18-Feb-2015 09:24 AM
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भारत ने आखिरकार जीत का छक्का मार ही दिया। विश्वकप में अपेक्षाकृत कमजोर समझी जा रही भारतीय टीम ने अपने चिर-परिचित प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 76 रनों से पराजित करते हुए विश्वकप में

जीत के साथ आगाज किया। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहले टेस्ट श्रंखला और उसके बाद त्रिकोणीय श्रंखला में पराजित हुई भारतीय टीम को किसी अंतर्राष्ट्रीय मैच में एक जीत की तलाश थी जो पाकिस्तान के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन के साथ समाप्त हुई। भारत ने इस जीत को बड़ी शिद्दत के साथ गढ़ा। शुरुआती ओवर में धीमे खेलते-खेलते राहित शर्मा ने जोश में आकर छक्का मारने के चक्कर में जब अपना विकट गंवा दिया, तो भारत के प्रशंसकों के चेहरे पर निराशा आ गई। बोर्ड पर 34 रन टंगे हुए थे, सात ओवर खत्म होकर आठंवा ओवर शुरु हुआ था और बुरी खबर आ गई। लेकिन इस खबर ने भारत को खबरदार कर दिया। संभलकर खेलना शुरु किया और धवन तथा विराट कोहली ने मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ रिकार्ड साझेदारी करते हुए 129 रन और जोड़ लिए तभी धवन जो कि अच्छे धावक हैं, सही तरीके से नहीं दौड़ सके और रन आउट हो गए। लेकिन तब तक क्रीज पर चट्टान की तरह जमें विराट कोहली की विराट चेतना जागृत हो चुकी थी। कोहली का साथ देने आए रैना ने रन की गति तेज कर दी। मैदान के हर कोने में छक्के-चौकों की बौछार होने लगी, 45वें ओवर तक स्कोर 273 तक हो गया था। लेकिन तभी शतकवीर विराट कोहली 107 रन के निजी स्कोर पर आउट हो गए। उस वक्त लग रहा था कि भारत 340 के करीब स्कोर करेगा क्योंकि हिटर की लंबी लाइन थी, लेकिन विकेट गिरते गए। सुरेश रैना के जाने के बाद कोई भी बल्लेबाज टिक नहीं सका। अंतिम 5 ओवर में 5 विकेट खोकर भारत ने मात्र 27 रन बनाए पर 300 का आंकड़ा छू लिया। पाकिस्तान जब क्रीज पर उतरा तो शुरुआत बहुत धीमी हुई। उसके बल्लेबाज लय में नहीं थे। यूनिस खान पिछले 4 मैचों की तरह इस बार भी फलॉप हुए। मो. शमी ने चौथे ओवर में उन्हें चलता कर दिया। तब पाकिस्तान का स्कोर मात्र 11 रन था। लेकिन इसके बार 18वें ओवर तक पाकिस्तानी किले को सोहेल और शहजाद ने ध्वस्त होने से बचाए रखा, तब तक मैच में बहुत जान थी, सोहेल अच्छा खेल रहे थे, पर रन गति तेज करने के प्रयास में 18वें ओवर की अंतिम गेंद पर अश्विन ने उन्हें रैना के हाथों कैच करा दिया। इसके बाद विकेट पर विकेट गिरते रहे। धोनी ने अकमल के लिए रिव्यू मांगा, सौभाग्य से वह भी भारत के पक्ष में ही गया। मिसवाह एक छोर पर टिके रहे, अफ्रीदी का अनुभव भी काम नहीं आ सका और पाकिस्तान 47 ओवर में 224 रन पर धराशाई हो गया। विश्वकप का सबसे महत्वपूर्ण मैच भारत ने जीत लिया है लेकिन दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध उसका प्रदर्शन देखने योग्य रहेगा।