19-Jan-2015 05:31 AM
1234774

उधर बंगाल में भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निवेशकों से कहा कि वे पुरानी बातें भूल जाएं और नए सिरे से बंगाल में निवेश करें। ममता बनर्जी तो निवेशकों के पैर पडऩे को भी तैयार थीं। उनकी इस नम्रता को विपक्षियों ने भरपूर भुनाया, लेकिन ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने माफी वाम सरकार के दौरान की गई कारगुजारियों के लिए मांगी थी। ममता का कहना है कि केंद्र सरकार ने पहले ही वर्ष 21 हजार करोड़ रुपए की ऋण वसूली कर ली थी और बाद में पिछले वर्ष 25 हजार करोड़ रुपए कम दिए। इस साल 28 हजार करोड़ ले लिए जाएंगे। यदि इसी तरह पैसा वापस लिया जाता रहा तो राज्य में विकास के कार्य कैसे होंगे। ममता का कहना है कि वे निवेशकों को स्पेशल इकोनॉमिक जोन नहीं दे सकतीं लेकिन वे केंद्र से टैक्स मेंं रियायत दिलाने की कोशिश करेंगी।
स्वामी का दावा कितना सच
भा जपा नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मृत्यु का रहस्य उजागर करने की मांग करके नया विवाद पैदा किया है। नेताजी की मृत्यु से संबंधित कुछ कागजात ऐसे हैं, जो अभी भी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इसलिए यदा-कदा उनकी मृत्यु को लेकर कई दावे किए जाते रहे हैं। सुभाषचंद्र बोस एक उग्र नेता थे और भारत को आजादी दिलाने के लिए अहिंसक तरीका उन्हें पसंद नहीं था। वे ब्रिटिश सत्ता को उखाड़ फेंकना चाहते थे। कुछ हद तक वे कामयाब भी रहे, लेकिन उनकी असमायिक मृत्यु ने उनके अभियान को वहीं स्थगित कर दिया। लेकिन उनकी मृत्यु का कारण सदैव रहस्य बना रहा और अब सुब्रहमण्यम स्वामी इस रहस्य से पर्दा उठाना चाहते हैं। मर्चेंट चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के कार्यक्रम में स्वामी ने यह भी दावा किया कि तत्कालीन भारतीय पीएम जवाहर लाल नेहरू को इस बात की जानकारी थी कि बोस को साइबेरिया याकुत्स जेल में बंदी बनाया गया है। स्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही नेताजी से संबंधित खूफिया फाइलों को सार्वजनिक करेगी। वे खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केा ऐसा करने के लिए मनाएंगे। स्वामी ने माना कि बोस की मौत से जुड़े गुप्त दस्तावेज सार्वजनिक करने से ब्रिटेन और रूस से रिश्ते खराब होंगे, लेकिन उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की मांग उठाएंगे। स्वामी ने बताया कि अमेरिका ने नेताजी के गुम होने की जांच कर रहे मुखर्जी आयोग को लिखित में यह जानकारी दी है कि ताइवान के रिकॉर्ड में कोई भी विमान दुर्घटना होने और वहां के किसी भी अस्पताल में आग से झुलसे हुए शव के आने का रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। ऐसे में ताइवान में विमान दुर्घटना होने की बात पूरी तरह गलत है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने हाल में एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि नेताजी से संबंधित 41 फाइल मौजूद हैं, जिन्हें गुप्त फाइलों से अलग कर दिया गया है, लेकिन उन्हें अन्य देशों से रिश्ते खराब होने के डर से सार्वजनिक नहीं किया जा रहा। स्वामी ने कहा कि जर्मनी और जापान के हारने के कारण नेताजी ने ही अपनी मौत की खबर को प्रचारित किया और चीन के मंजूरिया नामक स्थान पर चले गए। बता दें कि 1941 में ब्रिटिश सरकार ने नेताजी को कोलकाता स्थित उनके घर में नजरबंद कर दिया था। हालांकि, वह ब्रिटिश सरकार को चकमा देकर यहां से निकलने में कामयाब रहे। इसके बाद वह भारत की आजादी के लिए अंतर्राष्ट्रीय सपोर्ट पाने के लिए कई देशों में गए। जापान के सहयोग से उन्होंने इंडियन नेशनल आर्मी का गठन किया। 1945 में वह लापता हो गए। सुब्रहमण्यम स्वामी का बयान ऐसे समय में आया है जब देश में भाजपा जोर-शोर से युवा उत्सव मना रही है। विडंबना यह है कि अब शासन भी भाजपा का ही है। तो क्या भाजपा इस रहस्य पर वर्षों से पड़ा पर्दा हटा पाएगी।