पचमढ़ी में टाइगर सफारी
03-Mar-2022 12:00 AM 749

 

प्रदेश के हिल स्टेशन और पर्यटन स्थल पचमढ़ी में जल्द ही पर्यटक बाघों का दीदार कर पाएंगे। इसके लिए यहां टाइगर सफारी बनाने की तैयारी चल रही है। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले कुछ महीने में ये सफारी तैयार हो जाएगी।

सरकार जंगलों में प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर टाइगर सफारी शुरू करने की तैयारी कर रही है। प्रदेश का पहला टाइगर सफारी पचमढ़ी में शुरू करने के संबंध में प्लान तैयार किया जा रहा है। यह काम ईको पर्यटन बोर्ड को दिया गया है, जिसके लिए बोर्ड डीपीआर तैयार कर रहा है। सफारी तैयार करने के लिए पचमढ़ी में हवाई पट्टी के नजदीक 50 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। जिसमें तार की फैंशिंग का एक बड़ा बाड़ा बनाकर जू के बाघों सहित अन्य वन्य प्राणियों को रखा जाएगा। पर्यटक इस बाड़े के अंदर जाली से बंद वाहन में सवार होकर भ्रमण कर सकेंगे। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व पार्क क्षेत्र में करीब 20 करोड़ रुपए की लागत से टाइगर सफारी बनाई जाएगी। पचमढ़ी में 50 हेक्टर क्षेत्र को टाइगर सफारी के लिए आरक्षित किया जाएगा। भारत सरकार से इसकी अनुमति मिल चुकी है। राजस्व विभाग से 50 हेक्टर जमीन हस्तांतरित होने के बाद इसके काम में तेजी आएगी।

पिछले दिनों पचमढ़ी और होशंगाबाद दौरे पर आए वनमंत्री विजय शाह ने टाइगर सफारी शुरू करने की बात कही। उन्होंने कहा कि पचमढ़ी सेंट्रल इंडिया की ग्रीष्मकालीन राजधानी रही है। यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। पर्यटक बाघ को आसानी से देख सकें और स्थानीय लोगों के रोजगार में बढ़ोतरी हो, इसी उद्देश्य से टाइगर सफारी की सौगात पचमढ़ी को दी जाएगी। निवेशक बाड़ा तैयार करेगा। इसके अलावा वहां सफारी के भ्रमण के लिए सड़क सहित अन्य पर्यटन स्थलों का विकास करेगा। पर्यटकों को मूलभूत सुविधाएं देने का भी काम निवेशक का होगा। वन विहार की तर्ज पर यहां रेस्क्यू किए गए बाघों सहित अन्य वन्य जीवों को रखा जाएगा। इसकी पूरी देख-रेख की जिम्मेदारी वन विभाग की होगी, विभाग नियामक आयोग की तर्ज पर काम करेगा। सफारी और सुविधाएं देने का काम निवेशक का होगा। इसमें खर्च होने वाली राशि प्रवेश शुल्क और सफारी शुल्क के रूप में वसूली की जाएगी। पर्यटकों से सफारी के लिए शुल्क का निर्धारण वहां की समिति करेंगी, जिसमें वन विभाग के अधिकारी भी होंगे, लेकिन प्रस्ताव निवेशक की तरफ से रखा जाएगा।

मप्र ईको टूरिज्म बोर्ड टाइगर सफारी की डीपीआर तैयार करा रहा है, जो अगले माह तक फाइनल हो जाएगी। इसके बाद निविदा जारी करेगा, जो कंपनी या संस्था निविदा प्रक्रिया में कम राशि में काम करेगी और पर्यटकों को ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराएंगी उन्हें ही इसका काम दिया जाएगा। चयनित क्षेत्र में अधोसंरचना विकास (बाड़ा, पानी और पर्यटकों को भ्रमण कराने और उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का इंतजाम) करने के साथ अन्य सुविधाएं भी जुटाना होंगी। इन सुविधाओं के आधार पर वन विभाग संबंधित संस्था के समन्वय से सफारी का शुल्क तय करेगा।

वन विभाग ने पचमढ़ी में टाइगर सफारी बनाने के संबंध में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) को प्रस्ताव भेज दिया है। सीजेडए की अनुमति के बाद इसमें काम शुरू कर दिया जाएगा। सीजेडए को सरकार को यह भी बताया है कि वहां पर किस तरह की गतिविधियां संचालित की जाएंगी। सीजेडए की शर्तों के आधार पर ही वहां कार्य कराए जाएंगे। ईको टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक सत्यानंद का कहना है कि अभी यह प्रस्ताव प्रारंभिक स्टेज पर है। टाइगर सफारी के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। सफारी में फिलहाल बाघ सहित अन्य वन्य प्राणियों को रखने का प्रस्ताव है।

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का जंगल प्राकृतिक है। जंगल के अंदर कोई भी जानवर कहीं भी आ जा सकता है। टाइगर सफारी का स्वरूप यह है कि एक स्थान विशेष को विकसित कर उसमें वन्यजीवों को रखा जाता है। ऐसा करने से वन्यजीवों को आसानी से देखा जा सकता है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में ऐसा नहीं है। टाइगर रिजर्व में नेचुरल वाटर होल, शाकाहारी वन्यजीव पाए जाते हैं, लेकिन टाइगर सफारी में व्यवस्था करनी होगी। टाइगर सफारी के चारों ओर सुरक्षा दीवार बनानी पड़ेगी, जिससे कोई भी जानवर बाहर नहीं आ सकेगा।

एसटीआर में जंगल सफारी पहले से सुविधा

सतपुरा टाइगर रिजर्व के मढ़ई, चूरना के जंगल और मटकुली क्षेत्र में पहले से पर्यटकों के लिए जंगल सफारी की सुविधा उपलब्ध है। सैलानी जंगल सफारी का आनंद लेते हैं। जंगल सफारी के दौरान बाघ व वन्यप्राणी जंगल में कहीं भी विचलन करते दिखाई देते हैं। लेकिन टाइगर सफारी एकदम अलग है। इसका स्वरूप चिड़ियाघर जैसा होता है। चिन्हित क्षेत्र के भीतर ही जंगली जानवर रहते हैं। वे उससे बाहर नहीं जा सकते। एसटीआर के फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति ने बताया पचमढ़ी में टाइगर सफारी शुरू करने की तैयारी चल रही है। संभावना अगले साल की पहली तिमाही में सफारी का काम शुरू हो जाएगा। जिसके बाद पर्यटक टाइगर सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे। इसकी क्या टिकट रहेगी, यह अभी निर्धारित नहीं किया गया है।

- बृजेश साहू

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