मप्र में चलाई जा रही डायल-100 योजना को आगे भी जारी रखने का फैसला लिया गया है। इस योजना को 31 मार्च तक बढ़ाया गया है। यह फैसला गत दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद् की वर्चुअल बैठक में लिया गया। सूत्रों के अनुसार, मंत्रिपरिषद् ने डायल-100 योजना के निरंतर संचालन के लिए पूर्व से अनुबंधित फर्म के साथ निविदा की अनुमोदित दरों पर ही अनुबंध अवधि में 6 माह यानी 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2020 तक तथा फिर 6 माह यानी 1 अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2021 तक बढ़ाने की स्वीकृति दी है।
वर्तमान डायल-100 योजना की अवधि 31 मार्च 2020 को समाप्त होने को दृष्टिगत रखते हुए योजना को वर्तमान स्वरूप में आगामी 5 वर्ष के लिए निरंतर संचालन हेतु मंत्रिपरिषद आदेश आयटम क्रमांक-5 दिनांक 12 सितंबर 2019 द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। खुली निविदा के माध्यम से नवीन सिस्टम इंटीग्रेटर के चयन में विलंब होने एवं अनुबंधित फर्म मेसर्स-बीवीजी इंडिया लिमिटेड की अनुबंध अवधि 31 मार्च 2020 को समाप्त होने के दृष्टिगत योजना की महत्वता एवं जन सुरक्षा की आवश्यक सेवा होने के कारण, तत्समय मंत्रिमंडल गठित नहीं होने से 30.03.2020 को समन्वय में मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त किया जाकर सिस्टम इंटीग्रेटर फर्म मेसर्स-बीवीजी इंडिया लिमिटेड के साथ निविदा की अनुमोदित दर पर ही अनंबंध अवधि में 6 माह (1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 तक) का विस्तार किया गया था।
डायल-100 योजना को अगले 5 वर्ष के लिए निरंतर संचालन के लिए नवीन सिस्टम इंटीग्रेटर का चयन हेतु खुली ई-निविदा दिनांक 18.03.2020 से 30.07.2020 तक संपादित की गई, जो कि विश्व व्यापी कोरोना महामारी संकट के कारण सरकार द्वारा 23 मार्च 2020 से देशव्यापी लॉकडाउन प्रभावशील रहने, सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार मार्च-2020 के पश्चात बीएस6 उत्सर्जन श्रेणी के वाहनों का ही आरटीओ रजिस्टे्रशन प्रावधानित होने तथा इस श्रेणी के वाहन बाजार में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होने आदि प्रमुख कारणों के चलते निविदा में पर्याप्त प्रतिस्पर्धा रखने के दृष्टिकोण से विभिन्न फर्मों के अनुरोध को मान्य करते हुए कोरीजंडम के माध्यम से 5 बार टेंडर अवधि में वृद्धि करने के बावजूद भी किसी भी निविदाकार द्वारा निविदा कार्यवाही में भाग नहीं लिया गया है। तथा निविदा प्रक्रिया में कोई निविदा प्राप्त नहीं हुई। अत: री-टेंडर कार्यवाही पूर्ण नहीं की जा सकी।
उपरोक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए तत्समय मंत्रिमंडल गठित नहीं होने से दिनांक 01.10.2020 को समन्वय में मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त किया जाकर डायल-100 योजना के निरंतर संचालन हेतु अनुबंधित फर्म मेसर्स-बीवीजी इंडिया लिमिटेड के साथ निविदा की अनुमोदित दरों पर ही अनुबंध अवधि में पुन: 6 माह (1 अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2021 तक) का विस्तार किया गया था।
उपरोक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए डायल-100 योजना के निरंतर संचालन हेतु अनुबंधित फर्म के साथ निविदा की अनुमोदित दरों पर ही अनुबंध अवधि में 6 माह (1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 तक) की वृद्धि हेतु दिनांक 30.03.2020 को मुख्यमंत्री द्वारा समन्वय में दिए गए अनुमोदन पर मंत्रिपरिषद का अनुसमर्थन प्रार्थित है। डायल-100 मप्र सेवा की शुरुआत 1 नवंबर 2015 को हुई। राज्य स्तरीय पुलिस कंट्रोल रूम डायल-100 कॉल सेंटर में उपलब्ध संसाधन, 130 टीबी का डाटा सेंटर, 1000 मोबाइल डाटा टर्मिनल, जीआईएस मैप जिस पर पूरे प्रदेश के थानों का क्षेत्राधिकार का सीमांकित किया गया है, कम्प्यूटर एडेड डिस्पैच सिस्टम, कॉल्स को हैंडल करने के लिए कॉल मैनेजमेंट सिस्टम आदि से लैस है, डायल-100 पर प्राप्त होने वाले कॉल की रिकॉर्डिंग हेतु वायस लॉगर। अगस्त 2018 में 33 जिलों में डायल-100 वाहनों की पहुंच शहरी क्षेत्र की संकीर्ण गलियों तक सुनिश्चित करने हेतु 150 मोटरसाइकिल एफआरवी वाहन उपलब्ध कराए गए। डायल-100 सेवा के 1000 एफआरवी वाहन एमडीटी, वायरलैस सेट, मोबाइल फोन, जीपीएस, पीए सिस्टम तथा आपात स्थिति में उपयोग होने वाली एक्स्ट्रेक्शन किट के साथ संपूर्ण प्रदेश के 1000 स्थानों पर 24 घंटे तैनात हैं।
थाने में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
प्रदेश में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जहां एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है, वहीं दूसरी तरफ अदालत ने प्रदेश के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया है। दरअसल, अदालत की मंशा यह है कि थानों में होने वाली हर गतिविधि पर कैमरे की नजर रहे। गौरतलब है कि थानों में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले लोग अक्सर शिकायत करते हैं कि उनकी शिकायत समय पर दर्ज नहीं की जाती है। ऐसे में अदालत ने प्रदेश के सभी थानों के हर एक कमरे में सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश दिया है। अदालत के निर्देश के बाद गृह विभाग ने थानों में कैमरे लगाने के लिए योजना बना ली है। इसके लिए विभाग ने वित्त विभाग को 140 करोड़ रुपए के बजट का प्रस्ताव भेजा है। इस बजट के मिलते ही प्रदेश के थानों में सीसीटीवी कैमरे लगने शुरू हो जाएंगे। वैसे तो सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय सराहनीय है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या थानों में कैमरे लगाए जाने से पुलिस के व्यवहार में बदलाव आएगा? गौरतलब है कि देश में पुलिस के प्रति आमजन में अविश्वास की भावना भरी हुई है। इस अविश्वास की भावना को दूर करने के लिए समय-समय पर कई प्रयोग किए जा रहे हैं। मप्र में सरकार थानों को सर्वसुविधायुक्त बना रही है। अब देखना यह है कि प्रदेश के थानों में सीसीटीवी कैमरे लगने के बाद जनता का विश्वास पुलिस पर कायम होता है या नहीं। एक बात तो तय है कि थानों में सीसीटीवी कैमरे लगने से पुलिस की कार्यप्रणाली में जरूर बदलाव आएगा।
- रजनीकांत पारे