मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार की नीतियों का असर अब पूरी तरह दिखने लगा है। प्रदेश में औद्योगिक विकास, योजनाओं-परियोजनाओं के क्रियान्वयन और रोजगार सम्मेलनों के कारण बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिला है। इसका असर यह पड़ा है कि मप्र में बेरोजगारी दर न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। मप्र की बेरोजगारी दर 1.4 प्रतिशत हो गई है। देश में इससे कम केवल छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 0.6 प्रतिशत है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार मप्र में सरकार ने इस साल अब तक 13,65,000 युवाओं को रोजगार दिया है। जनवरी में 5,26000 व 16 फरवरी को 5,04000 लोगों को रोजगार मिला है। 30 मार्च को यानी 3,35000 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी संगठन द्वारा जारी किए गए बेरोजगारी के ताजा आंकड़ों में छत्तीसगढ़ की स्थिति देश में सबसे बेहतर बताई गई है। आंकड़ों के मुताबिक बीते मार्च महीने में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर 0.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है। सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ देश में पहले नंबर पर है। मार्च में ही देश में बेरोजगारी दर 7.5 प्रतिशत रही। वहीं मप्र दूसरे स्थान पर है। मप्र की बेरोजगारी दर 1.4 प्रतिशत हो गई है। मप्र सरकार का दावा है कि नीतिगत फैसले और बेहतर कार्यप्रबंधन से लगातार युवाओं को रोजगार के अवसर राज्य में उपलब्ध हो रहे हैं, जिससे राज्य की बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट आ रही है। 3 अप्रैल 2022 की स्थिति में सीएमआईई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सर्वाधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में 26.7 प्रतिशत, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में 25-25 प्रतिशत, झारखंड में 14.5 प्रतिशत, बिहार में 14.4 प्रतिशत, त्रिपुरा में 14.1 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 12.1 प्रतिशत रही।
प्रदेश में अधिक औद्योगिक निवेश लाकर नियोजन के अवसरों में वृद्धि की जा रही है। आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से स्वरोजगार हेतु विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ऋण एवं अन्य सुविधाएं मिल रही हैं। नए क्षेत्रों जैसे-वन, पर्यटन, श्रम, खनिज, सहकारिता आदि में रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। रोजगार के लिए हमारी 8 सूत्रीय रणनीति है। नई शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन कर कक्षा 6वीं से ही रोजगार मूलक शिक्षा प्रदान की जाए। शिक्षा और उद्योग जगत की मांग में गैप को भरने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। रोजगार चाहने वालों को नियोक्ताओं से जोड़ने के लिए ऑनलाईन प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाएगा। जिला एवं विकासखंड स्तर पर रोजगार मेलों का नियमित आयोजन होगा। सरकारी भर्तियों के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाए जा रहे हैं।
कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी देशव्यापी आर्थिक मंदी से मप्र की अर्थव्यवस्था अछूती रही। तब भी मप्र में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियंत्रित रही। नए आंकड़ों के मुताबिक मप्र 1.4 प्रतिशत के साथ सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में दूसरेे स्थान पर है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश में बेरोजगारी दर 7.5 प्रतिशत है। शहरी बेरोजगारी दर 8.5 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 7.1 प्रतिशत है।
मप्र आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहले पर अब युवाओं को मिशन मोड़ में रोजगार दिया जाएगा। इसके लिए विभागों ने कवायद शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री की मंशानुसार वर्ष 2022 मप्र के युवाओंं के लिए रोजगार वर्ष बनेगा। खुद मुख्यमंत्री कहते हैं कि आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर मप्र के निर्माण में युवा महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेंगे। रोजगार आज एक प्रमुख आवश्यकता है। प्रतिमाह एक लाख लोगों को रोजगार से जोड़ने और आर्थिक उन्नयन का लाभ देने के लक्ष्य के मुकाबले दोगुनी उपलब्धि प्राप्त हुई है। प्रतिमाह ढाई लाख लोगों को लाभान्वित करने में सफलता मिली है। दरअसल, प्रदेश सरकार ने अब प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए मिशन मोड में काम शुरू कर दिया है। इसके लिए तरह-तरह के प्रयास भी शुरू कर दिए गए हैं। एक तरफ जहां सरकारी विभागों में भर्ती के लिए परीक्षाओं का आयोजन शुरू किया जा चुका है तो वहीं निजी क्षेत्रों में रोजगार दिलाने के लिए रोजगार मेलों का भी आयोजन शुरू किया जा चुका है।
निकलेंगी बंपर भर्तियां
मंत्रालयीन सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर सभी विभाग नौकरियां निकालने की तैयारी कर रहे हैं। जल्द ही सरकारी व नीति क्षेत्रों में भारी संख्या में भर्ती निकाली जाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा पहले ही भर्ती करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इनमें ऐसी भर्तियों को भी शामिल किया जा रहा है, जिन पर लंबे समय से भर्ती नहीं की जा सकी है। इसी तरह से सरकार द्वारा सरकारी विभागों में बैकलॉग पदों पर भर्ती के लिए भी अभियान संचालित किया जा रहा है। माना जा रहा है कि सरकार के इन प्रयासों से सरकारी महकमों में इस साल करीब एक लाख युवाओं को नौकरी मिल सकती है। इसके अलावा सरकार का स्वरोजगार पर भी फोकस है। यही वजह है कि केंद्र के अलावा राज्य सरकार द्वारा अपने स्तर पर भी मप्र में स्वरोजगार की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत विभिन्न विभागों एवं बैंको के माध्यम से कई स्वरोजगार योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इनमें प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैंडअप इंडिया योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन आदि प्रमुख योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
- जितेंद्र तिवारी