21-Aug-2020 12:00 AM
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राज्यसभा सदस्य एवं वरिष्ठ भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की आने वाले दिनों में ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस के लिए किस तरह की चुनौती होगी, इसे लेकर अभी कांग्रेस नेता पूरी तरह मुखर नहीं हैं। जिन कांग्रेस नेताओं ने अब तक सिंधिया के साथ काम किया था और अब भले ही वे कांग्रेस में रहकर उनके विरोधी हैं, किंतु फिर भी वह उनके खिलाफ सीधे तौर पर खुलकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया 17 अगस्त को मालवा के दौरे पर आ रहे हैं। फोकस मालवा की उन 7 सीटों पर है, जहां अब उपचुनाव होने हैं। इसमें भी सांवेर सीट अहम है, जहां से उनके खासमखास तुलसीराम सिलावट दल बदलने के बाद अब भाजपा के संभावित उम्मीदवार हैं। सिंधिया का इंदौर और उज्जैन के एक दिन के तूफानी दौरे में यहां पार्टी के सभी धुरंधर और धाकड़ नेताओं से मिलने का कार्यक्रम है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया 17 अगस्त को इंदौर-उज्जैन के दौरे पर आ रहे हैं। मध्यप्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को देखते हुए सिंधिया का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है। अपने प्रवास के दौरान वह इंदौर और उज्जैन में कई भाजपा नेताओं से उनके घर जाकर मुलाकात करेंगे। इंदौर में सुमित्रा महाजन यानी ताई और कैलाश विजयवर्गीय यानी भाई के घर जाने का भी प्रोग्राम है। इसके अलावा वह इंदौर में तीसरी ताकत बने सांसद शंकर लालवानी यानी साईं के घर भी जाएंगे। मालवा की 7 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में इन तीनों नेताओं की अहम भूमिका होगी। यानी भाजपा को ताई-भाई और साईं को साधने के अलावा इनको एकसाथ रखना भी जरूरी है, जिससे आने वाले उपचुनाव में एक सही मैसेज जनता में जाए।
तय कार्यक्रम के मुताबिक, सिंधिया 17 अगस्त को सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर दिल्ली से उड़ान भरकर दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर इंदौर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां से वह सीधे महू से भाजपा विधायक और पर्यटन और आध्यात्म मंत्री ऊषा ठाकुर के घर जाकर उनसे मुलाकात करेंगे। इसके बाद वह सड़क मार्ग से उज्जैन जाएंगे। उज्जैन में भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया से उनके घर जाकर मिलेंगे। इसके बाद सिंधिया उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के घर जाएंगे। अपने उज्जैन प्रवास के दौरान सिंधिया भाजपा विधायक पारस जैन और शिवा कोटवाणी से भी उनके घर पर मुलाकात करेंगे। दिन का आखिरी कार्यक्रम महाकाल की सवारी का रहेगा। सिंधिया शाम को रामघाट पर महाकाल की शाही सवारी का पूजन करने के बाद इंदौर लौट आएंगे।
इंदौर में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया का व्यस्त कार्यक्रम रहेगा। वह भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और सांवेर के प्रभारी इंदौर-2 से विधायक रमेश मेंदोला के घर जाकर उनसे मिलेंगे। सांवेर में उनकी ज्यादा जरूरत है। सिंधिया अपने दौरे के दौरान मालवा की राजनीति के सारे धुरंधरों और धुरी से मिलेंगे। उनका पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और वर्तमान इंदौर सांसद शंकर लालवानी से मुलाकात का भी कार्यक्रम है। उसके बाद रात में होटल मैरियट में भी उनकी कई लोगों से मुलाकात रखी गई है। होटल में रात रुकने के बाद वो अगले दिन 18 अगस्त को सुबह दिल्ली लौट जाएंगे।
इंदौर जिले की सांवेर सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे खास सिपहसालार मंत्री तुलसीराम सिलावट भाजपा के संभावित उम्मीदवार हैं। यही कारण है कि सांवेर चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाले नेताओं से वे सीधे संपर्क में हैं। सिंधिया खुद सभी नेताओं को फोन लगा रहे हैं और बोल रहे हैं कि तुलसी आपको सौंप दिया है, उनकी मदद करें। चुनाव संचालन से जुड़े नेताओं की सूची के क्रम से सभी को दिल्ली से फोन आ रहे हैं। सिंधिया बोल रहे हैं कि चुनाव में तुलसी भाई को अब आपको सौंप दिया है चुनाव में उनकी पूरी मदद करना है। कोई भी बात हो तो आप बेझिझक मुझसे संपर्क कर सकते हैं। आप मुझसे बात करेंगे तो अच्छा लगेगा।
उल्लेखनीय है कि सिंधिया के भाजपा में चले जाने के बाद तमाम कांग्रेस नेता ऐसे हैं, जो अभी कांग्रेस में ही हैं। वे सिंधिया के साथ नहीं गए हैं। विरोधी दल में रहकर यह लोग सीधे तौर पर सिंधिया की खिलाफत करने में बच रहे हैं। जबकि पहले से ही सिंधिया विरोधी खेमे के माने जाने वाले वरिष्ठ नेता डॉ. गोविंद सिंह सहित कुछ गिने-चुने नेता ही ऐसे हैं, जो आज भी खुलकर उनके खिलाफ बयान देने में नहीं कतरा रहे। इसी तरह वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी केके मिश्रा भी उपचुनाव को लेकर पिछले डेढ़ माह से ग्वालियर में ही हैं। उन्होंने इतने दिनों में ही सिंधिया के खिलाफ जमकर मोर्चा खोल लिया है। जमीन का मामला हो या फिर अशोकनगर में 50 लाख रुपए लेने के ऑडियो वायरल होने का, उसे लेकर उन्होंने पुलिस महानिरीक्षक को ज्ञापन भी दिया है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि वे उपचुनाव के दौरान सिंधिया के कई कारनामों का भंडाफोड़ करेंगे।
इधर सिंधिया पिछले लगभग चार माह से ग्वालियर नहीं आए हैं। प्रदेश के कांग्रेस प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने तो उनके लापता होने के पोस्टर भी चिपकवा दिए थे। जिस पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उनके प्रस्तावित दौरा कार्यक्रम भी बने, किंतु वह बार-बार स्थगित हो गए।
जनता देगी चुनौती
सिंधिया की आने वाले विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को चुनौती को लेकर जब उनसे जुड़े रहे कांग्रेस नेताओं से चर्चा की गई तो सीधे तौर पर किसी ने उनकी खिलाफत में कुछ नहीं कहा। प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत सिर्फ यही बोले कि चुनौती हम नहीं जनता देगी। वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिला अध्यक्ष चंद्रमोहन नागोरी ने कहा कि चुनौती किस बात की, देखते जाइए परिणाम बताएंगे। उन्होंने कहा कि जिनका कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास नहीं हैं, उनके जाने से कांग्रेस पूरी तरह पवित्र हो रही है। हम भले ही कम हो जाएंगे, लेकिन मजबूती के साथ डटे तो हैं। असली का हमेशा मान-सम्मान होता है, ऐसे लोग चले जाएं उसमें ही भलाई है। वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री रश्मि पवार शर्मा का कहना है कि अभी तो सिंधिया ग्वालियर आए ही नहीं हैं, इसलिए उनकी चुनौती की बात क्या करें। जब यहां आएंगे, तब देखेंगे। उन्होंने कहा कि हम सब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के साथ हैं। जितने लोग सिंधिया के साथ गए हैं, वह मौका परस्त हैं। प्रद्युम्न, मुन्ना और इमरती ने अपनी पार्टी ही बदल डाली तो इनके बारे में क्या कहें।
- रजनीकांत पारे