सुनंदा हत्याकांड? सच क्या है?
17-Jan-2015 11:08 AM 1234808

17 जनवरी 2013 को जब दिल्ली के होटल लीला में सुनंदा पुष्कर मृत पाई गई थीं उस वक्त सारे देश में हंगामा मच गया था। शशि थरूर और सुनंदा पुष्कर की प्रेम कहानी मेेंं पाकिस्तान की पत्रकार मेहर तरार का आगमन देश के राजनीतिक सर्किल में एक सामान्य सी घटना माना गया, लेकिन थरूर और तरार की कथित नजदीकी ने सुनंदा और थरूर में तकरार पैदा कर दी। जिसकी परिणिति सुनंदा की दुखद मृत्यु के रूप में हुई। पत्रकार नलिनी सिंह के मुताबिक सुनंदा को यह शक था कि थरूर ने तरार के साथ दुबई में तीन दिन बिताए। मीडिया में जारी एक फोटो तरार और थरूर की मित्रता की पुष्टि कर रही है। तात्कालिक कारण यह माना गया कि थरूर के व्यवहार से दुखी और मेहर तरार तथा थरूर की मित्रता से खफा होकर सुनंदा ने मौत को गले लगाया है लेकिन दिन-ब-दिन जैसे ही इस मौत से पर्दा उठने लगा कई नई कहानियों का जन्म हो गया। कहने वालों ने तो यहां तक कहा कि सुनंदा को कुछ ऐसे राजनीतिक रहस्य पता थे जिनके खुलने से राजनीतिक भूचाल आ सकता था, लिहाजा उनकी हत्या कद दी गई। अनुमान यह भी लगाया गया कि सुनंदा आईपीएल में थरूर की भूमिका को लेकर कोई बड़ा रहस्योद्घाटन करने वाली थीं। यह सब कयास और अनुमान हैं। जिन हालातों में सुनंदा की मृत्यु हुई है, पुलिस के हाथ सिवाय एम्स की रिपोर्ट के कोई और तथ्य नहीं लग पाया है। जिस वक्त सुनंदा का शव पाया गया था उस वक्त भी कई बातें उठाई गई थीं, कई सवाल पैदा हुए थे जो अनुत्तरित ही रहे। सुनंदा और थरूर के करीबी दोस्तों ने यही कहा कि दोनों के बीच तकरार भले ही थी लेकिन इस तरह की घटना की आशंका दूर-दूर तक नहीं थी। अब पोलोनियम-210 नामक जिस जहर की बात की जा रही है, वह आसानी से उपलब्ध नहीं है। भारत में इसे प्राप्त करना लगभग असंभव ही है। पोलोनियम धीमा जहर है जो शरीर पर अल्फा रेडिएशन का प्रभाव डालता है जिससे शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं। कई देशों में इसके द्वारा हाई प्रोफाइल हत्याएं की गई हैं। फिलिस्तीनी नेता यासर अराफात को भी कथित रूप से पोलोनियम-210 के द्वारा मरवाया गया था। सुनंदा पुष्कर के शरीर में यह घातक रेडियोएक्टिव पदार्थ किस जरिए से पहुंचा, इसका पता लगाना भी आसान नहीं होगा।
सबसे पहले तो यह सुनिश्चित करना होगा कि दिया गया जहर पोलोनियम-210 ही था। इसे पता लगाने के लिए विदेशों में जांच करानी पड़ेगी। इसके बाद पुलिस को यह पता लगाना होगा कि पोलोनियम उस होटल तक कैसे पहुंचा? किसने यह घातक पदार्थ सुनंदा के सुईट तक पहुंचाया? कहां से प्राप्त किया गया? आदि-आदि। यदि सुनंदा ने खुद ही इस घातक पदार्थ को अपने शरीर में किसी तरह पहुंचाया था तो भी यह ज्ञात करना आवश्यक है कि उन्होंने इसे प्राप्त कहां से किया। थरूर के नौकर से पूछताछ में लड़ाई तथा हाथापाई की बात भी सामने आई है। मृत शरीर पर कई निशान भी मिले हैं। लेकिन हम कथित हत्याकांड की कडिय़ां जुडऩे में वक्त लगेगा।

क्या मैं ढ्ढस्ढ्ढ एजेंट दिखती हूं
सुनंदा पुष्कर की मृत्यु को पुलिस द्वारा संदेहास्पद बताए जाने के बाद तरार को लेकर तमाम तरह के सवालात पैदा हुए हैं। एक टीवी चैनल ने तो जब तरार से इस हत्याकांड के विषय में सवाल-जवाब किए तो उन्होंने क्रोध में आकर कहा कि क्या मैं आईएसआई एजेंट जैसी दिखती हूं। दरअसल, सुनंदा पुष्कर प्रकरण के बाद से ही तरार सवालों के घेरे में हैं। जिस तरह इस मृत्यु को आत्महत्या की बजाय हत्या कहा जा रहा है, उसे देखते हुए जांच एजेंसियों को सभी पहलुओं पर विचार करना होगा। क्या सुनंदा ने खुद जहर खाया था या जो दवाएं उन्होंने ली थीं, उसका मिश्रण जहर बन गया, या किसी ने उनके शरीर में जहर पहुंचा दिया। पोलोनियम 210 जैसे घातक रेडियोएक्टिव पदार्थ द्वारा हत्या की बात सहसा गले नहीं उतरती, क्योंकि इसकी मौजूदगी का पता लगाने में भारतीय फोरेंसिक लैब सक्षम नहीं है। इसलिए जांच बहुत गहराई तक जाएगी। जहां तक सरकार का सवाल है इसके लिए एसआईटी गठित कर दी गई है। देखना है सच कब तक सामने आता है।

राजेश बोरकर

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