जंतर-मंतर पर समाजवादी हुंकार
02-Jan-2015 06:14 AM 1234780

दिल्ली के जंतर-मंतर पर समाजवादी माँ के बिछड़े हुए बेटे अमर-अकबर-एंथोनी की तर्ज पर गले मिलते दिखाई दिए तो लगा कि भाजपा की दक्षिणपंथी राजनीति को चुनौती अवश्य मिलेगी, लेकिन जनता में जनता परिवारÓ की इस एकता को लेकर कोई विशेष उत्साह नहीं था। चंद समर्थकों के अलावा इन कद्दावर नेताओं के साथ कोई बड़ी भारी भीड़ नहीं थी। भीड़ का यह अभाव लालू, मुलायम और नीतिश के चेहरों को मायूस कर गया लेकिन फिर भी उन्होंने एकजुट होकर केंद्र सरकार पर हमला बोला।

सोशल मीडिया पर लालू, मुलायम सहित तमाम नेताओं के भाषणों की लानत-मलानत की गई। खासकर कालेधन पर इन नेताओं के बयानों को हास्यास्पद ही माना गया। मुलायम, नीतिश को छोड़ दिया जाए तो जनता परिवार में लालू जैसे कई प्रमुख नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और इसी कारण कालेधन पर इन नेताओं का गुस्सा ज्यादा चर्चित नहीं हो पाया। इतना अवश्य है कि अरसे बाद क्षेत्रीय राजनीति के यह दिग्गज एक मंच पर साथ आए। इनकी चुनौती बिहार और उत्तरप्रदेश में भले ही गंभीर हो पर बाकी राज्यों में इस चुनौती का असर न के बराबर ही है। इसकी पुष्टि झारखंड के चुनावी नतीजों ने कर दी। अब इन दलों का अकेला होना या साथ होना उतना मायने नहीं रखता। एक ताकत में तब्दील होने के लिए इन दलों को अपने-अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में उन लोगों को भी काबू में लाना होगा जो आम तौर पर स्वतंत्र काम करते रहे हैं। बिहार में विशेष रूप से कोशिश करनी पड़ेगी क्योंकि लालू यादव के शासन को उखाड़ फेंकने के बाद ही नीतिश सत्ता में आए थे, इसलिए लालू और नीतिश के बीच दुश्मनी भले ही खत्म हो गई हो लेकिन स्थानीय स्तर पर काडर में जो असंतोष उभर रहा है उसे संभालना थोड़ा कठिन होगा। लेकिन दिल्ली के जंतर मंतर पर मुलायम सिंह यादव, नीतिश कुमार, शरद यादव और एचडी देवगौड़ा ने इस सच्चाई से बेखबर वही राग अलापा जो संसद में चल रहा है- कालाधन और धर्मांतरण। खास बात यह थी कि लालू और नीतिश जितने तीखे दिखाई दिए मुलायम ने उतने तीखे वार नहीं किए मुलायम का सुर सधा हुआ था। हालांकि उनकी पार्टी के आजम खान और बाकी नेता भाजपा के खिलाफ जमकर जहर उगल रहे थे। आजम खान ने तो यहां तक कह डाला कि पहले भाजपा शाह नवाज हुसैन और मुख्तार अब्बास नकवी की घर वापसी तो करा ले उसके बाद बाकियों की घर वापसी के बारे में सोचे।
आजम खान के सुर से यह साफ झलक रहा था कि उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव जब भी होंगे सांप्रदायिक धु्रवीकरण होकर ही रहेगा और इस धु्रवीकरण से नुकसान समाजवादी पार्टी को होगा, क्योंकि उसका यादव-मुस्लिम समीकरण अब अप्रांसगिक साबित हो रहा है। जहां तक लालू यादव का प्रश्न है, वे कभी एक प्रभावी वक्ता हुआ करते थे लेकिन अब उनका मस्खरापन भी जनता को पसंद नहीं आता। बहरहाल इस रैली में नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी पर जनता से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि मोदी ने कहा कि भाजपा की सरकार बनी तो कोई देश भारत को आंख नहीं दिखा सकता, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर में रोज हमले हो रहे हैं और उधर चीन 70 किलोमीटर तक भारत में घुस आया और ठीक उसी वक्त मोदी चीन के राष्ट्रपति के साथ गुजरात में झूला झूल रहे थे।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों को संबोधित करने से पहले उन्हें मोदी के चुनावी भाषणों की रिकार्डिंग सुनाई। उसके बाद पूछा, इस आवाज को पहचान रहे हैं न आप? क्या आप लोगों के खाते में 15-20 लाख रुपये आ गए? पैसे चेक से मिले या सीधे खाते में आ गए?Ó उन्होंने सवाल उठाया, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार चुनाव पूर्व किए वादे पूरे करने में आखिर क्यों विफल है? कालाधन विदेश से वापस लाने का जो वादा किया गया था, वह कहां है?Ó उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ईसाइयों और मुस्लिमों का जबरन धर्मांतरण कराने वाले दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। वहीं सपा प्रमुख मुलायम सिंह ने कहा, धर्मांतरण भाजपा की साजिश है, वह दंगे कराना चाहती है ताकि सरकार की विफलताओं से लोगों का ध्यान बंटा रहे।Ó
उन्होंने कहा, मोदी ने सभी बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था और विदेशों से कालाधन वापस लाकर हर नागरिक के खाते में 15 लाख रुपये देने का वादा किया था। यहां तक कि लोगों से कहा कि आप सभी बैंक खाते खुलवा लें, बहुत सारे लोगों ने खुलवा भी लिए, मगर पैसा कहां गया?Ó महाधरना में पहुंचे लोगों को जद (यू) अध्यक्ष शरद यादव, जेडी (एस) प्रमुख एच.डी. देवगौड़ा और इनेलो नेता दुष्यंत चौटाला सहित कई अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया। पांचों दलों ने देश में बनाए जा रहे सांप्रदायिक माहौल के खिलाफ एकजुट होने का संकल्प लिया। वहीं जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि ये रैली पुराने जनता दल के नेताओं की एकता का प्रमाण है और इस रैली के जरिये वे बीजेपी सरकार की हकीकत को जनता के सामने लाएंगे।

  • श्याम सिंह सिकरवार
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