मप्र भाजपा के प्रभारी पी मुरलीधर राव अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। कुछ दिन पहले तक उन्होंने अपने पार्टी के नेताओं को नालायक तक कह दिया था। अब उन्होंने फिर एक विवादित बयान दे डाला है, जिससे प्रदेश की राजनीति में नया विवाद हो खड़ा हो गया है। पार्टी के भीतर ही अब राव के खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पार्टी के कई बड़े नेता भी मुरलीधर के बयानों से हैरान-परेशान हैं। हालांकि राव को भविष्य में ऐसे बयानों से बचने की नसीहत भी संघ और पार्टी आलाकमान की तरफ से दी जा चुकी है।
हाल ही में मुरलीधर राव का एक नया बयान सामने आया है, जिसे लेकर सियासी बखेड़ा शुरू हो गया है। उन्होंने भोपाल में एक बयान दिया कि ब्राह्मण और बनिया समुदाय के लोग उनकी जेब में हैं। राव अपने इस बयान के बाद भाजपा के साथ-साथ विपक्षी दल कांग्रेस के निशाने पर आ गए हैं। एक तरफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हमला बोलते हुए कहा, भाजपा के नेता सत्ता के नशे व अहंकार में चूर हो गए हैं। भाजपा के मप्र प्रभारी मुरलीधर राव कह रहे हैं कि मेरी एक जेब में ब्राह्मण हैं और एक जेब में बनिया हैं। जिस वर्ग के नेताओं ने भाजपा को खड़ा करने में महत्व भूमिका निभाई है, उन वर्गों का यह कैसा सम्मान? यही प्रभारी इसके पहले भाजपा के चार-पांच बार के सांसद-विधायकों को नालायक भी कह चुके हैं। इनके पूर्व प्रोटेम स्पीकर क्षत्रिय समाज का अपमान कर चुके हैं। उन्हें इन दोनों वर्गों से माफी मांगनी चाहिए।
वहीं दूसरी तरफ पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और दो बार विधायक रह चुके विजेंद्र सिंह सिसोदिया ने सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में पार्टी के ताजा हालातों पर टिप्पणी की है। उन्होंने लिखा कि, हमारे घर में बहुत से अनजान चेहरे दिखाई देने लगे हंै, कई ने हमारी बनाई दीवार पर नेम प्लेट भी लगा दी, मकान की नींव से छत तक बनाने में उन्होंने जीवन लगा दिया, वे चेहरे इस भीड़ में नहीं हैं, कुछ हैं, वे खुद को बचाने में शक्ति लगा रहे है। हां आशा-निराशा के भंवर में, अब कुछ आवाजें सुनाई देने लगी हैं। सिसोदिया ने अपने इस संदेश को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित पार्टी संगठन के सभी बड़े नेताओं को टैग किया है।
वहीं राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि मप्र भाजपा में मुरलीधर राव बहुत ही जूनियर कैडर के नेता है। स्वदेशी जागरण मंच के अलावा वे कई बौद्धिक मंच से जुड़े जरूर रहे हैं लेकिन सक्रिय राजनीति में उनकी भूमिका बहुत ही सीमित रही है। प्रदेश भाजपा में जिन नेताओं के साथ राव को पार्टी और संगठन की दृष्टिकोण से काम करना है वे राव से बहुत ही ज्यादा सीनियर हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 80 के दशक से ही राजनीति में सक्रिय भूमिका में हैं। विधायक, सांसद, प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही वे पांच बार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में काम करने का लंबा अनुभव रहा है। वे प्रदेश भाजपा की टीम में भी कई अहम जिम्मेदारियां भी संभाल चुके हैं। आज सांसद और प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका में हैं। प्रदेश संगठन में देखें तो सुहास भगत और हितानंद शर्मा को भी संघ में काम करने का लंबा अनुभव है। वहीं प्रदेश भाजपा की टीम में भी कुछ ऐसे नेता हैं जो शुरू से ही जमीनी स्तर की राजनीति करते आ रहे हैं। आज मुरलीधर राव के पास राष्ट्रीय स्तर पर तो कोई अहम जिम्मेदारी है नहीं। पार्टी ने उन्हें केवल एक राज्य का जिम्मा दे दिया है। वो भी ऐसा राज्य जहां भाजपा सरकार है और विधानसभा चुनावों में भी फिलहाल बहुत वक्त है। इसलिए यहां ज्यादा कुछ करने की गुंजाइश नहीं दिख रही है। ऐसे में राव अपना वर्चस्व साबित करने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं और सुर्खियों में रहने की कोशिशों में लगे हुए हैं।
संघ से जुड़े एक विश्वस्त सूत्र ने बताया कि राष्ट्रीय नेतृत्व ने मुरलीधर राव को प्रदेश भाजपा को कंट्रोल करने के लिए भेजा था, लेकिन अब उन्हें खुद ही कंट्रोल करने की जरूरत पड़ रही है। राव के लगातार आ रहे विवादित बयानों से संघ और भाजपा के नेता भी परेशान हैं। पार्टी और संगठन के नेता इन बातों को हाईकमान तक पहुंचा रहे हैं कि राव को भी कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। भले ही कुछ नेता उनके हिंदी भाषा नहीं होने के कारण इस तरह की बयानों को दिक्कत का एक कारण मान रहे हों, लेकिन प्रदेश भाजपा के कई बड़े नेता उनके विवादित बयानों और व्यवहार से बहुत नाराज हैं। हाल ही में प्रदेश संगठन से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारियों ने केंद्रीय नेतृत्व के साथ हुई बैठक में भी राव के बयानों के अलावा उनकी कार्यशैली को लेकर भी चर्चा की है। सूत्र ने आगे बताया कि भाजपा राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री और मप्र के प्रभारी के तौर पर शिवप्रकाश काम देख रहे हैं। उनका बेस कैंप भोपाल में ही है। इसलिए प्रदेश में उनकी सक्रियता बढ़ रही है। वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और उनकी टीम भी प्रदेश में बेहद एक्टिव है। ऐसे में संघ स्तर से भी पी मुरलीधर राव की निगरानी शुरू हो गई है।
राव पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
गत दिनों जब मीडिया ने मप्र भाजपा के प्रभारी मुरलीधर राव से पूछा था कि भाजपा के बारे में यह आम धारणा रही है कि यह ब्राह्मणों और बनियों की राजनीतिक पार्टी है और अब वह एसटी-एससी वर्ग पर ध्यान देने की बात कर रही है, जबकि भाजपा का नारा सबका साथ, सबका विकास है। इस प्रश्न का जवाब देते हुए राव ने अपने कुर्ते की जेब की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि ब्राह्मण और बनिया मेरी जेब में हैं। हालांकि उन्होंने बाद में बात को संभालते हुए कहा कि जब भाजपा में ब्राह्मण नेता थे, तब मीडिया ब्राह्मणों की पार्टी कहती थी। इससे पहले भी राव ने मप्र में एक बैठक के दौरान कहा था कि लगातार चार बार पांच बार से सांसद, विधायक बनना, लगातार प्रतिनिधित्व करना, यह जनता का दिया हुआ वरदान होता है। इसके बाद रोने के लिए कुछ नहीं होना चाहिए, ऐसे नेता अगर कहे कि उन्हें मौका नहीं मिला तो उनसे बड़ा नालायक कोई नहीं, उन्हें मौका मिलना भी नहीं चाहिए।
- लोकेंद्र शर्मा