04-Feb-2015 06:09 AM
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आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने वार्षिक पे्रस कांफे्रंस में कहा- देश की सीमा पर पड़ोसी की सक्रियता के कारण धमकियां और चुनौतियां बढ़ रही हैं। पाकिस्तान लगातार भारत में आतंकवाद को मदद कर रहा है, जबकि वह खुद इससे परेशान हैं। कांग्रेस के अभिषेक मनु संघवी ने भी दिल्ली में मीडिया ब्रीफ्रिंग में मोदी सरकार के अब तक के कामकाज को लेकर कटघरे में खड़ा किया। संघवी ने कहा, मोदी सरकार ने कई अत्यंत महत्वपूर्ण विभागों के बजट में कटौती की है, जिसमें सुरक्षा क्षेत्र में 4000 करोड़ शामिल है, जबकि जनरल सुहाग ने कहा, कि सेना के आधुनिकीकरण के लिए सेना को एक साल में 4500 करोड़ कम रहेगा। देश की सीमा कितनी सुरक्षित है, इसका एक उदाहरण इस साल के करांची पाकिस्तान से भारतीय सीमा में घुसी नाव थी, जिसे लेकर केन्द्र सरकार और विपक्ष के नेताओं में जमकर बयानबाजी हुई। बयानबाजी पोरबंदर (गुजरात) से 365 किमी. भारतीय समुद्री सीमा में घुसी नाव में विस्फोट या कहें जलती हुई नाव के चित्र को लेकर था, जो अरब सागर में डूब गई। घटना को राजनीतिक रूप दिया गया। और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर व भाजपा नेताओं ने अपनी सफलता बताया। मामला ठंडा भी हो गया, लेकिन प्रधानमंत्री के गुजरात की समुद्री सीमा या पाकिस्तान से भारतीय समुद्री सीमा और मछुवारे कितने सुरक्षित है, पाकिस्तान के कब्जे में भारतीय बोट का क्या हो सकता है, इसके बारे में उक्त घटना के बाद पोरबंदर (गुजरात) से नेेशनल फिशवक्र्स फोरम के महासचिव मनीष लोधारी ने चर्चा में बताया कि
सवाल- नाव, मछुवारों के पकड़े जाने का कैसे पता चलता है ?
जवाब- दोनों देश को कुछ भी इंफार्मेशन या जानकारी चाहिए, तो एनजीओ देती है। वहाँ (कराची) हमारा एनजीओ है। हमारा मछुवारा वहाँ पकड़ा गया तो वो बता देते है। बीते दिनों हमारी दो बोट और 12 बंदे वहाँ (पाकिस्तान) पहुँच गए। तीन तक हमें बताया कि अभी नहीं आया है, फिर बोला कि हाँ, दो बोट और 12 बंदे आए हैं।
बीते 3 माह में कितने भारतीय मछुवारे पकड़े गए?
पिछले तीन महीने में ये सातवीं घटना हुई है। 47 बोट और 260 मछुवारों को पकड़कर कराची (जेल)में डाल दिया है। पोरबंदर से फिशिंग करते हैं, तो आगे तक फिशिंग करते है, जहां पानी का ज्यादा करंट ज्यादा रहता है। आगे फिश ज्यादा मिल जाती है, तो उसके थोड़ा आगे भी मछुवारे चले जाते हैं। वहाँ से पाकिस्तान बार्डर नजदीक है। पाकिस्तान की नेवी घूमता रहती है, जो हमारे मछुवारों और बोट को पकड़ लेते हैं।
अब तक कितने नाव, मछुवारे पाकिस्तान ने पकड़े है ? उनकी क्या स्थिति है?
आज की तारीख तक पाकिस्तान के पास 850 बोट है। 500 से ज्यादा मछुवारे पाकिस्तान की जेल में सड़ रहे हैं। इन्हें छुड़ाने के लिए हमने सरकार से कई बार माँग किया है। 850 बोट में से आधा बोट तो ऑक्शन हो गए हैं। ऑक्शन में कोई ऐसी प्रवृत्ति (मछली पकडऩे वाला) करने वाला बोट लेगा क्या?
कोई आतंकवादी लेगा तो हमारे देश पर हमला करेगा। या कोई दूसरे देश का लोग बोट लेगा और हमला करेगा, तो हमारे देश का नाम खराब होगा। उससे अच्छा है दोनों देश का बोट छुड़वाना चाहिए।
भारतीय बोट का आतंकवादी कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं ?
पाकिस्तान ने ऑलरेडी 26/11 का हमला किया था। अभी तो वहाँ (पाकिस्तान) हमारा बोट है। उस बोट पर कुछ भी सामान डालकर भेज सकता है और हमारे नेवी, कस्टम, स्मगलिंग पुलिस को पता नहीं चलेगा। वो (पाकिस्तानी) कभी भी आ सकता है, कभी हमला कर सकता है। दोनों देश बैठकर बात करे और बोट को छुडवाना चाहिए।
कैसे पता चलता है, कि बोट किसका है?
हाँ, थोड़ा डिजाइन चेंज रहता है। पाकिस्तान की बोट में कलर ज्यादा रहता है। अपने इंडियन बोट में कलर नहीं है। वो डिजाइन से पता चलता है कि पाकिस्तान का बोट या इंडिया का।
बोट की क्या कीमत होगी और उससे कितने लोग जुड़े हैं?
एक बोट बनाने में करीब 50 लाख रु तक खर्च होते हैं। तो 850 की कीमत कई सौ करोड़ के करीब है। एक बोट से 100 आदमी की रोजी-रोटी चलती है। तो हमारे हजारों लोगों रोजी-रोटी भी छिनवा गई और हमारी प्रॉपर्टी भी पाकिस्तान में सड़ रही है। उससे अच्छा है दोनों देश का प्रापर्टी भी बच जाए और रोजी-राटी भी मिल जाए।
हमारे यहाँ (भारत में) पाकिस्तान की कितनी बोट और लोग होंगे?
पोरबंदर में तो दो बोट है। पूरा गुजरात में 100 से ज्यादा बोट नहीं है। उसके (पाकिस्तान) 200-300 लोग भारत में होंगे।
भारतीय बोट कैसे ले जाते हैं?
हाँ, पाकिस्तान वाले बार्डर एरिया में फायरिंग करके आ जाते हैं। उसके पीछे उनकी (पाकिस्तानी) नेवी लगाकर बोट पकड़ लेते हैं और बोट पाकिस्तान ले जाते हैं। जब पकडऩा होता हैं, तभी फायरिंग करते हैं, क्योंकि बोट रुकवाना होता है। नहीं रुकेंगे, तो फायरिंग करके हमारे मछुवारों को रुकवाता है। आदमी डर जाता है, कि गोली लगेगी उससे अच्छा रोक लेते है। कभी हमारे बोट चेक करते है, कभी मारता भी है। नहीं तो उठा ले जाता है।