प्रदेश के 16 नगर निगमों के महापौर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया गया है। मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। दोनों पार्टियों में जीत का लगभग एक ही फार्मूला है, जिसने टिकट दिलवाया है, वही प्रत्याशी को जिताएगा। कांग्रेस ने सबसे पहले अपने 15 महापौर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी। उसके बाद भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा की। दोनों पार्टियों के महापौर प्रत्याशी सक्रिय हो गए हैं। भोपाल ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। यहां भाजपा ने मालती राय और कांग्रेस ने विभा पटेल को टिकट दिया है। वहीं इंदौर (अनारक्षित) से भाजपा ने पुष्यमित्र भार्गव कांग्रेस ने संजय शुक्ला, जबलपुर (अनारक्षित) से भाजपा ने डॉ. जितेंद्र जामदार कांग्रेस ने जगत बहादुर सिंह अन्नू, ग्वालियर (अनारक्षित महिला) से भाजपा ने सुमन शर्मा तो कांग्रेस ने शोभा सिकरवार को मैदान में उतारा है। वहीं उज्जैन (एससी) भाजपा ने मुकेश टटवाल, कांग्रेस ने महेश परमार, सागर (अनारक्षित महिला) से भाजपा ने संगीता सुशील तिवारी तो कांग्रेस ने निधि जैन, रीवा (अनारक्षित) से भाजपा ने प्रबोध व्यास तो कांग्रेस ने अजय मिश्रा, मुरैना (एससी महिला) से भाजपा ने मीना जाटव कांग्रेस ने शारदा सोलंकी, सतना (ओबीसी) से भाजपा ने योगेश ताम्रकार तो कांग्रेस ने सिद्धार्थ कुशवाहा, कटनी (अनारक्षित महिला) से भाजपा ने ज्योति दीक्षित तो कांग्रेस ने श्रेया खंडेलवाल, सिंगरौली (अनारक्षित) से भाजपा ने चंद्रप्रकाश विश्वकर्मा, कांग्रेस ने अरविंद सिंह चंदेल, रतलाम (ओबीसी) से भाजपा ने प्रहलाद पटेल को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशी तय नहीं किया है। वहीं खंडवा (ओबीसी महिला) से भाजपा ने अमृता यादव कांग्रेस ने आशा मिश्रा को, बुरहानपुर (अनारक्षित महिला) से भाजपा ने माधुरी पटेल कांग्रेस ने शहनाज अंसारी, छिंदवाड़ा (एसटी) से भाजपा ने अनंत धुर्वे कांग्रेस ने विक्रम अहाके और देवास (अनारक्षित महिला) से भाजपा ने गीता अग्रवाल और कांग्रेस ने विनोदिनी रमेश व्यास को टिकट दिया है।
भोपाल में भाजपा ने मालती राय को टिकट दिया है। उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व महापौर विभा पटेल से होगा। भोपाल में विश्वास सारंग के सुझाव पर मालती राय को महापौर प्रत्याशी बनाया है। मालती राय को मजबूत नहीं माना जा रहा था। सारंग ने ही मालती राय के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की। इसके बाद कृष्णा गौर, रामेश्वर शर्मा और विश्वास सारंग तीनों विधायकों ने राय को जिताने का भरोसा दिलाया। तब जाकर मालती का नाम अंतिम हुआ।
भाजपा नेताओं में महापौर के टिकट के लिए ग्वालियर में जमकर खींचतान चल रही है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत 14 नगर निगम के मेयर उम्मीदवार घोषित कर दिए गए हैं। ज्यादातर उम्मीदवारों को क्षेत्रीय नेताओं की गारंटी पर टिकट दिया गया है। सागर से संगीता तिवारी को जिताने की जिम्मेदारी नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह पर है। कटनी में पूर्व मंत्री संजय पाठक के समर्थक और रेत कारोबारी विनय दीक्षित की पत्नी ज्योति दीक्षित को टिकट दिया गया है। रीवा से पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला की गारंटी पर प्रबोध व्यास को टिकट दिया गया है। जिन सीटों पर दावेदारों की संख्या ज्यादा थी, वहां पार्टी ने नए फॉर्मूले के तहत टिकट फाइनल किया है। इसके तहत जिसने टिकट देने की सिफारिश की, उस पर ही उम्मीदवार को जिताने की जिम्मेदारी है। यानी नगर सरकार बनाने का दारोमदार सीधे तौर पर क्षेत्रीय नेताओं पर है। सामान्य सीट सिंगरौली से ओबीसी उम्मीदवार को उतारने में ब्राह्मणों की नाराजगी के बावजूद विधायक रामलल्लू वैश्य की सिफारिश पर चंद्रप्रताप विश्वकर्मा को टिकट दिया गया है। खंडवा से उम्मीदवार अमृता यादव को जिताने की जिम्मेदारी सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल और विधायक देवेंद्र वर्मा ने ली है। भोपाल में फंसे पेंच को निकालने के लिए इसी फॉर्मूले का इस्तेमाल किया गया है। यहां मंत्री विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा और कृष्णा गौर ने उम्मीदवार मालती राय को जिताने की गारंटी दी है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब भाजपा ने उम्मीदवारों के चयन में गारंटी का फार्मूला इस्तेमाल किया है। दरअसल, क्षेत्रीय नेताओं के बीच अपने समर्थक को टिकट दिलाने की खींचतान को खत्म करने के लिए यह फार्मूला लागू किया गया। भोपाल से उम्मीदवार मालती राय दो बार पार्षद का चुनाव हार चुकी हैं। बावजूद, इसके विधायक उन्हें टिकट देने पर अड़े रहे।
भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने भोपाल से ओबीसी वर्ग के नए चेहरे को आगे बढ़ाने की कवायद की थी, लेकिन स्थानीय विधायकों के दबाव के चलते फैसला बदलना पड़ा। जब कोर ग्रुप की पहली बैठक हुई, तो मालती राय के दावे को सभी ने खारिज कर दिया था। उनकी जगह नया नाम तलाशने का निर्णय लिया गया था, लेकिन भोपाल के विधायकों ने साफ कर दिया था कि मालती राय ही बेस्ट कैंडिडेट हैं, जबकि मुख्यमंत्री नए चेहरे को टिकट देना चाहते थे। क्योंकि मालती दो बार पार्षद का चुनाव हार चुकी थीं। ऐसे में कांग्रेस की विभा पटेल के सामने पार्टी कमजोर कैंडिडेट उतारने का जोखिम नहीं लेना चाहती थी। बाद में मुख्यमंत्री ने तीनों विधायकों की राय के बाद मालती राय पर सहमति दे दी। जबलपुर से जनअभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र जामदार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पसंद हैं।
संघ की पसंद के 3 उम्मीदवार
भाजपा के महापौर पद के 3 उम्मीदवार संघ की पसंद से मैदान में उतारे गए हैं। जबलपुर से उम्मीदवार डॉ. जितेंद्र जामदार की पृष्ठभूमि संघ से जुड़ी है। वे पिछले कई वर्षों से संघ के विभिन्न संगठनों के माध्यम से काम कर रहे हैं। फिलहाल वे जनअभियान परिषद के उपाध्यक्ष हैं। उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा भी प्राप्त है। इसी तरह सतना से योगेश ताम्रकार को मौका दिया गया है। उनके पिता शंकर ताम्रकार प्रांत संघ चालक रहे हैं। उन्हें भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष बनाया गया। अब उन्हें महापौर का टिकट दिया गया है। इसमें सबसे रोचक घटनाक्रम इंदौर की टिकट को लेकर हुआ। यहां से डॉ. निशांत खरे को टिकट देने की पैरवी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर रहे थे। हालांकि उन्होंने विकल्प के तौर पर मधु वर्मा के नाम पर विचार करने का सुझाव दिया था, जबकि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने विधायक रमेश मेंदोला का नाम आगे बढ़ाकर पेंच फंसा दिया था।
- लोकेंद्र शर्मा