मप्र सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी अवैध खनन का काला करोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। तू डाल-डाल, मैं पात-पात की तर्ज पर प्रदेश में रेत का काला कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। कहीं लाइसेंस लेकर तो कहीं बिना लाइसेंस के अवैध खनन जारी है। रेत का यह अवैध कारोबार प्रशासनिक अमले की भी कमाई का जरिया बना हुआ है। इसी कारण कार्रवाई नहीं की जाती है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि प्रदेश की जीवनरेखा नर्मदा नदी हो या कोई अन्य नदी उनमें बेधड़क अवैध खनन चल रहा है। आलम यह है कि सरकार की नई रेत खनन नीति केवल कागजी शोभा बनकर रह गई है। प्रदेश में नर्मदा, चंबल, सोन सहित जितनी नदियां हैं उनमें अवैध रेत का खनन जोरों पर है। सोन नदी में रेत उत्खनन व परिवहन पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। इसके बावजूद रेत की निकासी पर रोक नहीं लग पा रही है। रेत की वैध खदानों में भी नियमों को दरकिनार कर बीच नदी में टू-टेन मशीनों के माध्यम से धड़ल्ले से रेत की खुदाई की जा रही है। इससे नदियों के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि सीहोर जिले के रेत माफिया बीच नदी की धार में पाइपलाइन डालकर आधा किमी रोड बनाने की तैयारी कर रहा है, जो जाजना टापू से रेत का अवैध परिवहन करना चाहता है। इससे पूरे ग्रामीण क्षेत्र में सैकड़ों डंपर गुजर रहे हैं, जिससे हादसे का खतरा बना हुआ है। डंपर से धूल उड़ रही है, जिससे पूरे गांव में धुंध छा जाती है। हालत यह है कि ग्रामीण दहशत के मारे घरों से नहीं निकल पा रहे है। वहीं रोक-टोक करने पर बंदूक की नोक पर डराया जा रहा है। यदि शीघ्र अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई नहीं की गई और रास्ते का निर्माण नहीं रोका गया तो पूरे ग्रामीण आंदोलन के लिए बाध्य होंगे, वहीं समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों का प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिलकर कार्रवाई की मांग करेंगे। जानकारी के अनुसार होशगांबाद व सीहोर जिले के बीच नर्मदा नदी में बने जाजना टापू से रेत माफिया कश्तियों से अवैध रेत परिवहन करते आ रहा है, लेकिन पिछले एक माह से जाजना टापू पर पहुंचने के लिए आधा किमी लंबा रास्ता तैयार किया जा रहा है, जिसमें सैकड़ों डंपर रास्ता बनाने में लगे हुए हैं। इतना ही नहीं बीच नदी में 100 से अधिक पाइप डालकर पोकलेन व बुलडोजर रास्ते का निर्माण कर रहे हैं। हालत यह है कि नाव से जाजना टापू पर पोकलेन उतार दी गई है, जो दूसरे छोर से रास्ता तैयार कर रही है।
छीपानेर घाट पर दिन-रात चल रहे इस अवैध खनन की जानकारी पुलिस और प्रशासन दोनों को है। बावजूद इसके इस पर अभी तक कोई अंकुश नहीं लगाया गया है। देवास का माफिया खुलेआम रेत का खनन नर्मदा नदी में ट्रैक्टर ट्राली से कर रहा है। वहीं हरदा जिले में मशीनों से रेत निकलकर कश्तियों में भरकर छीपानेर घाट पर लाई जाती है और यहां से ट्रैक्टर ट्राली में भरकर ककेड़ी नदी पर बनाए हुए अस्थाई पुल के जरिए देवास की सीमाओं पर ले जाई जा रही है।
नर्मदा नदी में चल रहे अवैध खनन को लेकर ग्रामीण कई बार मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारी तक शिकायत कर चुके हैं, लेकिन किसी ने अभी तक इस पर ध्यान नहीं दिया है। गौरतलब है कि दो हफ्ते पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नसरुल्लागंज आए थे। जहां उन्होंने मंच से जिला प्रशासन को सख्त लहजे में कहा था कि अवैध खनन पर कार्रवाई करें नहीं तो मैं आप पर कार्रवाई करूंगा। सिवनी-मालवा तहसील मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर बाबरी घाट और पथाड़ा घाट के पास बीच नर्मदा नदी में बने रेत के बड़े टापू पर रेत का अवैध उत्खनन के लिए सीहोर जिले के रेत माफिया सक्रिय हैं। रेहटी तहसील के पास नर्मदा किनारे के ग्राम जांजना मगांव से बीच नर्मदा नदी में अवैध कारोबारियों ने पाइप डालकर और नाव जोड़कर पुल बनाकर होशंगाबाद जिले से रेत चुराने के लिए पोकलेन मशीनों से मार्ग बना डाला।
अवैध खनन और ओवरलोड डंपरों की भारी आवाजाही से परेशान होकर सीहोर जिले के नर्मदा किनारे के ग्राम जांजना, मठागांव, बाबरी, डिमावर के ग्रामीण गत दिनों रेहटी तहसील कार्यालय और थाने पहुंचे। जहां पर एसडीएम के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर रेत माफियाओं पर कार्रवाई करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि सीहोर जिले के रेत माफिया बीच नर्मदा नदीं की धार में पाइप डालकर आधा किमी रोड बना रहे हैं। जो जांजना टापू से रेत की चोरी की कोशिशें कर रहे हैं। गांव में से दर्जनों डंपर रोज गुजरने से हादसे हो रहे हैं। ग्रामीणों का ये भी कहना है कि अवैध खनन व डंपरों को निकालने से रोकने पर रेत माफिया व उनके हथियारबंद लोग धमका रहे हैं। समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल सीधे मुख्यमंत्री से मिलकर कार्रवाई की मांग करेगा। होशंगाबाद जिले के खनिज अधिकारी शशांक शुक्ला ने कहा कि बाबरी घाट के पास नर्मदा नदी में रेत के टापू पर जाने का रास्ता सीहोर जिले की तरफ से अवैध मार्ग बन रहा है, जिससे उत्खनन करने की संभावना है। इस बारे में सीहोर जिला खनिज अधिकारी को पत्र भेजा है। जल्द संयुक्त टीम बनाकर अवैध उत्खनन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
पोकलेन से रास्ता बना, निकाल रहे रेत
ग्रामीणों ने अधिकारियों को बताया कि होशगांबाद व सीहोर जिले के बीच नर्मदा नदी में बने जांजना टापू से अवैध कारोबारी कश्तियों से अवैध रेत परिवहन कर रहे हैं। विगत एक माह से जाजना टापू पर पहुंचने के लिए नर्मदा नदी की धार को रोककर आधा किमी से ज्यादा लंबा रास्ता बना लिया गया है। बीच नर्मदा नदी में 100 से अधिक पाइप डालकर पुल का निर्माण किया जा रहा है। नाव से जाजना टापू पर पोकलेन उतारी जाती है। जो दूसरे छोर से रास्ता तैयार कर रही है। नर्मदा नदी के बीच जो टापू है, उसका आधे से अधिक भाग होशंगाबाद जिले में आता है। जहां भारी मात्रा में रेत के अवैध खनन व चोरी के लिए कारोबारी जुटे हुए हैं।
- लोकेंद्र शर्मा