मप्र में जब भी चुनावी माहौल होता है ऑडियो-वीडियो सामने आने लगते हैं। उपचुनाव की दस्तक से पहले मप्र की राजनीति में इन दिनों ऑडियो की राजनीति गरमाई हुई है। इसके निशाने पर सिंधिया हैं।
मप्र की राजनीति में इन दिनों ऑडियो की राजनीति गरमाई हुई है। ऑडियो की राजनीति के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रदेश की राजनीति के केंद्र में है। आश्चर्य की बात यह है कि सोशल मीडिया पर चार ऑडियो क्लिप जारी हुई हैं। एक में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस की कमलनाथ सरकार सिंधिया के सहयोग से गिराने की बात कह रहे है तो दूसरे में अशोकनगर की कांग्रेस नेत्री से बातचीत करते स्वयं ज्योतिरादित्य सिंधिया सुनाई दे रहे है। तीसरे ऑडियो में मौ टीआई राजकुमार शर्मा सामने वाले व्यक्ति से कह रहे हैं कि महाराज मुझे लहार ले जा रहे हैं। वहीं चौथे ऑडियो में सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्री इमरती देवी एक युवक को आंख फोड़ने की धमकी दे रही हैं। उपचुनाव से पहले आने वाले इन ऑडियो ने प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। वहीं कांग्रेस को मौका दे दिया है कि वह सरकार के खिलाफ माहौल बना सके। इन वायरल ऑडियो ने मप्र की सियासत एक बार फिर गरमा दी है। जहां एक बार फिर कांग्रेस हमलावर हो गई है तो दूसरी ओर भाजपा बचाव की मुद्रा में दिख रही है।
पहला ऑडियो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इंदौर दौरे के दौरान 8 जून का बताया जा रहा है जिसका एक वीडियो भी वायरल हो गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के वायरल ऑडियो और अब वीडियो में केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिराने का जिक्र कर रहे हैं। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी सिलावट के बलिदान की बातें करते हुए सुनाई दे रहे हैं। इस ऑडियो के बाद ट्वीट का दौर चला और एक-दूसरे पर आरोप लगाए गए।
दूसरा ऑडियो विधानसभा चुनाव 2018 के समय का है जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस नेत्री अनीता जैन से टिकट न दिलवा पाने पर अफसोस जता रहे हैं। अनीता जैन ज्योतिरादित्य सिंधिया से किसी पाराशर के कहने पर 50 लाख रुपए किसी अग्रवाल के पास रखवाने की बात कर रही हैं। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानक अग्रवाल ने सिंधिया पर बड़ा आरोप लगाया है। अग्रवाल ने इससे संबंधित एक पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर कर कहा है कि सिंधिया ने भोपाल के कांग्रेसी मित्र के साथ मिलकर भाजपा से कांग्रेस में आए सरताज सिंह को टिकट बेचा है। मानक अग्रवाल ने अपने पोस्ट में लिखा, अशोकनगर की अनीता ने जिस तरीके से सिंधिया पर आरोप लगाया कि उनके पीए पाराशर के कहने पर परशु अग्रवाल के पास 50 लाख रुपए टिकट के लिए रखवा दिए थे। इसी तरीके से होशंगाबाद विधानसभा का टिकट सरताज सिंह को एक करोड़ रुपए में उनके भोपाल के एक कांग्रेसी मित्र ने मिलकर दिलवाया था।
तीसरा ऑडियो ग्वालियर जिले के मौ टीआई राजकुमार शर्मा का वायरल हुआ है। इसमें वे सामने वाले व्यक्ति से कह रहे हैं कि मंत्री की कथनी और करनी में अंतर है। सामने वाला व्यक्ति कहता है कि मेरी विधानसभा में आ जाओ। वहां तुम्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। टीआई बोलते हैं कि नहीं महाराज मुझे लहार ले जा रहे हैं। सामने वाला फिर पूछता है लहार। इस पर टीआई बोलते हैं कि गोविंद सिंह के खिलाफ महाराज सिंधिया ले जा रहे हैं। हालांकि इस मामले में टीआई राजकुमार शर्मा का कहना है कि यह उनके खिलाफ साजिश है। वायरल करने वाले को नोटिस दूंगा। वही पूर्व मंत्री एवं लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने टीआई पर कार्रवाई के लिए डीजीपी विवेक जौहरी को चिट्ठी लिखी है।
चौथा ऑडियो ज्योतिरादित्य सिंधिया की कट्टर समर्थक और कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुकीं इमरती देवी से जुड़ा है। जिसमें वे एक युवक को आंख फोड़ने की धमकी दे रही हैं। इन चारों ऑडियो से प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। कांग्रेस इनको आधार बनाकर भाजपा सरकार को घेरने की तैयारी में है। कहा जा रहा है कि उपचुनाव से पहले कई और ऑडियो-वीडियो मप्र की राजनीति में तहलका मचाएंगे।
शह और मात का खेल
उपचुनाव और राज्यसभा की तीन सीटों पर होने वाले चुनाव की राजनीति में शह और मात का खेल शुरू हो गया है। जिसमें अपनी-अपनी जमीन बचाने के लिए महाराजा और राजा की लड़ाई चरम पर है और जिसके मजे प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा ले रही है। लेकिन यह किसी से छुपा नहीं है कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में भी सिंधिया सरकार चल रही थी तो अब भाजपा की शिवराज सरकार में भी सिंधिया सरकार अपना काम बखूबी कर रही है। उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शिवराज के ऑडियो को लेकर मोर्चा संभाल लिया है। दिग्विजय सिंह का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के इशारे पर मध्य प्रदेश में कांग्रेस की चुनी हुई सरकार गिराने का यह खेल खेला गया जिसमें सरकार गिराने वाले पूर्व विधायकों को मोटी रकम दी गई। तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक ट्वीट के जरिए सियासी तीर छोड़कर सियापति रामचंद्र की जय बोल दी। मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है। हमारा धर्म तो यही कहता है। और लोगों के लिए प्रश्न छोड़ दिया कि सियापति रामचंद्र की जय क्यों बोलो?
- विकास दुबे