कांग्रेस का बूथ मैनेजमेंट
21-Aug-2020 12:00 AM 316

 

कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा को उसी के फॉर्मूले से मात देने की रणनीति बनाई है। भाजपा के पन्ना प्रमुख की तर्ज पर कांग्रेस ने उपचुनाव वाले क्षेत्रों में मतदाता इंचार्ज बनाने का काम शुरू कर दिया है, जिसके तहत पार्टी अपने बूथ मैनेजमेंट को मजबूत करना चाहती है। कांग्रेस ने इसे पन्ना प्रभारी का नाम दिया है। उपचुनाव में कांग्रेस एक बूथ पर 25 पन्ना प्रभारी बना रही है। देखना है कि कांग्रेस इस फॉर्मूले के जरिए क्या सत्ता में वापसी का रास्ता तय कर पाएगी?

मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बताया कि उपचुनाव को देखते हुए हमने संगठन को बूथ स्तर पर मजबूत करने का काम शुरू किया है। उपचुनाव वाले क्षेत्रों में संगठन स्तर पर हम कई तरह के काम कर रहे हैं, जिनमें से सबसे अहम पन्ना प्रभारी बनाने का काम तेजी से चल रहा है। एक बूथ पर 25 पन्ना इंचार्ज बनाने का काम कर रहे हैं। इस तरह से हर विधानसभा सीट पर तकरीबन साढ़े छह हजार से लेकर सात हजार पन्ना प्रभारी होंगे।

विधानसभा क्षेत्र में 250 से 300 बूथ होते हैं जबकि एक बूथ पर 800 से लेकर 1000 मतदाता होते हैं। मतदाता लिस्ट के एक पन्ने पर 50 मतदाता होते हैं। कांग्रेस ने मतदाता लिस्ट के एक पन्ने की जिम्मेदारी कहीं एक तो कहीं दो कार्यकर्ताओं को सौंपी है। कांग्रेस के पन्ना प्रभारी का काम मतदाता सूची पर ध्यान रखने के साथ ही उसके पन्ने में कहीं कोई गड़बड़ी दिखती है तो उसकी शिकायत चुनाव आयोग से करने और उसे ठीक करवाने का होगा। इसके अलावा मतदाताओं से संपर्क भी स्थापित करने और उन्हें वोटिंग के दिन बूथ स्तर तक ले जाने का जिम्मा भी सौंपा गया है।

दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 25 कांग्रेस विधायकों के भाजपा में चले जाने के बाद कांग्रेस के संगठन को नए स्तर से तैयार करने की एक बड़ी चुनौती है। कई सीटों पर विधायकों के साथ-साथ पार्टी के तमाम नेता और कार्यकर्ता भी पार्टी का साथ छोड़ गए हैं। इसीलिए कांग्रेस का मानना है कि पार्टी संगठन में बूथ लेवल पर कुछ कमियां थीं, जिन्हें दूर करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। प्रदेश में जिन 27 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होना है, उनमें तकरीबन 58 लाख मतदाता हैं। इन सभी मतदाताओं को संपर्क स्थापित करने के लिए कांग्रेस के करीब पौने दो लाख कार्यकर्ता मैदान में रहेंगे। इन सभी के कंधों पर उपचुनाव वाले विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को मजबूत करने से लेकर पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने की भी जिम्मेदारी होगी।

जीतू पटवारी ने कहा कि कांग्रेस ने हर विधानसभा क्षेत्र में कमेटी बनाई है। सेक्टर मंडलम बने हैं। वोटिंग के लिए वे जनता को जागरूक करेंगे। साथ ही वोटिंग के दिन सक्रियता से काम करेंगे। कांग्रेस उपचुनाव वाले क्षेत्रों में इंचार्ज बनाने के लिए आनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ताओं की मदद ले रही है, जिनमें युवा कांग्रेस और एनएसयूआई से जुड़े कार्यकर्ताओं, किसान कांग्रेस, सेवादल से जुड़े सेवकों की भूमिका प्रमुख होगी। जीतू पटवारी का कहना है कि हम संगठन को मजबूत करने के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। इसके नतीजे उपचुनावों में सामने आएंगे और निश्चित रूप से हम बड़ी जीत दर्ज करेंगे। उन्होंने कहा कि आखिरकार हमारी 15 महीने की उपलब्धियां जनता के सामने हैं, जनता ने पिछली भाजपा सरकार का 15 साल और वर्तमान कार्यकाल भी देखा है।

राज्य में 27 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की दोबारा ताजपोशी के लिए पूरी ताकत और एकजुटता से चुनाव लड़ने का एक्शन प्लान तैयार किया है। इसके तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रों में 3000 से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं और 2700 आईटी एक्सपर्ट की फौज की तैनाती की जा रही है। यानी सोशल मीडिया पर भाजपा के दुष्प्रचार और हमला करने के लिए कांग्रेस ने हर विधानसभा क्षेत्र में 100-100 आईटी एक्सपर्ट की सेवाएं ली हैं। कांग्रेस 27 विधानसभा उपचुनाव जीतने के लिए और उपचुनाव में पता हासिल करने के लिए पुरानी कमियों को दूर कर रही है। कांग्रेस के रणनीतिकारों ने माना कि हम अंतिम 2 दिनों में चुनाव हार जाते हैं, यानी पार्टी बूथ मैनेजमेंट नहीं कर पाती है। यही वजह है कि 27 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा के फार्मूले पर काम करना शुरू कर दिया है। 

कांग्रेस का पन्ना प्रभारी फॉर्मूला

विधानसभा के एक बूथ पर 800 से लेकर 1000 वोटर होते हैं, इनमें 50 मतदाता वोटर लिस्ट के एक पन्ने पर होते हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो एक विधानसभा में 250 से 300 बूथ होते हैं। इसलिए एक कार्यकर्ता को कम से कम 50 मतदाताओं को साधने की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके लिए कांग्रेस संगठन द्वारा बूथ प्रभारी, सेक्टर इंचार्ज, मंडलम, ब्लॉक और जिला पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी है। पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी गई हैै। कांग्रेस ने हर विधानसभा क्षेत्र में एक कमेटी बनाई है। 90 दशक के बाद पहली बार संगठन चुनाव लड़ने जा रहा है। अभी तक कांग्रेस के उम्मीदवार अपनी निजी सेनाओं के दम पर चुनाव लड़ते रहे और जीतते आ रहे थे। उम्मीदवारों के नामों की मंथन कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने संभावित प्रत्याशियों को यह बता दिया है कि चुनाव मैदान की कमान संगठन के लोग संभालेंगे। संभावित प्रत्याशियों के नामों पर मंथन कर रहे कमलनाथ ने दावेदारों को दो टूक शब्दों में कह दिया है कि वे अपने निजी सेनाओं को चुनाव में संगठन की व्यवस्था के अनुरूप तैनात करें। कांग्रेस, खासकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के लिए उपचुनाव 20-20 क्रिकेट से कम नहीं है।

- अरविंद नारद

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