हमारा वातावरण इतना दूषित हो चुका है कि आने वाले समय में लोगों का जीना और भी मुश्किल होने वाला है। यह बात कई वैज्ञानिक, अनुभवी लोग और चिकित्सा विशेषज्ञ कह चुके हैं। पिछले दिनों एक रिसर्च सामने आई, जिसमें लिखा था कि हवा में हर समय सूक्ष्म कीटाणु तैरते रहते हैं, जिनमें कई विषाणु और रोगाणु होते हैं। ये रोगाणु और विषाणु मौसम दर मौसम पनपते रहते हैं और हमें प्रभावित करते रहते हैं। इनमें सैकड़ों रोगाणु और विषाणु ऐसे हैं, जो किसी भी मौसम में नहीं मरते और हम इंसानों पर हमेशा हमला करते रहते हैं। इनसे बचने का सबसे अच्छा तरीका स्वस्थ्य रहना है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. धवल कहते हैं कि कोरोना वायरस ने हम सबकी मास्क पहनने की आदत डाल दी। कुछ लोग इसे मुसीबत की जड़ या झंझट समझते हैं, लेकिन उन्हें यह बात नहीं मालूम कि केवल मास्क से वे कई बीमारियों से बच रहे हैं। यहां तक कि अगर वे लगातार मास्क का इस्तेमाल करते हैं, तो उनमें खांसी-जुकाम और दमा के साथ-साथ श्वास के अन्य रोगों के होने की संभावना कम हो जाएगी। यह तो बीमारियों के फैलने और उनसे बचने का आम तरीका है, लेकिन इस समय की बात करें, तो हर कोई इन दिनों महामारी की तरह फैली कोरोना वायरस नाम की खतरनाक बीमारी से घबराया हुआ है। अब एक और बुरी खबर यह है कि जबसे कोरोना वायरस की महामारी फैली है, तबसे अब तक कई नई बीमारियों की भी पुष्टि हो चुकी है।
हालांकि इन नई बीमारियों पर उतना हो-हल्ला नहीं हुआ है, क्योंकि यह कोरोना वायरस की तरह खतरनाक नहीं पाई गई हैं। लेकिन अगर चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें, तो अभी और भी नई बीमारियां पनप सकती हैं, जिनमें कुछ कोरोना वायरस की तरह जानलेवा और खतरनाक हो सकती हैं। वैसे पिछले दिनों इस तरह की कई अफवाहें भी फैली थीं कि अब कोरोना से भी खतरनाक बीमारी आने वाली है, जिससे गांव के गांव और शहर के शहर समाप्त हो जाएंगे। डॉ. धवल कहते हैं कि हमें अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए, लेकिन अपनी सुरक्षा पर पूरा ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि आने वाला समय बहुत नाजुक है। डॉ. धवल कहते हैं कि कोई बीमारी भले ही वह कितनी भी छोटी हो, अगर उसका समय पर इलाज नहीं कराया जाए, तो वह बड़ी चुनौती हो सकती है और जान भी ले सकती है। इसलिए हर बीमारी को जानलेवा ही मानना चाहिए और शुरुआत में ही बीमारी के लक्षण पता चलते ही सही डॉक्टर से उसकी जांच कराकर इलाज कराना चाहिए।
अगर नई बीमारियों की बात करें, तो इन दिनों अमेरिका और यूरोपीय देशों के बच्चों में एक अजीब तरह की बीमारी, जिसमें बच्चे के दोनों पैरों पर लाल-लाल दाने निकल आते हैं और पूरे शरीर में सूजन आ जाती है, तेजी से पनप रही है। अमेरिका और यूरोपीय देशों में पनपी यह बीमारी कोरोना वायरस से जुड़ी है, जिसमें कोरोना वायरस के जुड़े हाइपर इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम पाए गए हैं। चिकित्सा रिपोर्ट्स की मानें तो इस रहस्यमयी बीमारी ने अब तक कई बच्चों की जान ले ली है। अब इस बीमारी ने भारत में भी दस्तक दे दी है। पिछले दिनों चेन्नई के एक 8 वर्षीय बच्चे में कोरोना वायरस से जुड़े हाइपर-इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम के लक्षण पाए गए। भारत में इस सिंड्रोम का यह पहला मामला है। माना जा रहा है कि इस नई बामारी से बच्चों की जान जाने का खतरा रहता है।
पिछले दिनों कोरोना वायरस से संक्रमित इस बच्चे को चेन्नई के कांची कामकोटि चाइल्डस ट्रस्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां बीमार बच्चे को आईसीयू में रखा गया। इस बच्चे के शरीर में उत्पन्न होने वाले विषाक्त पदार्थों के अलावा कावासाकी बीमारी के लक्षण मिले थे। डॉ. धवल से इस बीमारी के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि इस बीमारी में बच्चों की रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है, जिससे उसके शरीर में सूजन आ जाती है और बच्चे धीरे-धीरे निढाल हो जाते हैं।
डॉ. धवल का कहना है कि इस बीमारी के बारे में अभी मैं भी ठीक से नहीं जान पाया हूं, लेकिन जरूरी है कि बच्चों की हर बीमारी के बारे में मैं ज्यादा से ज्यादा जान सकूं और उसका सही इलाज कर सकूं। इस बीमारी के बारे में मैं जहां तक जान पाया हूं, तो यह कि यह कोरोना वायरस के लक्षण वाली बीमारी है, जिसमें बच्चे के अंदर सेप्टिक शॉक के साथ निमोनिया, कोविड-19 पेनुमोनिटिस, कावासाकी रोग और विषाक्त शॉक सिंड्रोम के लक्षण पाए जा सकते हैं। डॉ. धवल की बात सही पाई गई, चेन्नई के बीमार बच्चे के शरीर में बीमारी के यही लक्षण मिले थे। हालांकि अच्छी बात यह है कि इस बच्चे को कुछ दवाओं की मदद से काफी हद तक ठीक कर दिया गया। लेकिन बच्चे को कोई दिक्कत होने पर उसकी स्वास्थ्य जांचें अभी भी की जा सकती हैं, यह सलाह चिकित्सकों द्वारा बच्चे के परिजनों को दी जा चुकी हैं।
चीन में मिला फिर नई बीमारी का केस
कोरोना वायरस फैलने की शुरुआत में कुछ रिपोर्ट्स ऐसी आई थीं, जिनमें कहा गया था कि कोरोना वायरस चीन से फैला। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कुछ अन्य देशों के नेताओं ने भी यह बात कही थी। ट्रंप ने तो कई बार दावे किए थे कि कोरोना वायरस चीन ने ही फैलाया, क्योंकि उसके वुहान शहर की लैबोरेट्री में इस वायरस को पैदा किया गया और वह लीक होने से दुनियाभर में तबाही मचा रहा है। कई प्रमाण भी ऐसे मिले, जिसमें चीन पर संदेह भी गया, लेकिन चीन ने इसे सिरे से नकार दिया और जांच नहीं होने दी। लेकिन अब फिर पिछले दिनों चीन के इनर मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र के शहर में नए तरह के बुखार ब्यूबॉनिक प्लेग का मामला सामने आया है।
- धर्मेन्द्र सिंह कथूरिया