02-Jul-2020 12:00 AM
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म हाभारत धारावाहिक का चर्चित चेहरा रहीं रूपा गांगुली से लेकर टॉलीवुड स्टार लॉकेट चटर्जी और अब फैशन डिजाइनर अग्निमित्रा पॉल, बंगाल भाजपा ने ग्लैमर की दुनिया से आई महिलाओं को महिला मोर्चा के नेताओं के तौर पर नियुक्त करने का चलन शुरू कर दिया है। पॉल ने इसी महीने की शुरुआत में बंगाल महिला मोर्चा के प्रमुख का पद संभाला। भाजपा में आने के बाद वो पिछले एक साल में वरिष्ठ पद पर पहुंच गई हैं। बीते पांच सालों में ये पद गांगुली और चटर्जी के पास था। दोनों ही अब राज्यसभा और लोकसभा से सांसद हैं।
भाजपा के नेताओं ने कहा कि पार्टी में ऊंची रैंक तक पहुंचने में उन्हें बाधा भी आई। वरिष्ठ नेता उनके फिल्म और फैशन के बैकग्राउंड को नुकसान के तौर पर देखते रहे हैं। जबकि भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने स्वीकार किया कि उनकी ग्लैमर और सार्वजनिक अपील उन्हें सबसे आगे लाने में एक कारक थी, उन्होंने उन्हें पार्टी में खुद को उस राज्य में स्थापित करने में मदद करने का श्रेय दिया जहां पार्टी को अभी भी सत्ता नहीं मिली है। भाजपा का महिला मोर्चा राज्य की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है, जिसमें धरने, सड़क अवरोध और घेराव में भाग लेना शामिल है। आंदोलन के दौरान, यह रक्षा की पहली पंक्ति की तरह काम करता है।
भाजपा की महिला मोर्चा की भूमिका को विशेष रूप से प्रमुखता तब मिली जब 2018 के पंचायत चुनावों में भाजपा ने 5,779 ग्राम पंचायत सीटों पर 2,500 से अधिक महिला उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। चटर्जी का कहना है कि 2018 के पंचायत चुनावों में 2,500 के करीब महिला उम्मीदवारों के जीतने का यह मतलब है कि बंगाल की राजनीति में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। वो अब अपने घरों से निकल रही हैं। जबकि इसने सांगठनिक तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, मोर्चा को वास्तव में तब प्रमुखता मिली जब गांगुली को इसका प्रमुख नियुक्त किया गया। गांगुली ने 2015 में भाजपा के बंगाल महिला मोर्चा प्रमुख के रूप में पदभार संभाला। उन्होंने पार्टी की एक वरिष्ठ नेता ज्योत्सना बनर्जी की जगह ली, जो लगभग पांच साल तक इस पद पर रहीं थी। वह 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद एक साल पहले भाजपा में शामिल हुई थीं।
बंगाल भाजपा के अध्यक्ष के रूप में दिलीप घोष के चुनाव में महिला विंग की प्रमुख के रूप में चटर्जी की नियुक्ति की घोषणा हुई। चटर्जी को भाजपा में शामिल होने के दो साल बाद जुलाई 2017 में इस पद पर नियुक्त किया गया था। 2015 तक, वह तृणमूल कांग्रेस की सदस्य थीं, जिसके बारे में माना जाता है कि उन्होंने ही राज्य में सेलिब्रिटी राजनेताओं के ट्रेंड को शुरू किया था। चटर्जी ने पार्टी छोड़ दी क्योंकि उन्होंने दावा किया कि उन्हें तृणमूल कांग्रेस में 'घुटन’ महसूस हो रही है। अग्निमित्र पॉल के लिए, भाजपा के साथ उनका पहला राजनीतिक कार्यकाल है। वह पिछले साल मार्च में पार्टी में शामिल हुई थीं, लेकिन ममता बनर्जी सरकार के तहत अपने सामाजिक कार्य पहल के लिए वो पहले भी चर्चा में रही थीं, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों और महिला जेल कैदियों के लिए किए गए काम शामिल थे।
गांगुली की नियुक्ति पर, भाजपा के सूत्रों ने बताया, शुरू में वरिष्ठ नेताओं के एक समूह द्वारा विरोध किया गया था जिसने उनके सिनेमा के बैकग्राउंड को नुकसान के रूप में देखा था। सूत्रों ने कहा कि इस बारे में भी चर्चा हो रही थी कि राजनीति में उनका उदय इतनी जल्दी हुआ था। भले ही चटर्जी की महिला मोर्चा प्रमुख के रूप में नियुक्ति पार्टी कार्यकर्ता के रूप में दो साल के कार्यकाल के बाद हुई, लेकिन सूत्रों ने दावा किया कि संगठन के भीतर इसका विरोध किया गया था। चटर्जी ने स्वीकार किया- 'एक अभिनेता के रूप में मेरे अतीत को लेकर खूब चर्चा की गई’, जब वह पार्टी में शामिल हुईं थी। उन्होंने कहा- 'विरोधियों ने भी मुझे बदनाम करने का अभियान चलाया, लेकिन मैंने खुद पर विश्वास किया और अपना काम करना जारी रखा। मैंने वह सब कुछ छोड़ दिया जो फिल्म उद्योग में मेरे कैरियर से जुड़ा था। वो एक अलग ही दुनिया थी। लोगों ने सोचा कि मैं धूप में नहीं जा पाऊंगी, गर्मी और बारिश में काम नहीं कर पाऊंगी और धूल और पसीना भी नहीं सह पाऊंगी।’ उन्होंने कहा, 'मैंने सब कुछ छोड़ दिया, मेरे फैंसी कपड़े, मेकअप जो मैं स्क्रीन पर करती थी। मैं अब उनका हिस्सा हूं और वे जानते हैं।’
पॉल ने कहा- चटर्जी जानती हैं कि उनकी नियुक्ति ने प्रतिरोध को आमंत्रित किया था। फैशन उद्योग में दो दशकों तक काम करने वाली पॉल ने कहा, 'मुझे पता है कि यह एक चुनौती है। मैं सिस्टम में नई हूं। लेकिन मेरे पास न तो कुछ हासिल करने के लिए है और न ही किसी से चोरी करने के लिए। मैं एक आर्थिक रूप से संपन्न परिवार से आती हूं। मैं सिर्फ लोगों के बीच काम करना चाहती हूं।’ पॉल ने बताया, 'मेरी पार्टी ने मुझे काम करने का मौका दिया है और वरिष्ठ नेताओं ने मुझ पर विश्वास किया है। मोदीजी के कारण मैंने भाजपा ज्वाइन की है। भाजपा की विचारधारा किसी भी अन्य पार्टी से थोड़ी अलग है, लेकिन मोदीजी ने मुझे प्रेरित किया।’
कड़ी मेहनत का परिणाम
2014 और 2016 के चुनावों के बाद, तृणमूल कांग्रेस के कई सदस्य भाजपा के साथ जुड़ गए। लेकिन लॉकेट ने इस पद तक पहुंचने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की है। उन्होंनेे जिलों में बड़े पैमाने पर यात्रा की। वो गांवों में गईं और लोगों के साथ रहीं, सरकारी कार्यालयों और पुलिस थानों का घेराव किया। 'वास्तव में उन्होंने सबसे मुश्किल संसदीय सीट हुगली में अकेले ही मुकाबला किया।’ 2019 में, चटर्जी ने हुगली लोकसभा सीट पर लगभग 46 प्रतिशत मतों के साथ जीत हासिल की। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार रत्ना डे नाग को लगभग 74,000 मतों से हराया। चटर्जी ने कहा कि उनके तहत महिला मोर्चा लगभग 40,000 सदस्यों के संगठन के रूप में विकसित हुआ। चटर्जी द्वारा 2019 में चुनाव आयोग के समक्ष दायर किए गए चुनावी हलफनामे के अनुसार, वो 14 मामलों का सामना कर रही हैं, जिनमें 59 मामलों में हत्या, दंगा करने, विस्फोटक पदार्थ का उपयोग करने, सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने, सरकारी सेवकों को बाधित करने, जिनमें से अधिकांश उनके महिला मोर्चा प्रमुख के कार्यकाल के दौरान हुआ कहा जा सकता है, भी शामिल है। पिछले एक साल में उन्होंने दावा किया कि यह संख्या बढ़कर 25 हो गई है।
- मधु आलोक निगम