फाइल में दबी नर्मदा समृद्धि योजना
20-Nov-2020 12:00 AM 339

 

मप्र में सत्ता परिवर्तन क्या हुआ नर्मदा समृद्धि कॉरिडोर योजना ठंडे बस्ते में चली गई। नगर एवं ग्राम निवेश विभाग ने 3 जनवरी 2020 को नए एलायमेंट वाला नोटिफिकेशन जारी किया था, उसके बाद से एक साल बीतने को है पर सड़क बनाने का निर्णय अब तक नहीं लिया जा सका। स्थानीय स्तर से शासन को महीनों पहले प्रस्ताव भेजा गया था जिसका कोई जवाब नहीं मिला। बता दें कि नर्मदा नदी के तटीय हिस्से तिलवारा से भटौली यानी ग्वारीघाट के बीच नर्मदा समृद्धि कॉरिडोर तैयार करने की महत्वाकांक्षी योजना बनी थी। इसके तहत तिलवारा से ग्वारीघाट तक पिच रोड बनाई जानी प्रस्तावित रही। पहले इस सड़क की चौड़ाई 60 मीटर रखी गई थी लेकिन बाद में उसे आधा कर 30 मीटर कर दिया गया था। इसके लिए नया एलायमेंट जारी किया गया था।

नगर एवं ग्राम निवेश संचालनालय भोपाल की ओर से जारी तिलवारा से भटौली के बीच नए एलायमेंट में प्रस्तावित मार्ग का नोटिफिकेशन जारी किया था। दरअसल सड़क की चौड़ाई कम करने के पीछे ग्वारीघाट के आसपास रहने वालों के निर्माण को बचाने के लिए चौड़ाई कम की गई थी। नए नोटिफिकेशन में सड़क की चौड़ाई 30 मीटर कर दी गई। ऐसा करने पर सड़क की लंबाई लगभग 12 किमी से ज्यादा हो रही है। इस पूरी लंबाई में सात गांव की भूमि अधिग्रहित की जाएगी। इनमें तिलवारा, ललपुर, ग्वारीघाट, जिलहरी घाट, भटौली, परसवारा और गौरेया घाट गांव शामिल होंगे।

नर्मदा समृद्धि कॉरिडोर की सड़क का नया एलायमेंट नोटिफिकेशन जनवरी 2020 में ही जारी हो चुका था। प्रस्ताव शासन स्तर पर भेजा गया है। अब शासन को ही निर्णय लेना है। नर्मदा नदी के तटीय हिस्से तिलवारा से शुरू होकर भटौली यानी ग्वारीघाट के बीच प्रस्तावित नर्मदा समृद्धि कॉरिडोर की सड़क सरकार बदलते ही अटक चुकी है। पहले यह सड़क 60 मीटर बनाने का प्रस्ताव था लेकिन बाद में उसे 30 मीटर चौड़ाई में बनाने का निर्णय लिया गया। नगर एवं ग्राम निवेश विभाग ने 3 जनवरी 2020 को नए एलायमेंट वाला नोटिफिकेशन जारी किया था। पूरा एक साल बीत जाएगा और सड़क बनाने का निर्णय नहीं लिया जा सका। शासन स्तर पर प्रस्ताव महीनों पहले जा चुका है। यह सड़क पर्यटन के लिहाज से भी महत्वपूर्ण मानी गई है।

शहर की जीवनदायिनी और सुकूनदायिनी नर्मदा नदी के किनारे करीब साढ़े आठ किलोमीटर का खूबसूरत कॉरिडोर तैयार किए जाने की कवायद तेज कर दी गई है। अब तक के सबसे बड़े नर्मदा समृद्धि कॉरिडोर प्रोजेक्ट को मूर्तरूप देने का काम स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से किया जाएगा। लगभग 400 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट में 8.5 किमी लंबे 6 लेन वाले कॉरिडोर के साथ 20 मीटर चौड़ा नर्मदा दर्शन पथ भी बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने के लिए जबलपुर नगर निगम प्रदेश का ऐसा पहला नगर निगम भी बनने जा रहा है, जो पहली बार मप्र नगर पालिक अधिनियम-1956 की धारा-291 का इस्तेमाल करने जा रहा है। इस धारा का इस्तेमाल कर निगम द्वारा प्राधिकरण की तरह नगर विकास की इस योजना को मूर्तरूप दिया जाएगा।

2300 एकड़ से भी ज्यादा क्षेत्र में प्रस्तावित नर्मदा समृद्धि कॉरिडोर अंतर्गत नर्मदा नदी को गंदा होने से बचाने की योजना भी है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद उक्त क्षेत्र का विकास होगा। ऐसे में नर्मदा के प्रदूषित होने की संभावना भी ज्यादा है। इसके लिए इस प्रोजेक्ट के तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट बनाए जाएंगे। नर्मदा दर्शन पथ पर विद्युत व्यवस्था के लिए सोलर एनर्जी के इस्तेमाल की भी योजना है। नर्मदा समृद्धि कॉरिडोर से शहर के भीतर की यातायात व्यवस्था में भी सुधार आएगा। गौर-तिलहरी की ओर से शहर के भीतर आकर तिलवारा की ओर जाने वाले वाहन इस कॉरिडोर से सीधे निकल जाएंगे। तिलवारा से तिलहरी-गौर जाने वाले वाहन भी शहर में आने की जगह कॉरिडोर से निकलेंगे। इसके साथ ही यह कॉरिडोर पर्यटकों को बड़ी संख्या में आकर्षित करेगा। व्यू प्वाइंट, नर्मदा दर्शन पथ सहित कई ऐसे काम होंगे, जिससे पर्यटक वहां पहुंचेंगे।

नर्मदा समृद्धि कॉरिडोर में नर्मदा नदी के किनारे से लेकर 300 मीटर तक के हिस्से में सिर्फ ग्रीनरी होगी। इस हिस्से में हरियाली बढ़ाने और अधिक पेड़ लगाए जाएंगे। इस हिस्से में कोई भी निर्माण प्रतिबंधित रहेगा। यह कॉरिडोर तिलवारा घाट रोड स्थित ब्रॉडगेज रेल लाइन से नर्मदा किनारे तक से प्रारंभ होकर भटौली तक जाएगा। प्रारंभ से आखिर तक एक ओर ब्रॉडगेज लाइन किनारे से इसकी सीमा प्रारंभ होगी, जो कि अंत इसी तरह रहेगी। दूसरे छोर की सीमा शुरू से आखिर तक नर्मदा किनारे से प्रारंभ होगी।

कॉरिडोर की प्रस्तावित चौड़ाई 60 से घटाकर की 30 मीटर

जबलपुर शहर विकास के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट नर्मदा समृद्धि कॉरिडोर की प्रस्तावित चौड़ाई 60 मीटर से घटाकर 30 मीटर कर दी गई है। इसे लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी हो गया है। हालांकि शासन के इस निर्णय पर सुझाव व आपत्ति के लिए शहरवासियों को तीस दिन का समय दिया गया है। जिससे उपयुक्त सुझाव या आपत्ति होने पर उसके तकनीकी पक्षों पर विचार कर आवश्यक सुधार किया जा सके। नर्मदा समृद्धि कॉरिडोर की चौड़ाई घटाकर आधी किए जाने के निर्णय पर सवाल उठ रहे हैं। जानकारों का मानना है कि साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर बनने वाले इस कॉरिडोर की चौड़ाई घटाए जाने पर जहां प्रोजेक्ट उतना कारगर नहीं रहेगा, समीप ही निर्माण होने से नर्मदा में सीधे तौर पर प्रदूषण बढ़ेगा और आसपास के पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचेगा। सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित कॉरिडोर के आसपास कई रसूखदारों की जमीनें हैं। बताया तो यहां तक जा रहा है कि इन्हीं रसूखदारों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर की चौड़ाई कम कर दी गई है। जिससे की वे आसपास अपने बड़े होटल, रेस्टोरेंट, बारातघर, शोरूम से लेकर अन्य निर्माण कर सकें और उनकी ज्यादा जमीन भी प्रभावित न हो।

- रजनीकांत पारे

FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^