बसपा बिगाड़ेगी गणित
04-Jun-2020 12:00 AM 539

 

प्रदेश में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बसपा ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर मुकाबले को रोचक बना दिया है। वैसे तो मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होगा, लेकिन बसपा चुनावी गणित बिगाड़ेगी। 2018 के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों को देखें तो उपचुनाव में बसपा 8 सीटों पर जीत-हार में प्रभावी भूमिका निभाएगी। गौरतलब है कि जिन 24 सीटों पर उपचुनाव होना है 2018 में उनमें से 23 पर कांग्रेस के उम्मीदवार जीते थे। इन 23 सीटों में से 8 पर जीत-हार के अंतर से अधिक बसपा को वोट मिले थे। यानि इन सीटों पर भाजपा की हार बसपा के कारण हुई थी। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि इन सीटों पर उपचुनाव में बसपा जीत का गणित बिगाड़ सकती है।

मप्र बसपा अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल ने बताया कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के आदेशानुसार मध्यप्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा उपचुनाव में बसपा सभी 24 सीटों पर अकेले अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी और किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि इन 24 सीटों में से हम ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की 16 सीटों पर पूरे दमखम से लड़ेंगे। इस संभाग की मुरैना, भिंड, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी एवं अशोकनगर जिलों की करीब 13 सीटों पर पहले हमारे विधायक रह चुके हैं। पिप्पल ने बताया कि बाकी 8 सीटों पर भी हमारे प्रत्याशी खड़े होंगे और उन सीटों पर पार्टी की स्थिति को बेहतर करेंगे। उन्होंने कहा कि उपचुनाव के लिए हमारी तैयारी जमीनी स्तर पर चल रही है। हालांकि, कोरोना वायरस की महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते हमारी तैयारी थोड़ी धीमी हुई है। पिप्पल ने बताया, किसानों की कर्जमाफी एवं बेरोजगारी हमारे प्रमुख मुद्दे होंगे। इसके अलावा, हम अनुसूचित जाति एवं जनजाति के मुद्दे भी उठाएंगे। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह में दावेदारी आवेदन फॉर्म लिए जाएंगे। उसके बाद पैनल सूची मायावती को भेजी जाएगी। पिप्पल ने बताया कि बसपा के सभी कार्यकर्ता दिन-रात संगठन को मजबूत करने में लगे हुए हैं और पूरी तैयारी से चुनावी मैदान में उतरेगी।

2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने जिन सीटों पर जीत के अंतर से अधिक वोट पाया था वे हैं जौरा, सुमावली, मुरैना, अंबाह, करैरा, पोहरी, मुंगावली, सुवासरा। इन्हीं सीटों पर अपने प्रभाव के कारण बसपा ने उपचुनाव में ताल ठोकने की घोषणा की। अगर पूर्व के चुनाव परिणामों को देखें तो बसपा का 6 सीटों पर अधिक प्रभाव है। ये सीटें हैं जौरा, सुमावली, मुरैना, अंबाह, करैरा और पोहरी। इनमें से 2018 के चुनाव में बसपा जौरा और पोहरी में दूसरे स्थान पर रहीं।

दरअसल वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने दो सीटें जीती थीं। दमोह के पथरिया सीट पर पार्टी की उम्मीदवार रामबाई ने जीत हासिल की थी। हालांकि बाद में पार्टी विरोधी बयानबाजी के चलते उन्हें निलंबित करने की कार्रवाई की गई। वहीं भिंड से संजीव सिंह कुशवाह जीत हासिल कर विधायक बन गए थे। बसपा ने 2018 के चुनाव के बाद कांग्रेस को बाहर से समर्थन देकर राज्य में कमलनाथ सरकार बनवाने में मदद की थी। इसके अलावा कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने पर हुए उपचुनाव में बसपा में अपना उम्मीदवार नहीं खड़ा करने का फैसला किया था। लेकिन अब बदले सियासी घटनाक्रम के बीच बसपा ने सभी 24 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने की तैयारी कर ली है। बसपा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। पार्टी ने भले ही 2 सीटों पर जीत हासिल की हो। लेकिन कई सीटों पर वो दूसरे या तीसरे नंबर पर रही थी। इसके अलावा बसपा ने कई सीटों पर भाजपा और कांग्रेस का सियासी गणित बिगाड़ने का भी काम किया था।

ग्वालियर-चंबल में है ज्यादा प्रभाव

राज्य के ग्वालियर-चंबल इलाके में बसपा का खासा दबदबा है। पार्टी यहां कई बार विधानसभा चुनावों में प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियों- भाजपा और कांग्रेस के लिए सिरदर्द साबित हो चुकी है। ऐसे में अब होने वाले उपचुनाव में ग्वालियर चंबल की 16 सीटों पर बसपा का बड़ा रोल होगा। वहीं राजनीतिक जानकारों के मुताबिक बसपा यदि सभी 24 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारती है तो इसका नुकसान कांग्रेस को ज्यादा हो सकता है। बसपा के उपचुनाव में उतरने के ऐलान के बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि बसपा का चुनाव लड़ने का फैसला, उनकी पार्टी का फैसला है। लेकिन यदि बसपा चुनाव मैदान में उतरती है तो सबको पता है कि हाथी की चाल में कौन रौंदा जाएगा।

24 सीटों पर बसपा की स्थिति (2018 में)

विधानसभा सीट     जीत का अंतर          बसपा

जौरा        15173      41,014 (दूसरे स्थान पर )

आगर       2490        1978 (पांचवा स्थान)

ग्वालियर 21044      4596 (तीसरा स्थान)

डबरा       57446      13155 (तीसरा स्थान)

बमौरी      27920      13155 (चौथा स्थान)

सुरखी     21418      चुनाव नहीं लड़ा

सांची       10813      1029 (पांचवा स्थान)

सांवेर       2945        2844 (तीसरा स्थान)

सुमावली 9313        31331 (तीसरा स्थान)

मुरैना       20849      21149 (तीसरा स्थान)

दिमनी     18447      14456 (तीसरा स्थान)

अंबाह       7547        22179 ( चौथा स्थान)

मेहगांव    25814      7597 (चौथा स्थान)

गौहद       23989      15438 (तीसरा स्थान)

ग्वालियर पूर्व           17819      5446 (तीसरा स्थान)

भांडेर       39896      2642 (तीसरा स्थान)

करैरा       14824      40026 (तीसरा स्थान)

पोहरी       7918        52736 (दूसरा स्थान)

अशोकनगर            9730        9559 (तीसरा स्थान)

मुंगावली                 2136        14202 (तीसरा स्थान)

अनुपपूर   11561      चुनाव नहीं लड़ा

हाटपिपल्या              13519      2347 (तीसरा स्थान)

बदनावर  41506      2099 (छठवां  स्थान)

सुवासरा  350          1688 (छठवां स्थान)

- श्याम सिंह सिकरवार

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