आमतौर पर विनम्र और सौम्य दिखने वाले शिवराज सिंह चौहान ने सत्ता के अपने चौथे कार्यकाल में ये भी दिखा दिया है कि वे कितने सख्त स्वभाव के हैं। उनके स्वभाव का ये पहलू खासकर उस विधानसभा उपचुनाव में जोरदार जीत हासिल करने के बाद सामने आया है, जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा ने 19 सीटें और कांग्रेस ने महज 9 सीटें जीतीं। चौहान वैसे तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के धर्मनिरपेक्ष पथ पर अपने ही तरीके से चलते हैं, लेकिन अब चीजें बदल गई हैं। स्पष्ट रूप से दिखाई देता है कि मुख्यमंत्री हिंदुत्व की लाइन पर उस तरह से चल रहे हैं, जैसा वे पहले कभी नहीं चले। उनके भाषणों में अब बदलाव दिखाई देता है। उदाहरण के तौर पर उमरिया जिले में आयोजित रैली में दिया गया भाषण, जहां उन्होंने कहा- मैं मप्र की धरती पर लव जिहाद नहीं चलने दूंगा। इसके तुरंत बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने धर्म स्वातंत्र्य विधेयक (फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल 2020) का ड्राफ्ट तैयार करवा लिया, जिसमें जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कर शादी करने और उनकी मदद करने वालों को 5 साल की जेल का प्रावधान किया गया। बाद में 5 साल की जगह 10 साल की जेल का प्रावधान कर दिया। चौहान इस बिल को विधानसभा के आने वाले शीतकालीन सत्र में रखेंगे।
जब भी कभी कानून-व्यवस्था बिगड़ती है, खासकर महिलाओं से जुड़े आपराधिक मामलों में 'मामाÓ शिवराज दोषियों और आरोपियों पर हमेशा सख्त रहे हैं। उदाहरण के तौर पर भोपाल में एक अखबार के मालिक और चर्चित व्यक्ति प्यारे मियां को भी शिवराज की सख्ती का सामना करना पड़ गया। प्यारे मियां की सारी अवैध संपत्तियां नष्ट कर दी गईं। इनके अलावा भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित कई शहरों में मुख्यमंत्री की तरफ से स्थानीय प्रशासन को खुली छूट देकर अपराधियों की अवैध संपत्तियां नष्ट कर दी गईं। सरकार के ऐसे रवैये से जहां एक तरफ गुंडों और बदमाशों में अफरा-तफरी मची हुई है, वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री सिंह चौहान ने माफिया को अल्टीमेटम दिया है। जिसके साथ ही सरकार और प्रशासन की मंशा साफ जाहिर हो गई है। माफिया क ो लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी तरह के भू-माफिया अपना बोरिया-बिस्तर लेकर भाग जाएं, क्योंकि शिवराज सरकार प्रदेश के माफिया, गुंडों, बदमाश, दादा, पहलवान सहित सभी तरह के असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री कहते हैं कि सज्जन लोगों के लिए सरकार फूल की तरह कोमल है लेकिन बदमाशों के लिए बज्र की तरह कठोर है। ऐसे में सहकारिता क्षेत्र से जुड़े माफियाओं को सरकार नहीं छोड़ेंगी।
मप्र की जमीन पर पैर जमाने की कोशिश कर रहे ड्रग माफियाओं को उखाड़ फेंकने के लिए शिवराज ने गत दिनों वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाकर निर्देश जारी किए। इसी बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य के 800 हुक्का लाउंज को बंद करने के आदेश दिए। राज्य में 15 से 22 दिसंबर तक ड्रग माफियाओं के खिलाफ कैंपेन चलाया जाएगा। ये कैंपेन तब चलाया जा रहा है जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने प्रदेश के साथ उन 15 शहरों की लिस्ट शेयर की, जो ड्रग हब बनने के मुहाने पर खड़े हैं। इन शहरों में भोपाल, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर भी शामिल हैं। पुलिस ने सख्ती से भोपाल और इंदौर में ड्रग माफियाओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया और पिछले हफ्ते ही बड़ी मात्रा में नशे से जुड़ी सामग्रियां जब्त कीं। हाल ही में कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में चौहान ने सख्ती से कहा था कि जनता से जुड़े और ट्रांसफर केवल और केवल परफॉर्मेंस के आधार पर होंगे, टेबल के नीचे होने वाली डील से नहीं होंगे। कलेक्टरों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चली 7 घंटे की मीटिंग में उन्होंने कई कलेक्टरों को निर्देशों का पालन नहीं करने पर फटकार लगाई। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने नीमच के पुलिस अधीक्षक और कटनी के कलेक्टर को वहां से हटा दिया। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने उन आईजी और डीआईजी स्तर के अधिकारियों की लिस्ट मांगी है, जो तय मापदंडों पर परफॉर्म नहीं कर रहे। सूत्र ये भी बताते हैं कि मुख्यमंत्री जिलों में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी कर रहे हैं, खासकर उन जिलों में जहां भाजपा विधानसभा उपचुनाव हार गई।
अक्सर रेत माफियाओं के समर्थन का आरोप झेलने वाले शिवराज ने अवैध रेत उत्खनन करने वाले 647 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की और 2 करोड़ की रेत चोरी पकड़ी। इसके अलावा चिट-फंड कंपनियों के खिलाफ 184 केस दर्ज किए गए और निवेशकों को 17.60 करोड़ रुपए वापस दिलवाए गए। अक्टूबर तक 1711 केस साइबर अपराधियों के खिलाफ दर्ज किए गए। उनसे 1.97 करोड़ रुपए की रिकवरी की गई। वहीं भू-माफियाओं के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की गई। 234 केस में से 200 के खिलाफ एक्शन लिया गया। इस कार्रवाई से अकेले नवंबर माह में ही सरकार की 285 करोड़ की 315 हैक्टेयर की जमीन को फ्री कराया गया। इसी तरह राशन माफिया और मिलावटखोरों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
मंत्रियों और अफसरशाही को सख्त संदेश
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुशासन के लिए जहां मंत्रियों के कामकाज को आंकलन करने के लिए रेटिंग प्रणाली शुरू की है, वहीं अफसरों से कहा है कि अब हर माह एजेंडा दिया जाएगा, जिस पर काम करना होगा। उन्होंने दो टूक कहा है- सुशासन का मतलब स्पष्ट तौर पर समझ लें कि बिना लेन-देन के समय पर जनता का काम करना है। शासन की सुविधाओं का लाभ हर हाल में लोगों को मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि फोकस एजेंडे पर काम करना है। रूटीन गवर्नेंस प्रभावित न हो, रोजमर्रा के काम ना रुकें। लोग परेशान ना हों। प्रदेश की जनता की सेवा करने की तड़प जैसी मेरे दिल में है, वही आपको भी होना चाहिए। यदि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहा हूं तो आप भी दें। मेरा किसी से कोई राग द्वेष नहीं है। जो अच्छा करेगा, उसे सराहा जाएगा। लेकिन जिस ने गलती की, उसे हटाने में देर नहीं होगी।
- श्याम सिंह सिकरवार