19-Jan-2015 11:14 AM
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सवाल यह है कि यदि वे आतंकवादी नहीं, स्मगलर थे तो उन्होंने स्वयं को इतनी बेरहमी से क्यों उड़ाया? सामान्यत: स्मगलर आत्म समर्पण कर देते हैं और मुकदमे के बाद कुछ वर्षों में रिहा भी हो

जाते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच जल, थल और वायु तीनों माध्यमों से स्मगलिंग होती रहती है। इसमें कोई नई बात नहीं है। लेकिन ये स्मगलर्स आत्मघाती दस्तों की तरह खुद को नहीं उड़ाते। किंतु भारत में ही कांग्रेस सहित तमाम राजनीतिक दलों ने इस ऑपरेशन पर सवाल उठा दिए। इसके बाद मामला उलझ गया। पाकिस्तान ने भी भारत के दावे को खारिज कर दिया।
लेकिन आतंकवादियों की साजिश को लेकर उठाए गए सवाल अनुत्तरित हैं। उधर सीमा पर भी पाकिस्तान की हरकतें असहनीय होती जा रही हैं। गुजरात में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में 55 देशों के 3 हजार लोगों ने भाग लिया गुजरात में ही वाइबे्रंट गुजरात मीट में 16 देशों के प्रतिनिधि मंडल ने भाग लिया। 12 जनवरी को पोरबंदर में नौसेना के बेस का उद्घाटन होना था, जिसमें प्रधानमंत्री नहीं गए। 26 जनवरी को बराक ओबामा भारत आने वाले हैं। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग और आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि भारत को चिंतित कर रही है। भारत और पाकिस्तान की सीमा पर एक बार फिर तनाव है। पाकिस्तान के पेशावर में आतंकवादियों ने 132 बच्चों सहित 148 लोगों को मार दिया। ऐसे में पाकिस्तानी हुक्मरानों की यह मजबूरी है कि वे अपने आवाम का ध्यान इस जघन्य हत्याकांड से हटाएं। इसलिए उन्होंने सीमा पर सेना को खुली छूट दे दी है।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर की सीमा पर तनाव तब भड़का जब भारत ने अपने एक जवान की मृत्यु के बाद करारा जवाब दिया और पाकिस्तान के 4 जवानों को मार गिराया। इसके बाद हालात बिगड़ते गए। पाकिस्तान ने अंधाधुंध फायरिंग की। जिसकी चपेट में जवानों के अतिरिक्त सिविलियन भी आ गए। तकरीबन 10 हजार नागरिकों को सीमा से हटाया गया। बंदूकों का गरजना जारी है। लोग पलायन कर रहे हैं। सीमा के इस पार भी, उस पार भी। पाकिस्तान का यह पुराना रवैया है। वहां जब भी कोई राजनैतिक या सुरक्षा संबंधी संकट पैदा होता है तो पाक अपने चिर-परिचित शत्रु भारत पर गोलियां बरसाता है। इससे पहले भारतीय सेनाएं इतनी आक्रामकता से जवाब नहीं देती थीं, क्योंकि कांग्रेसी सरकारों के समय सेना को संयम बरतने और टॉलरेंस की नीति पर चलने की हिदायत दी गई थी। लेकिन इस बार केंद्र में भाजपा की सरकार सत्तासीन है और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट कह दिया है कि पाकिस्तान की किसी भी फायरिंग का जवाब दोगुने वेग से दिया जाएगा। रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने भी पाकिस्तान के साथ किसी भी प्रकार की रियायत करने से इंकार कर दिया है।
श्याम सिंह सिकरवार