07-Jan-2021 12:00 AM
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विशेष गढ़पाले के नेतृत्व में आरआर आईएएस अफसर लामबंद होकर यह मांग कर रहे हैं कि हम मप्र के मूल निवासी हैं और इसी कैडर में नौकरशाह बने हुए हैं। हमें हमेशा दरकिनार कर दूसरे प्रदेशों के अफसरों को मलाईदार जगहों पर पोस्टिंग दे दी जाती है। हम लूप लाइन में क्यों होते हैं। इसको लेकर पूरी टीम के साथ मप्र के मूल निवासी सीनियर अफसरों से संपर्क किया जा रहा है। कईयों ने अच्छे विचार की बात कही है। तो वहीं 1990 बैच के अफसर ने खूब डांट-फटकार लगाकर यह कहा कि हम तो अखिल भारतीय सेवा के अफसर हैं। किसी राज्य से मतलब नहीं होता है। और यह क्या मांग कर रहे हो। जो अधिकारी कॉम्पिटेंट होता है, उसे अच्छी पोस्टिंग मिलती है। पर टीम इंडिया के कप्तान की मंशा को वह अफसर समझ नहीं पाए। भैया ये तो माना कि पोस्टिंग योग्यता के आधार पर होती है, पर कहीं न कहीं राजनीतिक और अफसरों के मुखिया के करीब भी होना होता है। हमें यह समझ नहीं आया कि अफसरों के मुखिया हमें दरकिनार कर दूसरे राज्यों के अफसरों को नवाजे जा रहे हैं। इससे साफ नजर आ रहा है कि हमारे साथ भेदभाव हो रहा है। सब सरस्वती और लक्ष्मी की माया है। परंतु इस टीम में प्रमोटी आईएएस अफसरों को शामिल नहीं किया है। आखिर क्या कारण है। मंशा तो आप समझ ही गए हो।