाइन में मिले हैं।
पुलिस का कहना है कि जहां नर कंकाल मिले वहां अस्पताल था। 2008 से पहले यह नियम था कि जो नर कंकाल मिलते थे उनको पूरी जांच के लिए रखा जाता था। ये वही शव हैं। अब इनके निस्तारण के लिए लखनऊ से इजाजत मांगी गई है लेकिन मुरादाबाद, बहराइच और गोरखपुर में मिले नर कंकालों का कुछ ठोस सफाई नहीं दी गई है। इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा, उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहद बदतर अवस्था में पहुंच गई है। हम चाहते हैं कि जिलाधिकारी को निलंबित किया जाए। हम सरकार से जवाब मांगेंगे। बीजेपी विधायक पंकज गुप्ता ने कहा कि आखिर इतने दिनों तक नर कंकाल को क्यों रखा गया। इनका बिसरा रखना चाहिए न की नरकंकाल, मामले की पूरी जांच होनी चाहिए। आरोप लगाया गया कि हो सकता है कि यहां से नर कंकालों की तस्करी की जाती हो। वे सैकड़ों समर्थकों सहित चिकित्सालय गेट पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने मामले की सही जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि मामले की सही जांच नहीं होगी तो आंदोलन को मजबूर होंगे। कांग्रेस नेता शमीम अफजल ने उत्तर प्रदेश में शासन व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को भी मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। हालांकि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव केसी पांडे ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि यूपी सरकार मामले की गहनाता से जांच कराएगी। इसमें जो कोई भी दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
योजनाओं की बरसात
मोदी का डर आने वाले विधानसभा चुनावों में अभी से दिखने लगा है। इसकी झलक इसी बात से दिख जाती है कि अखिलेश और मुलायम अभी से उन सीटों पर योजनाओं की बरसात कर रहे हैं जिन्हें वह अपना घर मानते हैं। मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई स्थित उत्तर प्रदेश ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान को प्रदेश सरकार मेडिकल यूनिवर्सिटी का दर्जा देने जा रही है। इसके लिए सरकार ने बाकायदा एक्ट भी तैयार करवा लिया है। कैबिनेट बैठक में इसको मंजूरी दी जा गई है। इसके साथ ही सूबे में दो चिकित्सा विश्वविद्यालय हो जाएंगे। प्रदेश में अभी एक किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय ही है। विवि का दर्जा मिलने के बाद यह संस्थान एडमिशन से लेकर परीक्षाओं तक का संचालन खुद कराएगा। साथ ही, मेडिकल व पैरामेडिकल कॉलेजों को भी संबद्धता दे सकेगा। ऐसा करके मुलायम युवा वोटरों को रिझाना चाहते हैं। ऐसा नहीं है कि मुलायम सिंह यादव का ध्यान सिर्फ सैफई पर है। वह अपने दूसरे संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ पर भी उतने ही मेहरबान हैं। वहां 184 परियोजनाओं का लोकार्पण होना है। उत्तरप्रदेश में आम आदमी पार्टी की तर्ज पर समाजवादी पार्टी भी जनता को कुछ लुभावनी सौगाते देना चाहती है। इसीलिए सरकार जनता को लोक लुभावना घोषणा का लालीपॉप दिखा रही है। उत्तरभारत में एक चुटकुला चला रहा है कि अखिलेष यादव से लेपटॉप लो और दिल्ली में आकर केजरीवाल से मुफ्त वाईफाई लो पर सवाल यह है कि इन योजनाओं को पूरा करने के लिए धन कहा से आएगा। केंद्र सरकार ने तो भाजपा शासित राज्यों से ही हाथ खींच रखें हैं। ऐसे में यूपी के लिए उसका खजाना कैसे खुलेगा।
-लखनऊ से मधु आलोक निगम