विकास के पथ पर तेजी से दौड़ रहे मप्र में उच्च तकनीक की सड़कों का जाल बिछेगा। इसके लिए सड़क परिवहन व राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय से मप्र को बड़ी सौगात मिली है। सीआरआईएफ (सेंट्रल रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड) योजना से मप्र में 1814 करोड़ रुपए लागत की 23 सड़कों के निर्माण को मंजूरी मिल गई है। इससे प्रदेश में सड़क नेटवर्क अब और मजबूत होगा। केंद्र सरकार ने मप्र के प्रस्ताव पर 600 किमी की नई सड़क बनाने की स्वीकृति केंद्रीय सड़क अधोसंरचना निधि के तहत दे दी। इसमें भोपाल के बैरागढ़ में लगभग पौने तीन किलोमीटर का एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जाएगा। इससे भोपाल और इंदौर आना-जाना आसान हो जाएगा। शहरवासियों को आमतौर पर लगने वाले जाम से भी छुटकारा मिलेगा। इस बार केंद्र सरकार ने मप्र के तीन गुना अधिक राशि (एक हजार 814 करोड़ रुपए) के प्रस्तावों को स्वीकृति दी है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को धन्यवाद दिया है।
लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि केंद्रीय सड़क अधोसंरचना निधि के तहत केंद्र सरकार को 4 हजार 80 करोड़ रुपए के प्रस्ताव भेजे गए थे। इसमें से एक हजार 814 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है। अभी तक प्रदेश को 500-600 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिला करती थी। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से इंदौर प्रवास के दौरान 16 सितंबर 2021 को परियोजनाओं को स्वीकृत करने का अनुरोध किया था। विभाग की ओर से प्रस्तुतिकरण भी दिया गया था। इसके आधार पर सड़क निर्माण के 23 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है। इसमें सागर के नरयावली विकासखंड में राष्ट्रीय राजमार्ग के एक हिस्से का निर्माण कार्य भी शामिल है। सड़क निर्माण के लिए पूरी राशि केंद्र सरकार देगी और राज्य सरकार को भूमि अधिग्रहण के लिए राशि व्यय करनी होगी।
मप्र में जिन परियोजना को स्वीकृति दी गई है, उनमें चांदपुर-छिरारई बलेह-धनगौर-बांसा काला मार्ग, शाहपुर-दरारिया-चनोआ-जामघाट-पाटर-रानगिर मार्ग, बही-बालागुड़ा-कंगहट्टी उग्राम मार्ग, समनापुर-बजाग मार्ग, मऊ जोड़ से गुलावता-धामंदा-खुजनेर मार्ग, बरोठा-सेमलिया-चउ मार्ग, कुंडम-निवास मार्ग, कलवाना नहर से प्रतापपुर बरधा मार्ग, चिनौर-करहिया और करहिया से भितरवार मार्ग, चिटोली से रानीघाटी मार्ग, डबरा-पिछोर सड़क से कटारे बाबा की मड़ी से सरनागत बडेरा मार्ग, देवतालाब से नईगढ़ी मुख्य जिला मार्ग, भादवामाता-सरवानिया महाराज-जावरा थाना-धानी-सरोदा-चंदोल मार्ग, बंडोल-बंकी-सागर-चंदोरीमरगोदी-जमकनरगाव-कोहका मार्ग, जवासियापंथ-फतेहाबाद से चंद्रवटीगंज मार्ग, ब्योहारी-माडल गांव- न्यू सपटा मार्ग, स्वर्णरेखा नाला ग्वालियर आइआइटीएम से महारानी लक्ष्मीबाई प्रतिमा मार्ग, बैरागढ़ एलिवेटेड कारिडोर, भोपाल, बकतरा-भारकच्छ सड़क से देहरी बम्होरी-सोमलवाड़ा-नांदेर-खैरी सिलेगाना-जौनतला-जैत-सरदारनगर-हथनौरा-संदानिया बनेटा से शाहगंज मार्ग, बकतरा-सागपुर-रिछोड़ा-खोहा-क्वाड़ा-सत्रहमऊ-बोदरा-ग्वादिया-नीमटोन-डुंगारिया मार्ग, रीवा शहर में सिरमौर चौराहे में बने फ्लाई ओवर के तीसरे पिलर का निर्माण, पन्ना पहाड़ी खेड़ा मार्ग आदि शामिल हैं।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बार-बार ग्वालियर की एलिवेटेड रोड को सीआरआईएफ योजना के तहत शामिल करने के लिए बार-बार पत्र लिखते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने 21 सितंबर को नितिन गडकरी को पत्र लिखकर इन महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण को स्वीकृति देने का अनुरोध किया था। इसमें ग्वालियर, अशोकनगर, शिवपुरी और गुना जिले की सड़क निर्माण की मांग की गई थी। केंद्रीय सड़क निधि योजना के तहत इन सड़क निर्माण कार्यों को स्वीकृति देने का अनुरोध सिंधिया ने किया था। लगभग 600 किमी लंबाई की यह सड़कें उनके द्वारा ही प्रस्तावित की गई थीं। जिसमें ग्वालियर-चंबल की सड़कें ज्यादा थीं।
उधर, राजधानी भोपाल के उपनगर बैरागढ़ में 234 करोड़ रुपए का एलिवेटेड रोड को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है। इसका निर्माण केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय की सीआरआईएफ स्कीम में होगा। गत दिनों केंद्र सरकार ने प्रदेश की विभिन्न सड़कों के लिए 1814 करोड़ की राशि स्वीकृत की। इसमें संतनगर में लाउखेड़ी से सीहोर नाले तक एलिवेटेड रोड भी शामिल है। इसके निर्माण से यातायात सुगह होने के साथ व्यापारियों को जाम की समस्या से निजात मिलेगी। विधायक रामेश्वर शर्मा ने 5 साल पहले यानी साल 2017 में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा था। विधायक ने बैरागढ़ (संत हिरदाराम नगर) की लोकेलिटी और दो लाख की आबादी और व्यापारिक गतिविधियों का हवाला देते हुए एलिवेटेड रोड बनाने का आग्रह किया था।
बुदनी के खेत में मेडिकल कॉलेज
प्रदेश में किस तरह विकास हो रहा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सरकार बुदनी में मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी कर रही है। इसके लिए पहले अस्पताल, फिर नर्सिंग, फिर फार्मेसी और उसके बाद मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा। जबकि प्रदेश के कई बड़े जिले ऐसे हैं, जहां पर मेडिकल कॉलेज खोले जाने की आवश्यकता है, लेकिन बुदनी मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र है, इसलिए उस क्षेत्र पर अधिक मेहरबानी दिखाई जा रही है।
- नवीन रघुवंशी