मप्र को एक और बड़ी सौगात मिलने वाली है। भोपाल और इंदौर के बीच बहुत जल्द ही देश का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने जा रहा है। इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तकनीकी टीम को जगह दिखा दी गई है। यह जमीन सोनकच्छ, चापड़ा, हाटपिपल्या के बीच है। यहां 30 हजार एकड़ क्षेत्र में मेगा इंडस्ट्रियल रिजन भी तैयार किया जाएगा। इस जगह एयरपोर्ट बनने की वजह से कई युवाओं को रोजगार उपलब्ध होंगे। अभी तक यहां पर कई युवा बेरोजगार घूम रहे हैं जिन्हें इस जगह रोजगार मिल जाएंगे। भोपाल और इंदौर के बीच बन रहे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को बनाने का काम मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को सौंपा गया है। देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने की वजह से यहां कई शहरों से कनेक्टिविटी जुड़ जाएगी। इसके साथ ही हाईस्पीड कनेक्टिविटी होगी और जिलों से सीधा संपर्क भी जुड़ जाएगा। इस क्षेत्र को रेलवे से भी जोड़ने की योजना है। यहां एक रेलवे स्टेशन भी बनाया जा सकता है।
केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की सहमति के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मप्र में निवेश को लेकर यह कदम उठाए हैं जिसके बाद अब देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने जा रहा है। एयरपोर्ट को आष्टा से सोनकच्छ के बीच बनाया जाएगा। इसमें कई रोजगार के अवसर भी खुलेंगे। वहीं जिलों से संपर्क भी जुड़ेगा। आने-जाने वाले को भी इससे कई फायदे होंगे। इसके साथ दूसरे जिलों से यहां निवेश करने में भी फायदा होगा। दरअसल इंदौर-भोपाल के बीच बनने वाले इस एयरपोर्ट से कई जिलों को फायदा होने के साथ ही शाजापुर से देवास, एबी रोड, इंदौर-भोपाल रोड के साथ ही नरसिंहगढ़ को इन जिलों से जोड़ने की वजह से कई तरह के फायदे भी मिलेंगे। इस एयरपोर्ट को जोड़ने की वजह से देश-विदेश से आने-जाने वालों को काफी फायदा भी होगा। इसके साथ ही निवेश करने में भी आसानी रहेगी।
आष्टा और सोनकच्छ के बीच बनने वाले देश के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के बन जाने से निवेश के अवसर भी पैदा होंगे। इसके साथ ही इसमें करीब दो लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को गुणवत्ता वाली चीजें रियायत दरों में मिल जाएंगी। आष्टा में बड़ा औद्योगिक क्लस्टर विकसित हो जाता है, तो सरकार का पूरे इंदौर-भोपाल कॉरीडोर को औद्योगिक कॉरीडोर बनाने का प्रोजेक्ट भी सफल हो जाएगा। इंदौर-भोपाल रूट प्रदेश का सबसे कमर्शियल और बेहतर रूट है। अभी इंदौर और उसके आसपास ही सबसे ज्यादा विकास हुआ है। यह विकास देवास तक आ चुका है, लेकिन इसके बाद सोनकच्छ से विकास नहीं दिखता। वहीं भोपाल व आसपास भी विकास है, लेकिन सीहोर के बाद गेप है। आष्टा में बड़ा क्लस्टर विकसित हो जाता है, तो यह दोनों ओर से बेहतर तरीके से जुड़ा होगा। भोपाल-इंदौर एयरपोर्ट भी होने से कनेक्टिविटी बेहतर रहेगी। इससे आष्टा से इंदौर-भोपाल दोनों ओर विकास हो पाएगा। इसलिए आष्टा को बेहतर पाइंट माना जा रहा है।
उधर, पीथमपुर, रतलाम के बाद अब देवास प्रदेश का तीसरा इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट एरिया घोषित होगा। इसके लिए प्रारंभिक रूप से देवास के आसपास 12 हजार एकड़ जमीन ली जा रही है। इसकी मंजूरी का प्रस्ताव एमपीआईडीसी ने सरकार को भेज दिया है। नोटिफिकेशन जारी होते ही दावे-आपत्ति बुलाए जाएंगे। इंडस्ट्री को जमीन देने के साथ ही पीथमपुर में जिस तरह से सेक्टर डेवलपमेंट हुए हैं, उसी तरह से इसे भी विकसित किया जाएगा। इससे हजारों नौकरियों के साथ करोड़ों का निवेश आएगा। इसके बाद मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी के रूप में इंदौर का इंडस्ट्रियल एरिया 400 वर्ग किमी क्षेत्र का हो जाएगा। पीथमपुर, सांवेर रोड, पालदा, बेटमा के साथ अब देवास की सीमा भी औद्योगिक दृष्टि से इंदौर को उन्नत करेगी। इंदौर-भोपाल इंडस्ट्रियल कॉरीडोर की दिशा में यह बड़ा कदम होगा।
प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए मप्र से राज्यसभा सांसद और केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री एल मुरगन भी जुटे हुए हैं। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनसे दक्षिण भारत से कुछ इंडस्ट्री लाने का निवेदन किया है। जिस पर केंद्रीय मंत्री कार्य में जुट गए हैं। इससे मप्र औद्योगिक हब बनने की ओर अग्रसर है।
प्रदेश का पहला ऑटो एक्सपो 28 से 30 अप्रैल तक
देश और दुनिया में ऑटोमोबाइल सेक्टर का हब बन चुके इंदौर के पीथमपुर में प्रदेश का सबसे बड़ा ऑटो एक्सपो आयोजित होने जा रहा है। मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा इंदौर के सुपर कॉरीडोर में आयोजित ऑटो एक्सपो में देश-विदेश की 900 कंपनियां पहली बार अपने-अपने वाहनों का डेमो देंगी। 28 से 30 अप्रैल तक होने जा रहे इस तीन दिवसीय आयोजन के लिए राज्य सरकार ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। इंदौर स्थित पीथमपुर देश का प्रमुख ऑटोमोबाइल सेक्टर है, जहां इस सेक्टर के कई बड़े ब्रांड मौजूद हैं। अब जबकि यहां ऑटो टेस्टिंग ट्रैक के अलावा ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़ी कई कंपनियां स्थापित हो चुकी हैं तो राज्य सरकार की कोशिश है कि दुनियाभर के कई बड़े ऑटोमोबाइल ब्रांड को इस आयोजन का हिस्सा बनाया जाए। लिहाजा मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमपीआईडीसी) के इस भव्य आयोजन में मर्सिडीज, मारुति सहित कई अन्य कार कंपनियां भागीदारी करेंगे। इसके अलावा इन कंपनियों के तमाम वरिष्ठ अधिकारी और मैनेजमेंट से जुड़े लोग इस आयोजन में शामिल होंगे।
- लोकेंद्र शर्मा