सरकारी योजनाओं को पतीला लगाने में नेता, पदाधिकारी व सरकारी कर्मचारी भी पीछे नहीं हैं। अवैध वसूली के चक्कर में सरकारी योजना को बट्टा लगाने का काम खरगोन जिले में हुआ है। दरअसल यहां मुख्यमंत्री कन्यादान योजना जैसी महत्वपूर्ण योजना का लाभ अपात्रों को दिलाने के लिए अवैध वसूली की गई। मामले की शिकायत 31 मई को सीएम हेल्पलाइन के जरिए कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम तक पहुंची तो उन्होंने जांच दल गठित किया। 11 दिनों की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि सरकारी सिस्टम के तहत नवयुगल के सात फेरों में कुछ शासकीय कर्मचारी और संगठन पदाधिकारियों ने हेराफेरी की है। एक शिक्षक व सचिव को निलंबित किया गया है जबकि अवैध वसूली मामले में बड़वाह के भाजपा जिला महामंत्री सहित 6 लोगों पर एफआईआर के आदेश भी दिए हैं और नोटशीट चलाई है।
31 मई को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में गड़बड़ी की शिकायतें सीएम हेल्पलाइन सहित व्यक्तिगत फोन पर तथा मीडिया के जरिए कलेक्टर तक पहुंची। कलेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर ओमनारायण सिंह और नगर पालिका सीएमओ प्रियंका पटेल को संयुक्त रूप से जांच सौंपी। प्राथमिक तौर पर जांच में लिप्त शासकीय हाईस्कूल कदवाली के शिक्षक रोहित मनाग्रे और मांडवखेड़ा के सचिव मालसिंह बर्डे को निलंबित किया है। समिति के सदस्य और डिप्टी कलेक्टर ओमनारायण सिंह ने बताया 31 मई के बाद कई पीड़ितों के बयान लिए हैं।
मप्र के एक मामले में भाजपा जिला महामंत्री सहित 6 लोगों पर एफआईआर के आदेश दिए गए हैं। दरअसल मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में कुछ सरकारी कर्मचारियों और बिचौलिए कथित समाजसेवियों ने भ्रष्टाचार का बट्टा लगाया है। योजना का लाभ अपात्रों को दिलाने अवैध वसूली की गई। मामले की शिकायत 31 मई को सीएम हेल्पलाइन के जरिए कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम तक पहुंची तो उन्होंने जांच दल गठित किया।
11 दिनों की जांच में स्पष्ट हुआ है कि सरकारी सिस्टम के तहत नवयुगल के सात फेरों में कुछ शासकीय कर्मचारी व संगठन पदाधिकारियों ने हेराफेरी की है। मामले में एक शिक्षक और सचिव को निलंबित किया गया है। जबकि अवैध वसूली मामले में बड़वाह के भाजपा जिला महामंत्री सहित 6 लोगों पर एफआईआर के आदेश दिए हैं। नोटशीट चलाई गई है। जांच के दौरान प्राथमिक तौर पर जांच में लिप्त पाए गए शासकीय हाईस्कूल कदवाली के शिक्षक रोहित मनाग्रे और मांडवखेड़ा के सचिव मालसिंह बर्डे को निलंबित किया गया है। समिति के सदस्य और डिप्टी कलेक्टर ओमनारायण सिंह ने बताया 31 मई के बाद कई पीड़ितों के बयान लिए गए हैं।
जांच में कई शिकायतें सामने आईं, जिनमें भगवानपुरा जनपद के दामखेड़ा निवासी वर जगदीश अवासे ने बयान में कहा कि 16 मई को गलतार के सामूहिक विवाह में उनकी शादी रजनी बर्डे से हुई। मांडवखेड़ा के सचिव मालसिंह बर्डे ने निशुल्क विवाह होने के बावजूद वर जगदीश और वधू रजनी से 5100-5100 रुपए विवाह खर्च के नाम पर लिए गए। इसके अलावा इसी आयोजन में अन्य जोड़े देवेंद्र मंडलोई व सुषमा जमरे से सचिव बर्डे ने 10,200 रुपए लेने के बयान समिति को दिए। जांच समिति ने बताया कि नांदिया झिरन्या के राहुल रंधावे ने अपने बयान में कहा कि 16 मई को ही हुए विवाह आयोजन में सम्मिलित होने के लिए भिलाला समाज के अध्यक्ष विश्राम डोडवे ने 10,200 रुपए विवाह में खर्चे के नाम पर लिए। भगवानपुरा जनपद के कदवाली निवासी आशाराम व संगीता बिलरसिंह ने बताया शिक्षक रोहित मनाग्रे ने विवाह का फार्म लेकर नगर पालिका खरगोन में जमा कराया। शिक्षक ने रुपए तो नहीं लिए लेकिन आने-जाने में 3 से 4 हजार रुपए खर्च होना बताया। योजना में अपात्रों को लाभ दिलाने और वसूली के मामले की शुरुआत जिस सीएम हेल्पलाइन से हुई है, उस मामले के पीड़ित पंधानिया के विजय राणे ने बयान में कहा कि खरगोन की कपास मंडी में हुए विवाह में विजय कोचले द्वारा 5000 हजार रुपए मांगे गए। इसी बात की सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत भी हुई। इनके अलावा दामखेड़ा के दीपक जाधव ने गलतार के ही आयोजन में बलवंत डावर द्वारा 10,200 रुपए लेने के बयान दिए।
भिलाला आदिवासी समिति के अध्यक्ष ने ली राशि
बड़वाह में आयोजित सामूहिक विवाह के संबंध में गजराजसिंह चौहान ने कहा कि भिलाला आदिवासी समिति के अध्यक्ष महिम ठाकुर द्वारा 11 हजार रुपए जमा करवाए। चौहान ने कहा, इनको पोस्टरों में अध्यक्ष दर्शाकर भ्रमित किया गया। ठाकुर के संबंध में रिटायर समन्वयक अधिकारी अनारसिंह सोलंकी ने कहा कि बड़वाह समिति के अध्यक्ष ठाकुर है। उनके द्वारा 30 जोड़ों का विवाह में 11-11 हजार रुपए दोनों पक्षों से लिए गए। ऐसे कई पीड़ित हैं जिन्होंने बयान दर्ज कराए हैं। बयान दर्ज करवाने वालों में सुनील बड़ोले के साथ ही अन्य लोग शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि महिम ठाकुर भाजपा जिला महामंत्री के पद पर भी है। जांचकर्ता अधिकारी ने बताया कि खरगोन एसपी के समक्ष मामले रखे हैं। जल्द ही एफआईआर हो सकती है। यह कार्रवाई खरगोन थाने में ही संभव है। डिप्टी कलेक्टर सिंह ने बताया कि दोनों कर्मचारियों को निलंबित किया है। इनके अलावा विजय कोचले, विश्राम डुडवे, बलवंत डावर, महिम ठाकुर, पीसीओ नरेंद्र बड़ोले, श्यामलाल उपाध्याय चंदावड़ व अन्य लोगों पर अवैध वसूली व धमकाने जैसे तथ्यों व बयानों के आधार पर एफआईआर की जाएगी। जांच आगे भी जारी रहेगी।
- जितेंद्र तिवारी