क्या शापित है विधानसभा?
18-Feb-2020 12:00 AM 1242

40दिन के अंतराल में मध्य प्रदेश के दो विधायकों का निधन हो गया है। 21 दिसंबर 2019 को मुरैना जिले के जौरा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा की मौत हुई थी। 30 जनवरी को आगर-मालवा से भाजपा विधायक मनोहर ऊंटवाल का भी असमय निधन हो गया। प्रदेश में बीते 15 साल में 33 विधायकों का निधन हो चुका है। बीते 3 विधानसभा कार्यकाल में एक साल भी ऐसा नहीं रहा जब सदन में विधायकों की संख्या पूरी रही हो। 230 सदस्यीय विधानसभा में 2 विधायकों की मौत के बाद सदस्य संख्या 228 हो गई है। 40 दिन में दो विधायकों की मौत के बाद एक बार फिर विधानसभा में वास्तुदोष की चर्चा शुरू हो गई है।

हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधायक बनवारी लाल शर्मा को श्रद्धांजलि देने के दौरान विधानसभा में वास्तुदोष पर चर्चा हुई थी। बनवारी लाल शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा था कि हर विधानसभा में सदस्यों के निधन होने की संख्या आठ-दस तक पहुंच जाती है। तत्कालीन विधानसभा अध्यक्षों श्रीनिवास तिवारी और ईश्वरदास रोहणी तथा अन्य ने भी इस संबंध में चिंता की थी। इस भवन में कई अनुष्ठान भी किए गए, जिन्हें कई लोगों ने माना। कई लोगों ने इसकी हंसी भी उड़ाई।

दरअसल, जबसे नई विधानसभा शुरू हुई है तभी से कुछ ना कुछ अनहोनी हो रही है। इसके शुभारंभ के कुछ दिन बाद ही इसके मुख्य दरवाजे की छत का प्लास्टर गिर गया था।  दिग्विजय सिंह सरकार के कार्यकाल के दौरान 10 साल विधानसभा अध्यक्ष रहे कांग्रेस नेता श्रीनिवास तिवारी और भाजपा सरकार के कार्यकाल में अध्यक्ष रहे ईश्वरदास रोहाणी के कार्यकाल में जब विधायकों की असमय मौत हुई थी तब भी विधानसभा में वास्तुदोष का मुद्दा सदन और सदन के बाहर काफी गर्माया था। श्रीनिवास तिवारी ने वास्तु विशेषज्ञों की सलाह पर विधानसभा में अनुष्ठान भी कराया था और विधानसभा की बैठक व्यवस्था में कुछ परिवर्तन भी कराए थे। विधानसभा भवन को विख्यात आर्किटेक्ट चाल्र्स कोरिया ने डिजाइन किया था। इस भवन को उत्कृष्ट वास्तु के लिए विख्यात आगा खां अवॉर्ड भी मिल चुका है। इसके पहले 1956 से अगस्त 1996 तक विधानसभा का संचालन मिंटो हॉल में होता रहा। मिंटो हॉल के बाद अगस्त 1996 में विधानसभा नए भवन में शिफ्ट हुई थी। विधानसभा भवन का उद्घाटन 1996 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल शर्मा ने किया था। इस भवन में विधानसभा आने के तत्काल बाद तत्कालीन वन एवं परिवहन मंत्री लिखीराम कांवरे की नक्सलियों ने गला रेंतकर हत्या कर दी थी।

भोपाल के ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद पंडित धर्मेंद्र शास्त्री ने विधानसभा भवन के कुछ वास्तुदोष पर अध्ययन कर इसके तीन कारण बताए हैं। विधानसभा भवन का गोलाकार चारों कोने कटे हुए है और नाभि स्थल ब्रह्म स्थान सबसे नीचा है इस कारण उसके सदस्यों की हानि होती है। दक्षिण-पश्चिम दिशा के द्वार से आने वाली सड़क में भी वास्तुदोष है। भवन के पास में स्थित छोटा तालाब भी वास्तुदोष का कारण है। पंडित धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार विधानसभा भवन के अंदर चारों कोणों को ठीक करवाने का काम किया जाए। चारों कोणों में दर्पण लगवाकर वास्तुदोष समाप्त किया जा सकता है। विधानसभा भवन की चारों दिशाओं में अभिमंत्रित वास्तुदोष निवारक यंत्र विधि-विधान से स्थापित करवाकर भी वास्तुदोष समाप्त किया जा सकता है। विधानसभा भवन में वास्तु मंत्र के पांच लाख जाप करवाकर विधिवत वास्तुदोष शांति पूजा अनुष्ठान करवाने से वास्तुदोष निवारण होगा।

अब तक 33...

नई विधानसभा में जबसे विधानसभा सत्र आयोजित किए जा रहे हैं तबसे लेकर अभी तक 33 विधायकों का निधन हो चुका है। कोई इसे विधानसभा का वास्तु दोष मान रहा है, तो कोई विधायकों के निधन को स्वभाविक मान रहा है। लेकिन 11वीं विधानसभा से लेकर 15वीं विधानसभा तक विधायकों का लगातार हो रहा निधन वाकई चिंता का विषय है। हालांकि प्रदेश के अधिकांश विधायक विधानसभा में वास्तु दोष की बात नहीं मानते। गौरतलब है कि वास्तु दोष के कारण विधानसभा में विधायकों के प्रवेश की व्यवस्था भी बदल दी गई है। फिर भी विधायकों के निधन का सिलसिला थमा नहीं है।

15वीं विधानसभा में

2020- आगर-मालवा विधायक मनोहर ऊंटवाल

2019- जौरा विधायक बनवारी लाल शर्मा

14वीं विधानसभा में

2014- बहोरीबंद विधायक - प्रभात पांडेय

2015- गरोठ विधायक - राजेश यादव 

2015 - देवास विधायक - तुकोजी पवार

2016 - घोड़ाडोंगरी विधायक - सज्जन सिंह उइके

2016- नेपानगर विधायक - राजेंद्र श्यामलाल

2016- अटेर विधायक - सत्यदेव कटारे

2017- चित्रकूट विधायक - प्रेम सिंह

2017- मुंगावली विधायक - महेंद्र सिंह कालूखेड़ा

2017- कोलारस विधायक - रामसिंह यादव

13वीं विधानसभा

2009- गोहद विधायक - माखनलाल जाटव

2010- कुक्षी विधायक - जमुनादेवी 

2011- जबेरा विधायक - रत्नेश  सॉलोमन

2013- नीमच विधायक - खुमान सिंह शिवाजी

2013- केवलारी विधायक - हरवंश सिंह

2013- जबलपुर विधायक - ईश्वरदास रोहाणी

12वीं विधानसभा

2006- पंधाना विधायक - किशोरीलाल वर्मा

2007- लांजी विधायक - दिलीप भटेरे

2007- सांवेर विधायक - प्रकाश सोनकर

2008- सारंगपुर विधायक - अमर सिंह कोठार

2008- ब्यौहारी विधायक - लवकेश सिंह

2008- इंदौर विधायक - लक्ष्मण सिंह गौड़

2008- जतारा विधायक - सुनील नायक

11वीं विधानसभा

1999- जबलपुर विधायक - ओंकार प्रसाद तिवारी

1999- सोहागपुर विधायक - कृष्णपाल सिंह

1999- मनावर विधायक - दरियाव सिंह सोलंकी

1999- अलीराजपुर विधायक- मगन सिंह पटेल

1999- किरनापुर विधायक - लिखीराम कावरे

1999- गुना विधायक - शिवप्रताप सिंह

2000- लखनादौन विधायक - रणधीर सिंह

2003- भीकनगांव विधायक - लालसिंह पटेल

2003- अलीराजपुर विधायक - वेस्ता पटेल

- सिद्धार्थ पांडे

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