29-Dec-2014 02:56 PM
1234767

मोहम्मद रफीक के आखिरी मिनट में किए गए कमाल के गोल की बदौलत सौरभ गांगुली की एटलेटिको डी कोलकाता ने सचिन तेंदुलकर के केरला ब्लास्टर्स को रोमांचक संघर्ष में 1-0 से हराकर इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) का पहला चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया।
डीवाई पाटिल स्टेडियम में तेज गति से खेला गया खिताबी मुकाबला जब अतिरिक्त समय की तरफ बढ़ता दिखाई दे रहा था कि रफीक ने 90वें मिनट में मैच विजयी गोल दाग दिया। सचिन तेंदुलकर और बंगाल टाइगर सौरभ गांगुली अपनी-अपनी टीमों का उत्साह बढ़ाने के लिए स्टेडियम में मौजूद थे। फाइनल शुरू होने से पहले रंगारंग समापन समारोह हुआ जिसमें तेज संगीत, भव्य रोशनी, एक्रोबेटिक्स और स्टंट ने दर्शकों का मन मोह लिया। अब बारी थी फुटबॉल की और दोनों ही टीमों ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया, लेकिन दोनों हॉफ में दोनों टीमें एक अदद गोल के लिए तरसती रहीं। दोनों गोलकीपरों ने कई शानदार बचाव किए। मैच आखिरी मिनट में प्रवेश कर चुका था। पोडी ने पोस्ट के पास बेहतरीन क्रास फेंका और रफीक ने मौका ताड़ते हुए बेहतरीन हैडर लगाकर गोलकीपर डेविड जेम्स को परास्त कर दिया।
रफीक का हैडर जैसे ही गोल के बाएं कार्नर में समाया, कोलकाता के तमाम खिलाडिय़ों ने जश्न में रफीक को घेर लिया। गांगुली भी अपनी जगह पर उछल पड़े। कोलकाता को टूर्नामेंट शुरू होने से पहले खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था और आखिर यही टीम चैम्पियन बन गई। आईएसएल में विदेशी खिलाडिय़ों के दबदबे की काफी बातें की जाती रहीं, लेकिन खिताब का फैसला करने वाला गोल करने का श्रेय भारतीय फॉरवर्ड मोहम्मद रफीक को गया। कोलकाता के खिलाडिय़ों ने जीत के बाद जमकर जश्न मनाया। रफीक को हीरो ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला।
पस्त हुआ पाकिस्तान, गंवाई सीरीज
न्यूजीलैंड ने आखिरकार पाकिस्तान से 5 मैचों की वनडे सीरीज पर 3-2 से कब्जा जमा लिया है। सीरीज के पांचवें और निर्णायक मैच में किवी टीम ने 68 रन से पाक को हराया। यह सीरीज किवी टीम के लिए बेहद खास रही क्योंकि वह पहली बार केन की कप्तानी में कोई सीरीज खेल रही थी। पाकिस्तान के लिए यूएई में उसकी घरेलू सीरीज बेहद निराशाजनक साबित हुई। उसे टेस्ट और ट्वंटी-20 सीरीज को बराबरी पर खत्म करने के बाद न्यूजीलैंड से वनडे सीरीज में हार का सामना करना पड़ा। जबकि इससे पहले उसने इसी मैदान पर ऑस्ट्रेलिया को हराया था। वनडे सीरीज में पाक की कमान शाहिद अफरीदी के हाथों में थी लेकिन वह भी जीत नहीं दिला सके।