किसानों के साथ ठगी
04-Jun-2020 12:00 AM 290

 

मप्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों को संपन्न बनाने के संकल्प के साथ काम कर रहे हैं, लेकिन अधिकारियों और सहकारी समितियों की मिलीभगत से किसानों के साथ ठगी की जा रही है। खरीदी केंद्रों पर गेहूं बेचने गए किसानों से प्रति क्विंटल पर 700 ग्राम से अधिक गेहूं तुलवाकर उन्हें करोड़ों रुपए की चपत लगाई गई है।

प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी जारी है। गेहूं का एक-एक दाना सहेजकर बेचने के लिए वेयर हाउस और उपार्जन केंद्रों पर ले जा रहे किसानों के साथ तौल में गड़बड़ी कर बड़ी ठगी की जा रही है। अधिकतर वेयर हाउसों और उपार्जन केंद्रों पर किसानों से गेहूं की प्रति क्विंटल 700 ग्राम से लेकर 5 किलो तक ज्यादा तुलाई की जा रही है। ऐसा गेहूं खरीदी के लिए उपयोग किए जा रहे बारदाने के वजन और गेहूं में नमी के बराबर गेहूं की तुलाई के नाम पर किया जा रहा है। वेयर हाउस संचालक, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर इस कारनामे को अंजाम दे रहे हैं। इससे किसानों को करोड़ों रुपए की चपत लग रही है।

मप्र में एक तरफ गेहूं खरीदी का रिकार्ड बना है, वहीं दूसरी तरफ खरीदी केंद्रों पर किसानों के साथ अत्याचार और शोषण हो रहा है। दूर-दराज की बात तो छोड़िए, राजधानी भोपाल के खरीदी केंद्रों पर भी किसानों से ठगी की जा रही है। जिले के गेहूं उपार्जन केंद्र ग्राम धमर्रा के खरीदी केंद्र पर वहां के सहायक प्रबंधक लालता प्रसाद विश्कर्मा के खिलाफ गेहूं खरीदी में भ्रष्टाचार करने पर एफआईआर दर्ज हुई है। आरोप है कि वहां का सहायक प्रबंधक तुलाई के बाद हर किसान से पांच किलो अतिरिक्त गेहूं लिया करता था। अवैध गेहूं को जब्त कर आरोपी सहायक प्रबंधक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया गया है। गुनगा थाने के प्रभारी सुनील भदौरिया के अनुसार ग्राम धमर्रा में गेहूं उपार्जन केंद्र है। वहां के सहायक प्रबंधक लालता प्रसाद विश्कर्मा हैं। उनके खिलाफ लगातार शिकायतें पहुंच रही थीं। शितान्शु धुर्वे सहायक निरिक्षक खाद्य आपूर्ति निगम टीम के साथ धमर्रा उपार्जन केंद्र में आए थे। वहां उन्होंने छापेमार कार्रवाई कर 14 क्विंटल अवैध रूप से रखा गेहूं जब्त किया था। जिसका कोई हिसाब उपार्जन केंद्र में मौजूद स्टॉफ नहीं दे सका था। केंद्र में भ्रष्टाचार की शिकायत उन्हें एक किसान द्वारा पूर्व में की गई थी। अवैध गेहूं को जब्त कर शितान्शु की शिकायत पर आरोपी लालता प्रसाद के खिलाफ शासकीय माल में आमानत में खयानत का प्रकरण दर्ज किया गया है। आरोपी की तलाश की जा रही है।

वहीं विदिशा जिले में 50 किलो की बोरी पर 250 से 350 ग्राम ज्यादा गेहूं की तुलाई की जा रही है। जूट की बोरी का वजन 500 ग्राम होता है, लेकिन उपार्जन केंद्रों पर प्रति बोरी 50 किलो 850 ग्राम तक तुलाई हो रही है। प्रति 50 किलोग्राम गेहूं की तुलाई पर किसानों से 350 ग्राम अतिरिक्त गेहूं तौला जा रहा है। ऐसे ही प्लास्टिक की बोरी का वजन करीब 100 ग्राम होता है, लेकिन वेयर हाउस केंद्रों पर किसानों से 50 किलो 350 ग्राम तक ज्यादा गेहूं तौला जा रहा है। इस तरह प्रति 50 किलोग्राम गेहूं की तुलाई पर किसानों से 250 ग्राम अतिरिक्त गेहूं तौला जा रहा है। चूंकि सरकार लाखों मीट्रिक टन गेहूं खरीद रही है, इसलिए किसानों को लाखों क्विंटल की चपत लगाई जा रही है। इसी तरह की शिकायतें रीवा, सतना, सिंगरौली, सीधी, होशंगाबाद, रायसेन, सीहोर, जबलपुर, नरसिंहपुर, नरसिंहगढ़, राजगढ़ के खरीदी केंद्रों से भी आ रही हैं कि वहां किसानों से प्रति क्विंटल 700 ग्राम से लेकर 1 किलो तक अधिक गेहूं तौलाया जा रहा है। कृषि मंत्री कमल पटेल कहते हैं कि एक-दो शिकायतें मिलने के बाद हमने अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की है।

प्रदेश में गेहूं की रिकॉर्ड खरीदी रखने की जगह नहीं

पूरे प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं की रिकॉर्ड खरीदी हुई है। प्रदेश सरकार ने 100 लाख टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य रखा गया था। इसके मुकाबले 116 लाख टन गेहूं की खरीदी हो चुकी है। लक्ष्य से ज्यादा खरीदी होने से अब गेहूं के भंडारण की समस्या आ गई है क्योंकि सरकार ने लक्ष्य के हिसाब से गेहूं भंडारण की व्यवस्था कर रखी थी। जबकि लक्ष्य से ज्यादा खरीदी हो गई है। ऐसे में भंडारण के लिए गेहूं अब राजस्थान भेजा जा रहा है।  इधर रिकॉर्ड खरीदी को देखते हुए राज्य सरकार ने गोदामों में कैपेसिटी से 25 फीसदी ज्यादा गेहूं भंडारण के आदेश दिए हैं। यानी जिन गोदामों की कैपेसिटी 5000 टन है। उन गोदामों में अब 6000 टन गेहूं का भंडारण किया जा रहा है। पिछले साल यह स्थिति थी कि इस समय तक गेहूं की खरीदी 74 लाख मीट्रिक टन ही हुई थी। इससे 5000 टन की क्षमता के गोदामों में महज 2500 से 3000 टन गेहूं का भंडारण किया था। इस साल गोदामों में दोगुना गेहूं का भंडारण किया जा रहा है।

- सुनील सिंह

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