06-Jan-2021 12:00 AM
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मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यानी मामा अपनी चौथी पारी में अन्य तीन पारियों की अपेक्षा अधिक 'फारम' (फॉर्म) में नजर आ रहे हैं। मामा की 'फारम' देखकर हर कोई भौचक्का है। मामा माफिया, अपराधियों, तस्करों और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ जिस तरह आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं, उससे प्रदेशभर में हलचल मची हुई है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के नौकरशाह हैरान-परेशान हैं। क्योंकि माफिया, अपराधियों, तस्करों और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई में थोड़ी भी कोताही मिलने पर मामा नौकरशाहों को टारगेट कर रहे हैं। मामा के 'फारम' ने अफसरों की लाइन लेंथ बिगाड़ दी है। अफसर जिस भी लेंथ पर बॉल डाल रहे हैं, मामा छक्के उड़ा रहे हैं। उस पर मामा यह कहकर अफसरों की खिल्ली उड़ा रहे हैं कि मैं जब भी अफसरों को फटकार लगाता हंू, पब्लिक हंसती है।
उधर, प्रदेश की प्रशासनिक वीथिका में कई अफसर यह दावा कर रहे हैं कि मामा नौकरशाहों के खिलाफ कितना भी दहाड़ें, लेकिन उनका कार्यकाल अफसरों के लिए स्वर्णकाल रहता है। दरअसल, मामा के शासनकाल में नई-नई योजनाओं का आगाज होता है। योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए पैसा पानी की तरह बहाया जाता है। इस बहाव में अफसर कई बाल्टी पानी अपने लिए भर लेते हैं। हींग लगे न फिटकरी, रंग चोखा हो जाता है। इसलिए अगर मामा अफसरों को मंच से फटकारते भी हैं तो अफसर बुरा नहीं मानते, क्योंकि मामा के आशीर्वाद से लक्ष्मीजी की कृपा उन पर बरसती रहती है।