मप्र में अन्नदाताओं की खुशहाली और बेहतरी के लिए नित नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में गत दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इंदौर जिले के सांवेर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 'मेरी पॉलिसी-मेरे हाथÓ फसल बीमा पॉलिसी वितरण अभियान का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब योजना के दस्तावेज के रूप में किसानों को पहली बार इसकी पॉलिसी भी दी गई। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि फसल बीमा के कुल 7618 करोड़ रुपए किसानों के खातों में डाले गए हैं। इसमें इंदौर जिले के किसानों को 1300 करोड़ रुपए की राशि दी गई है। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना के बंटवारे में पारदर्शिता रखी है। भारी बारिश के कारण जब सोयाबीन की फसल खराब हुई थी, उस समय हमने अधिकारियों को रातों को भी काम कराया। उनसे कहा गया था कि किसानों को जो नुकसान हुआ है, उसका मुआयना करें और जितना भी नुकसान हुआ है, उसे जस का तस लिखें। सभी अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी गई थी, किसानों का नुकसान ज्यादा लिखा तो चलेगा, लेकिन कम लिखा तो नौकरी करने लायक नहीं छोडूंगा। किसानों को उनके नुकसान भी पूरी भरपाई होनी चाहिए।
गौरतलब है कि अन्नदाताओं की खुशहाली के लिए मप्र प्रगति का स्वर्णिम इतिहास गढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अन्नदाताओं के प्रति असीम स्नेह सरकार की योजनाओं में भी निरंतर दिखाई पड़ता है। देश का हृदयस्थल मप्र प्रधानमंत्री के सपनों को साकार करने के लिए कृत संकल्पित रहा है। खासकर पिछले 22 महीनों में हमने देश में अग्रणी रहकर हमारे अन्नदाताओं को लाभ दिया है। बीते वर्ष खरीफ फसल 2020 व रबी फसल 2020-21 मे किसानों को प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा था जिस कारण किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा था। हमने रविवार को भी बैंक खुलवाकर किसानों की फसलों का बीमा करवाया। किसानों के चेहरों पर चमक है क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बैतूल में 49 लाख बीमा दावों की 7 हजार 615 करोड़ रुपयों की राशि का 49 लाख 85 हजार किसानों को भुगतान किया है।
कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले कभी इतनी बड़ी राशि किसानों को नहीं दी गई। न मुआवजा, न बीमा की राशि, न सिंचाई योजनाओं पर काम किया है। फसल खराब होने पर भरपाई के तौर पर 200 से 400 रुपए किसानों के खाते में जमा होते थे। वर्तमान सरकार अब सिंचाई क्षेत्र को आगे बढ़ाएंगे और इसे 65 लाख हेक्टेयर तक ले जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने प्रीमियम राशि का भुगतान नहीं किया था। हमारी सरकार बनते ही हमने सबसे पहले बीमा राशि का प्रीमियम भरा। वर्तमान सरकार ने पिछले 22 महीनों में किसानों के खातों में विभिन्न मदों में 1 लाख 72 हजार 854 करोड़ रुपए जमा कराए हैं। सरकार किसानों की बेहतरी के प्रतिबद्ध है। किसान बस मेहनत करते जाएं।
किसानों को सरकारी योजनाओं की सुविधाओं के साथ बीमा का लाभ मिलने लगा तो अन्नदाताओं ने भी कृषि उत्पादन में शानदार परिणाम देकर हमारे प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। उत्पादन में वृद्धि के लिए हमने कई रचनात्मक प्रयास किए। किसानों के उत्थान के लिए भारत सरकार ने एफपीओ योजना लागू की है। इस योजना के अंतर्गत मप्र के हजारों किसान लाभांवित हो रहे हैं। प्रदेश में किसानों को निरंतर एफपीओ के माध्यम से जोड़ा जा रहा है। इस योजना की मदद से किसान संगठन बनाकर कारोबारी की तरह काम कर सकते हैं। प्राकृतिक आपदाओं और मानसून की बेरूखी से होने वाले नुकसान के समय में सरकार के किसानों के साथ खड़े होने से प्रदेश का कृषि परिदृश्य लगातार बेहतर हुआ। मप्र के मुखिया और कृषि मंत्री दोनों ही किसान होने का ही प्रतिफल है कि आज एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (आईएएफ) में 938.84 करोड़ रुपए की राशि हितग्राहियों के खाते में वितरित कर मप्र राशि व्यय करने में प्रथम स्थान पर है।
कार्यक्रम में कुछ किसानों को सांकेतिक रूप से फसल बीमा की पॉलिसी का वितरण किया गया। साथ ही चयनित फार्मर्स प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन (एफपीओ) को प्रमाण-पत्र भी बांटे गए। कार्यक्रम स्थल पर कृषि विभाग और अन्य कंपनियों द्वारा कृषि मेला और प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। मेले में किसानों को खेती में ड्रोन के उपयोग के बारे में भी बताया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दीप प्रज्ज्वलन किया। इसके बाद उन्होंने कन्या पूजन भी कर कार्यक्रम की शुरुआत की। मंच पर जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल भी मौजूद थे। तुलसी सिलावट ने कहा कि शिवराज सिंह ने प्रधानमंत्री की सेवा को आगे बढ़ाया है। प्रदेश में किसानों को देश की तुलना में सबसे ज्यादा पैसे दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने सांवेर के लिए सड़क, पानी की समस्या को खत्म किया है। पहले कहीं भी बैठकर समीक्षा हो जाती थी लेकिन अब फसल बीमा पॉलिसी से घर पहुंचकर ही पूर्ण करनी होगी।
एक समय 200 से 400 मिलते थे, अब 40 लाख तक मिल रहे हैं: तोमर
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि साल 2016 में फरवरी में सीहोर में ही प्रधानमंत्री बीमा योजना का नया प्रारूप सामने आया था। अब पॉलिसी भी इसी जगह हमारे पास है। यह सबकुछ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण संभव हुआ। शिवराज सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में मप्र में ज्यादा गंभीरता से काम हो रहा है। फसल खराब होने पर किसानों को मुआवजे के तौर पर एक समय 200 से 400 रुपए मिलते थे। अब यह राशि 20 से 40 लाख रुपए हो गई है। किसान के जीवनस्तर में बदलाव का प्रयास कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यह राशि सीधे किसानों तक पहुंच रही है, बीच में कोई दलाल नहीं है। केंद्र और राज्य सरकार की कोशिश है कि किसानों का जीवनस्तर बेहतर किया जाए। एमएसपी पर खरीद होने वाली आय सीधे किसान के खाते में पहुंचती है। भारत को आत्मनिर्भर बनाना है तो किसान को, गांव को, आत्मनिर्भर बनाना होगा। पहले प्रदेश में सिंचाई ज्यादा नहीं हो रही थी, लेकिन अब 46 हजार हेक्टेयर में सिंचाई हो रही है। इसके लिए सभी सुविधाएं जुटाई गई हैं। किसानों की मदद के लिए जैविक खेती में अब उत्पादन में ज्यादा आय है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी मांग बढ़ी है और इससे आय भी जैविक खेती में भी मप्र नंबर वन है।
- विकास दुबे