05-Apr-2021 12:00 AM
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मप्र में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की घोषणा भले ही नहीं हुई है, लेकिन डकैतों की सक्रियता शुरू हो गई है। पाठा के जंगल से लेकर चंबल के बीहड़ में डकैतों की आहट सुनाई दे रही है।
कुछ साल पहले तक डकैतों के लिए कुख्यात चंबल के बीहड़ में एक बार फिर से डकैतों की आहट तेज हो गई है। हालांकि माना यह जा रहा है कि प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के कारण डकैत सक्रिय हो गए हैं। उप्र और मप्र की सीमा पर स्थित पाठा के जंगलों में भी डकैतों की सक्रियता बढ़ गई है। लेकिन ग्वालियर-चंबल संभाग में डकैतों की सक्रियता चुनावी नहीं है, बल्कि डकैत अपहरण और फिरौती के काम में जुट गए हैं। हाल ही में कई ऐसी घटनाएं सामने आईं जिससे यह कहा जा सकता है कि बीहड़ में डकैत पनपने लगे हैं। श्योपुर के विजयपुर में डकैतों द्वारा मुरैना जिले के युवक (सरकारी स्कूल के शिक्षक) के अपहरण ही घटना ने चंबल अंचल में डकैतों की आहट फिर तेज कर दी है। हकीकत यह है कि मुरैना व श्योपुर के जंगलों में बीते 4 से 5 महीने से डकैतों की गतिविधियां फिर तेज हो गई हैं।
गौरतलब है कि सबलगढ़ निवासी पवन गुप्ता सरकारी शिक्षक हैं और विजयपुर जनपद के बीसा प्राइमरी स्कूल में पदस्थ हैं। गत दिनों पवन गुप्ता अपनी बाइक से स्कूल जा रहे थे तभी हथियारबंद बदमाशों ने उनका अपहरण कर लिया और 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी, लेकिन चारों ओर से पुलिस दबाव के कारण शिक्षक को मुक्त करके डकैत जंगल में भाग गए। इस घटना में 60 हजार के ईनामी डकैत गुड्डा गुर्जर के अलावा दो अन्य गैंगों पर भी पुलिस का संदेह जा रहा है। जानकर हैरानी होगी कि डकैतों ने श्योपुर-मुरैना क्षेत्र में यह पहला अपहरण नहीं किया है। इससे डेढ़ महीने पहले ही विजयपुर के गांवड़ी गांव से सरपंच के बेटे का अपहरण हुआ था। इसके अलावा डकैतों की यह टोलियां मुरैना जिले के निरारा, पहाड़गढ़ और सुमावली थाना क्षेत्र में जंगल में बसे गांवों में दहशत फैला रहे हैं। यह बदमाश ग्रामीणों से रसद वसूली कर रहे हैं। करीब ढाई महीने पहले सुमावली क्षेत्र में मधुमक्खी पालन करने वाले एक किसान को भी डकैतों ने लूट लिया था, इस लूट के बाद ही गुड्डा गुर्जर पर ईनाम की राशि और बढ़ाई गई, पर पुलिस उस तक पहुंच नहीं पाई।
विजयपुर थाने की जद में आने वाले गांवड़ी पंचायत के सरपंच निरी जाटव के बेटे सतीश जाटव का 14-15 फरवरी की रात 1 बजे अपहरण हुआ था। जब अपहरण हुआ था तब सतीश जाटव एक तालाब में जेसीबी से खुदाई करवा रहा था, तभी चार हथियारबंद बदमाश उसे उठा ले गए और छोड़ने के एवज में 5 लाख रुपए की फिरौती मांगी। सूचना मिलते ही विजयपुर थाने की पुलिस गांव में पहुंची और कुछ देर बाद लौट आई। बताया गया है कि सरपंच निरी जाटव ने बेटे की जान का खतरा बताते हुए पुलिस की मदद लेने से इंकार कर दिया। इसके बाद सरपंच ने 5 लाख रुपए की फिरौती डकैतों तक पहुंचाई उसके बाद 15-16 फरवरी की रात में बदमाशों ने सतीश जाटव को बेरखेड़ा के जंगल में मुक्त किया। यह चारों डकैत पैदल ही थे और पुलिस ने इनकी घेराबंदी के लिए कोई भी योजना नहीं बनाई। सरपंच के बेटे के मुक्त होने के बाद भी पुलिस ने कोई खास पहल नहीं की, इसी का असर है कि डकैतों के हौसले बुलंद होते गए।
मुरैना-श्योपुर के जंगलों में 60 हजार रुपए के ईनामी गुड्डा गुर्जर के अलावा दो और गैंगों की सक्रियता बढ़ गई है। पुलिस सूत्रों की मानें तो मुरैना जिले के बरबासिन गांव में हत्या करके फरार हुए 6-7 आरोपित भी बंदूकें लेकर जंगल में उतर गए हैं। हत्या के यह आरोपित जंगल में अपना दबदबा बढ़ाने के लिए गुड्डा गुर्जर के खात्मे का भी प्रयास कर चुके हैं। इनके अलावा विजयपुर के भुजपेरिया गांव से हत्या के आरोप में फरार चल रहे तीन बदमाशों द्वारा भी जंगल में शरण लेने और अपना गैंग बनाकर डकैती की घटनाओं को अंजाम देने की चर्चाएं हैं। यह बदमाश गुड्डा गुर्जर के नाम पर जंगली क्षेत्र के गांवों में दहशत फैला रहे हैं। आईजी चंबल रेंज मनोज शर्मा कहते हैं कि शिक्षक के अपहरण की घटना में पहला शक गुड्डा गुर्जर गैंग पर ही है, लेकिन इसके अलावा अन्य गैंग के मूवमेंट भी जंगल में हैं, यह बात सही है। हमारी टीमें जंगल के हर क्षेत्र में सर्चिंग कर रही हैं। गांवड़ी के सरपंच के बेटे के अपहरण की सूचना तो थी, लेकिन 5 लाख की फिरौती देकर मुक्त होने की जानकारी मुझे नहीं है।
वहीं डकैतों को फिरौती देकर मुक्त हुए सरपंच पुत्र सतीश जाटव का कहना है कि रात 1 बजे चार बदमाश, जिनमें से दो के पास बंदूकें थीं। एक बदमाश की भाषा मुरैना क्षेत्र जैसी थी। ये बदमाश मुझे पैदल चलाकर हीरामन-झिरन्या के जंगल में ले गए। दूसरे दिन मेरे पिता नोटों की गड्डियां लेकर आए, पिता रोने लगे तो एक डकैत ने उन्हें 10 हजार रुपए लौटा दिए। डकैतों पर रुपए पहुंच गए तब वो मुझे बेरखेड़ा के पास छोड़ गए। इसके बाद भी यह डकैत कई बार गोहटा, गांवड़ी, पचनया के आसपास देखे गए हैं। मैं इनके साथ 24 घंटे रहा हूं और चारों बदमाशों को पहचान सकता हूं।
डकैतों की मार से टूटा शिक्षक का हाथ
डकैतों के चंगुल से मुक्त हुए शिक्षक पवन गुप्ता को डकैतों ने इतना मारा कि उनका सिर फूट गया और एक हाथ भी टूट गया है। गत दिनों घायल शिक्षक को उनके स्वजन मुरैना में अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके गुप्ता के यहां लाए, जहां एक हाथ में फे्रक्चर बताया गया और उसके बाद प्लास्टर चढ़ाकर शिक्षक को आराम करने की सलाह देकर घर भेज दिया गया।
- राकेश ग्रोवर